पटना: पटना हाइकोर्ट ने स्वीकृत नक्शे के बगैर हुए निर्माण को अवैध घोषित करने के बाद अपार्टमेंट के लोगों को जबरन निकालने हेतु उनका बिजली कनेक्शन काटे जाने पर नाराजगी (High court angry on forcibly cutting power) जताई. कोर्ट ने पूर्णिया के डीएम, एसडीओ और नगर आयुक्त सहित वहां के उत्तर बिहार विद्युत आपूर्ति कंपनी के पूर्वी पश्चिमी प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है.
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रिट याचिका पर हुई सुनवाई : जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने डॉक्टर संजीव कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के सीनियर एडवोकेट विनायक कीर्ति सिंह को कहा कि उनके मुवक्किल यह सुनिश्चित करें कि आज ही एक घंटे के अंदर पूर्णिया के इस अपार्टमेंट की बिजलीआपूर्ति को तुरंत चालू किया जाए. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो सम्बंधित विद्युत कार्यपालक अभियंता हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना के लिए जिम्मेदार होंगे.
निवासियों को भवन खाली कर आदेश दिया था: याचिकाकर्ता के वकील पुरुषोत्तम झा ने कोर्ट को बताया कि एक निगरानी जांच के मामले में नगर आयुक्त ने उस अपार्टमेंट के चौथे तल्ले का निर्माण को अवैध करार कर भवन खाली कर आदेश दिया था. उस आदेश के को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता बिहार भवन निर्माण ट्रिब्यूनल में अपील दायर किया, लेकिन ट्रिब्यूनल में सदस्यों की संख्या नहीं होने के कारण वहां सुनवाई नहीं हो पा रही है.
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का याचिका दायर की: कोई कानूनी निदान नहीं देखते हुए याचिकाकर्ता ने आनन-फानन में हाईकोर्ट का याचिका दायर की. हाई कोर्ट में रिट याचिका के दायर होने की जानकारी के बावजूद पूर्णिया के नगर आयुक्त ने वहां के एडीओ को नगर आयुक्त के कार्यालय से निगरानी वाद में पारित आदेश के अनुपालन करने का निर्देश दिया. अनुमंडल अधिकारी ने आनन-फानन में बिना मकान खाली करने का नोटिस और मौका दिए ही 1 दिन के अंदर ही अपार्टमेंट के चौथा तल्ला को खाली कर सील करने की कार्रवाई कर दी.