पटना : पटना हाई कोर्ट ने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर किसी खास को जमीन पर कब्जा दिलाने के मामले में भागलपुर के सबौर के एसएचओ और सीओ के कार्यकलापों की जांच डीआईजी को करने का निर्देश दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने सुभाष कुमार चौधरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया. कोर्ट ने पूरे मामले की जांच करने के लिए डीआईजी को अपने अधीन जांच टीम का गठन करने का आदेश दिया.
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डीएम को डीआईजी की जांच में मदद करने का निर्देश : इसके साथ ही डीएम को जांच में सहयोग करने के लिए डीआईजी की ओर से मांगी गई सभी जरूरतों को उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया. कोर्ट को बताया गया कि सबौर के सीओ और सबौर थाना अंतर्गत जीरो माईल इंडस्ट्रियल एरिया के एसएचओ ने अपने पद का दुरुपयोग कर खास लोगों को जमीन पर कब्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. उनका कहना था कि आवेदक को जबरन विवादित स्थल से बेदखल कर खास को कब्जा दिला दिया.
निचली अदालत में चल रहा जमीन का मामला : बताया गया कि जमीन को लेकर निचली अदालत में केस लम्बित है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जमीन नापी के लिए दिये गये आवेदन पर सीओ ने कार्रवाई की. नापी आवेदन पर आवेदक को नोटिस दिया गया था. नापी के दौरान अमीन और एसएचओ मौजूद थे. इस मामले की सुनवाई के दौरान सीओ और एसएचओ कोर्ट में मौजूद थे. कोर्ट ने जब सीओ से जमीन पर कब्जा से सम्बंधित सवाल किया, तो सीओ का जवाब विरोधाभासी पाते हुए कहा कि सीओ सही जानकारी नहीं दे रहे हैं.
डीआईजी को जांच टीम गठित करने का निर्देश : कोर्ट ने प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए भागलपुर के डीआईजी को जांच टीम का गठन कर एसएचओ और सीओ के भूमिका की जांच करने का आदेश दिया. कोर्ट का कहना था कि क्या पुलिस बल के सहयोग से प्रतिवादी को जमीन पर कब्जा दिलाया गया हैं और आवेदक को बेदखल किया गया है. कोर्ट ने आदेश की प्रति डीआईजी और डीएम को भेजने का आदेश दिया. मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 6 नवम्बर,2023 निर्धारित की गयी है. इस बीच राज्य सरकार को जबाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया.