पटना: बिहार की राजधानी पटना में हार्डिंग पार्क (Harding Park) मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने फैसला देते हुए राज्य सरकार (State Government) और रेलवे (Railway) के बीच हुए समझौते को सही करार दिया. याचिकाकर्ता शंभू शरण सिंह की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे सोमवार को सुनाया गया.
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''राज्य सरकार और रेलवे के बीच एक समझौता हुआ था. इसके तहत हार्डिंग पार्क के दक्षिणी हिस्से को राज्य सरकार रेलवे को दिया जाना हैं. पटना जंक्शन के विकास के लिए राज्य सरकार ने रेलवे को 4.82 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है. इस भूमि पर रेलवे पटना स्टेशन के विस्तार और विकास के लिए कार्य करेगा.''- ललित किशोर, महाधिवक्ता, बिहार सरकार
हार्डिंग पार्क के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए यह रिट याचिका दी गई थी. इस पर हाईकोर्ट में लंबी बहस हुई थी. रेलवे राज्य सरकार को पटना साहिब स्टेशन से पटना घाट तक के उन्नीस एकड़ भूमि देगी, जिसमें राज्य सरकार विकास कार्य करेगी. साथ ही खगौल में रेलवे द्वारा राज्य सरकार को नौ एकड़ भूमि दी जाएगी.
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पटना हाईकोर्ट का फैसला इस मायने में महत्वपूर्ण है कि हार्डिंग पार्क के दक्षिणी हिस्से में जहां कभी बस अड्डा हुआ करता था, हार्डिंग पार्क से कभी बसें खुला करती थी. अब वह भूमि रेलवे को मिल गई है, जिसका उपयोग पटना रेलवे स्टेशन के विस्तार और विकास के लिए हो सकेगा. बता दें कि पूर्व मध्य रेल का बिहार सरकार से करार है कि दीघा रेल खंड के बदले बिहार सरकार हार्डिंग पार्क की जमीन देगी, जिसकी सहमति भी बन गई. इस बाबत डीपीआर भी पूर्व मध्य रेल ने तैयार कर लिया है. जिससे रेल यात्रियों को काफी सहूलियत होगी.