ETV Bharat / state

Bihar Budget 2022: पटना के किसानों को बजट से है काफी उम्मीदें, कहा- 'हमें राहत दे सरकार' - Patna farmers on Bihar Budget

केंद्रीय बजट के बाद अब बिहार का बजट (Bihar Budget 2022) 28 फरवरी को पेश किया जाएगा. एनडीए गठजोड़ वाली सरकार से बजट को लेकर सभी लोगों के साथ ही अन्नदाताओं को भी काफी उम्मीदें हैं. ऐसे ही कुछ किसानों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की है. पढ़िए पूरी खबर..

Patna farmers Expectations from Bihar Budget 2022
Patna farmers Expectations from Bihar Budget 2022
author img

By

Published : Feb 12, 2022, 5:24 PM IST

पटना: अब राज्यों में भी बजट की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में बिहार विधानमंडल के बजट सत्र (Budget Session of Bihar Legislature) के तारीखों की भी घोषणा कर दी गई है. 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट सदन में पेश होगा. राज्य सरकार महंगाई, बेरोजगारी को देखते हुए बजट पेश करेगी. ऐसे में बजट से सूबे के लोगों के साथ ही किसानों को भी काफी (Patna farmers Expectations from Bihar Budget 2022) उम्मीदें हैं.

पढ़ें- 25 फरवरी से 31 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी, एक क्लिक में जानें किस दिन क्या होगा

किसान (Patna farmers on Bihar Budget) सोनू कुमार ने बताया कि, किसानों को सबसे पहले उसके उपज के मूल्य की गारंटी मिले. फसल लगाया जाता है लेकिन फसल घर पहुंचेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है. कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ से किसान परेशान हैं. आज के समय में खेती करना घाटे का सौदा है, क्योंकि खेती से किसानों का भरण-पोषण नहीं हो पाता है.

"सरकार की घोषणाएं सिर्फ अखबारों में पढ़ने को मिलती है लेकिन किसानों तक लाभ नहीं पहुंच पाता है. सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि, किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके. किसानों के हित के लिए सरकार बजट में घोषणा करे. लोन को आसान बनाने की जरूरत है."- सोनू कुमार, किसान

पढ़ें- पटना जंक्शन पर रेल यात्री बजट से नाखुश, पूछने पर लगा दी कमियों की झड़ी

एक अन्य किसान कृष्णा सिंह ने बताया कि, सरकार बजट में ऐसी व्यवस्था करे जिससे सभी किसानों को लाभ मिल सके. जो फसल लगाते हैं उसका सही मुआवजा मिले. किसानों के लिए लोन लेने की सरल व्यवस्था हो. महंगाई इतनी बढ़ गई है लेकिन किसानों की फसल की कोई कीमत नहीं है.

"अभी रबी की फसल लगी हुई है और यह फसल घर तक पहुंचेगी या नहीं कोई किसान नहीं बता सकता है. कभी मौसम की मार तो कभी जानवरों के कारण हमारे फसल बर्बाद होते रहते हैं. ऐसे में इस बजट से उम्मीद है कि, सरकार किसान के हित में बजट पेश करेगी."- कृष्णा सिंह, किसान

बिहार के लिए कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें विकास की सबसे ज़्यादा संभावना जताई गई है. अगर बिहार के कृषि उत्पादों के लिए सही बाज़ार उपलब्ध करा दिये जाए तो इसे रोजगार का सृजन तो होगा ही साथ ही साथ, किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. बता दें कि, लगभग 60 से 70 फीसदी लोग कृषि पर निर्भर हैं. ऐसे में किसानों के लिए यह सरकार कितनी हितकारी है, यह बजट आने पर पता चलेगा. लेकिन इस बजट से बिहार के आम नागरिकों के साथ-साथ अन्नदाता भी काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं.

बता दें कि, बिहार विधानमंडल का सत्र 25 फरवरी से प्रारंभ होकर 31 मार्च तक चलेगा. सत्र के पहले दिन 25 फरवरी को राज्यपाल फागू चौहान दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे. 25 फरवरी को ही प्रदेश सरकार 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश करेगी. 26 और 26 को अवकाश की वजह से सदन स्थगित रहेगा. सदन की कार्यवाही 28 फरवरी को प्रारंभ होते ही सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट सदन में पेश करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि बीते वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 2022-23 के बजट में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी. वर्ष 2021-22 का बजट 2,18,302.70 करोड़ रुपये का था.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: अब राज्यों में भी बजट की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसी कड़ी में बिहार विधानमंडल के बजट सत्र (Budget Session of Bihar Legislature) के तारीखों की भी घोषणा कर दी गई है. 28 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट सदन में पेश होगा. राज्य सरकार महंगाई, बेरोजगारी को देखते हुए बजट पेश करेगी. ऐसे में बजट से सूबे के लोगों के साथ ही किसानों को भी काफी (Patna farmers Expectations from Bihar Budget 2022) उम्मीदें हैं.

पढ़ें- 25 फरवरी से 31 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र में कुल 22 बैठकें होंगी, एक क्लिक में जानें किस दिन क्या होगा

किसान (Patna farmers on Bihar Budget) सोनू कुमार ने बताया कि, किसानों को सबसे पहले उसके उपज के मूल्य की गारंटी मिले. फसल लगाया जाता है लेकिन फसल घर पहुंचेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है. कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ से किसान परेशान हैं. आज के समय में खेती करना घाटे का सौदा है, क्योंकि खेती से किसानों का भरण-पोषण नहीं हो पाता है.

"सरकार की घोषणाएं सिर्फ अखबारों में पढ़ने को मिलती है लेकिन किसानों तक लाभ नहीं पहुंच पाता है. सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि, किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके. किसानों के हित के लिए सरकार बजट में घोषणा करे. लोन को आसान बनाने की जरूरत है."- सोनू कुमार, किसान

पढ़ें- पटना जंक्शन पर रेल यात्री बजट से नाखुश, पूछने पर लगा दी कमियों की झड़ी

एक अन्य किसान कृष्णा सिंह ने बताया कि, सरकार बजट में ऐसी व्यवस्था करे जिससे सभी किसानों को लाभ मिल सके. जो फसल लगाते हैं उसका सही मुआवजा मिले. किसानों के लिए लोन लेने की सरल व्यवस्था हो. महंगाई इतनी बढ़ गई है लेकिन किसानों की फसल की कोई कीमत नहीं है.

"अभी रबी की फसल लगी हुई है और यह फसल घर तक पहुंचेगी या नहीं कोई किसान नहीं बता सकता है. कभी मौसम की मार तो कभी जानवरों के कारण हमारे फसल बर्बाद होते रहते हैं. ऐसे में इस बजट से उम्मीद है कि, सरकार किसान के हित में बजट पेश करेगी."- कृष्णा सिंह, किसान

बिहार के लिए कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें विकास की सबसे ज़्यादा संभावना जताई गई है. अगर बिहार के कृषि उत्पादों के लिए सही बाज़ार उपलब्ध करा दिये जाए तो इसे रोजगार का सृजन तो होगा ही साथ ही साथ, किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. बता दें कि, लगभग 60 से 70 फीसदी लोग कृषि पर निर्भर हैं. ऐसे में किसानों के लिए यह सरकार कितनी हितकारी है, यह बजट आने पर पता चलेगा. लेकिन इस बजट से बिहार के आम नागरिकों के साथ-साथ अन्नदाता भी काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं.

बता दें कि, बिहार विधानमंडल का सत्र 25 फरवरी से प्रारंभ होकर 31 मार्च तक चलेगा. सत्र के पहले दिन 25 फरवरी को राज्यपाल फागू चौहान दोनों सदनों के सदस्यों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे. 25 फरवरी को ही प्रदेश सरकार 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश करेगी. 26 और 26 को अवकाश की वजह से सदन स्थगित रहेगा. सदन की कार्यवाही 28 फरवरी को प्रारंभ होते ही सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट सदन में पेश करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि बीते वित्तीय वर्ष की अपेक्षा 2022-23 के बजट में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी. वर्ष 2021-22 का बजट 2,18,302.70 करोड़ रुपये का था.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.