पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ को अंतरिम राहत देते हुए उन्हें प्रधान शिक्षक (Head Teacher In Bihar) की परीक्षा देने की अनुमति दे दी है. चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है.
यह भी पढ़ें- खुशखबरी: STET 2019 क्वालिफाइड सभी अभ्यर्थी नियुक्ति के पात्र, बिहार सरकार ने जारी किया आदेश
याचिकाकर्ता संघ द्वारा प्रधान शिक्षक नियुक्ति नियमावली को भ्रामक बता कर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस नियमावली में सुधार की मांग की गई है. याचिकाकर्ता संघ ने प्रधान शिक्षक की नियुक्ति के लिए टीईटी को अनिवार्य करने की मांग करते हुए कहा है कि जब शिक्षक बनने के लिए भी टीईटी अनिवार्य है, तो देश के अन्य राज्यों की भांति प्रधान शिक्षक बनने के लिए भी टीईटी लागू करना चाहिए.
यह भी पढ़ें- हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी- 'सुविधा नहीं दे सकता रेलवे तो बंद कर दे पाटलिपुत्र स्टेशन'
मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने टीईटी एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षकों संघ को अंतरिम राहत देते हुए याचिकाकर्ताओं को प्रधान शिक्षक की परीक्षा देने की इस शर्त के साथ अनुमति दे दी है, परीक्षा का परिणाम इस याचिका पर कोर्ट के अंतिम फैसले पर लागू होगा. याचिकाकर्ता कोर्ट के फैसले से पहले किसी भी अधिकार का दावा नहीं कर सकेंगे.
यह भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट ने हीरावती देवी को पंचायत चुनाव लड़ने की दी अनुमति
बता दें कि सरकार की वर्तमान नियमावली के अनुसार टीईटी उत्तीर्ण शिक्षक प्रधान शिक्षक के लिए अयोग्य हैं. सरकार ने शुरुआत में बीएड शिक्षकों को बहाल किया था, फिर उन्हें ट्रेनिंग देनी पड़ी थी. अब सरकार की इस नियमावली के खिलाफ टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ ने अदालत में अपील की है.