पटना: बगैर किसी प्रक्रिया के घर तोड़े जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जतायी है. कोर्ट ने भोजपुर के डीएम को मुआवजा राशि के चेक के साथ कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने रमाकांत सिंह की याचिका पर सुनवाई की.
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बिना आदेश के घर तोड़े जाने पर पटना हाईकोर्ट नाराज: याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गोपाल कृष्ण मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि बगैर किसी आदेश के याचिकाकर्ता का घर तोड़ दिया गया. उनका कहना था कि भोजपुर जिला के सीओ, गड़हनी ने बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए घर को तोड़ दिया. इसके बाद पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया.
भोजपुर डीएम को चेक के साथ उपस्थित होने का आदेश: कोर्ट के आदेश के बाद भोजपुर डीएम ने मामले की जांच करायी. जांच के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर डीएम ने गड़हनी के सीओ को निलंबित कर दिया. उनके खिलाफ आरोप गठन कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई. उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश पर भोजपुर डीएम ने मकान तोड़े जाने को लेकर क्षतिपूर्ति का आंकलन कर मुआवजा राशि देने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया.
कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी: क्षतिपूर्ति राशि का आकलन करने के बजाय कमेटी ने अपने रिपोर्ट में कहा कि गैर मजरूवा आम जमीन पर अतिक्रमण कर निर्माण किया गया था, जिसे सीओ के आदेश से हटा दिया गया. याचिकाकर्ता किसी प्रकार का क्षतिपूर्ति मुआवजा पाने का हकदार नहीं है. कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बगैर किसी आदेश के किसी का घर तोड़ा नहीं जा सकता. चाहे वह गैरमजरूआ जमीन पर ही क्यों ना बना हो.
11 सितंबर को अगली सुनवाई: कोर्ट ने पांच सदस्य कमेटी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने का आदेश डीएम,भोजपुर को दिया. साथ ही अगली तारीख पर डीएम को क्षतिपूर्ति का आकलन कर मुआवजा राशि का चेक लेकर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया. मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 11 सितंबर,2023 को तय की गई है.