पटनाः गलत याचिका दायर करने वालों के खिलाफ अब पटना हाईकोर्ट कार्रवाई करेगी. कोर्ट ने इसके लिए जुर्माना भी तय कर दिया है. इस मामले में कोर्ट ने एक याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, साथ ही आदेश दिया है कि इस तरह से गलत याचिका दायर करने से बचें. याचिका जनता से जुड़ी होनी चाहिए न कि स्वार्थ के लिए हो. निजी स्वार्थ के लिए याचिका दायर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पटना हाईकोर्ट ने निजी स्वार्थ से प्रेरित जनहित याचिकाओं के दायर किये जाने पर कड़ा रुख अपनाया.
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कोर्ट ने दी सख्त चेतावनीः एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने इस तरह की गलत जनहित याचिकाओं के दायर करने वाले सख्त चेतावनी दी. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की याचिकाओं के दायर करने वालों की न सिर्फ याचिकाएं खारिज की जाएगी, बल्कि उन पर आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जनहित याचिकाओं का उद्देश्य जनता से जुड़े उचित मामलें होने चाहिए. कोर्ट के समक्ष अपनी निजी स्वार्थ के लिए जनहित याचिकाओं का लाना दुरुपयोग करने के बराबर है.
पचास हजार रुपये का जुर्मानाः कोर्ट ने मंगलवार को ही एक जनहित याचिका दायर करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की. कॉन्ट्रेक्ट से सम्बंधित मामलें दायर करने पर याचिकाकर्ता को पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलें को जनहित याचिका के रूप में दायर करना इस व्यवस्था का दुरूपयोग है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दो माह के भीतर ये राशि बालसा के खाते में डालने का आदेश दिया. इसी तरह के एक अन्य मामलें जनहित याचिका को निजी स्वार्थ वाला कहा. इस मामलें में याचिकाकर्ता पर पांच हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया. कई दायर जनहित याचिकाओं को अधिवक्ताओं ने खुद ही वापस ले लिया.