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शराबबंदी कानून के उल्लंघन मामले में पटना HC सख्त, मुजफ्फरपुर SSP को कोर्ट में पेश होने का दिया आदेश

पटना हाई कोर्ट ने मुजफ्फरपुर के सीनियर एसपी को कोर्ट में आकर यह बताने का निर्देश दिया कि शराब माफियायों के खिलाफ अनुसंधान में इतना बिलंब क्यों हो रहा है. जस्टिस वीरेन्द्र कुमार ने शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामले अभियुक्त जीतेन्द्र राय की जमानत पर सुनवाई की.

पटना हाई कोर्ट
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Published : Mar 19, 2021, 12:56 PM IST

पटना: बिहार में पूर्ण रुप से शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद आए दिन तस्करी का मामला सामने आता रहता है. वहीं, इसके खिलाफ पटना हाई कोर्ट भी सख्त रुख अपना रहा है. कोर्ट ने इसी सिलसिले में मुजफ्फरपुर के सीनियर एसपी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

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कोर्ट ने एसपी से सवाल किया है कि शराब माफियायों के खिलाफ अनुसंधान में इतनी देरी क्यों हो रही है. जस्टिस वीरेन्द्र कुमार ने शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामले अभियुक्त जीतेन्द्र राय उर्फ जीतेन्द्र यादव की जमानत पर सुनवाई की. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते कहा कि अनुसंधान में विलंब होने का लाभ अभियुक्त को मिल जाता है.
8 अप्रैल को अगली सुनवाई
अदालत ने तब हैरानी जाहिर कि जब पता चला कि अभियुक्त के खिलाफ शराबबंदी कानून से जुड़े आधे दर्जन मामले दर्ज हैं. इसके बावजूद पुलिस ने ईमानदारी से अनुसंधान कार्य पूरा नहीं किया है. जिसके बाद यह फैसला लिया गया. वहीं, अब इस मामले अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.

पटना: बिहार में पूर्ण रुप से शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद आए दिन तस्करी का मामला सामने आता रहता है. वहीं, इसके खिलाफ पटना हाई कोर्ट भी सख्त रुख अपना रहा है. कोर्ट ने इसी सिलसिले में मुजफ्फरपुर के सीनियर एसपी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

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कोर्ट ने एसपी से सवाल किया है कि शराब माफियायों के खिलाफ अनुसंधान में इतनी देरी क्यों हो रही है. जस्टिस वीरेन्द्र कुमार ने शराबबंदी कानून के उल्लंघन के मामले अभियुक्त जीतेन्द्र राय उर्फ जीतेन्द्र यादव की जमानत पर सुनवाई की. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते कहा कि अनुसंधान में विलंब होने का लाभ अभियुक्त को मिल जाता है.
8 अप्रैल को अगली सुनवाई
अदालत ने तब हैरानी जाहिर कि जब पता चला कि अभियुक्त के खिलाफ शराबबंदी कानून से जुड़े आधे दर्जन मामले दर्ज हैं. इसके बावजूद पुलिस ने ईमानदारी से अनुसंधान कार्य पूरा नहीं किया है. जिसके बाद यह फैसला लिया गया. वहीं, अब इस मामले अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.

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