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Action Against Mafia: दियारा में छापेमारी के लिए डेजर्ट बाइक खरीदने की तैयारी में विभाग - desert bike

Bihar News बिहार में शराब के खिलाफ छापेमारी को लेकर उत्पाद विभाग कमर कसने के तैयारी में है. साथ ही पुलिस बालू खनन को लेकर भी छापेमारी अभियान चलाएगी. इसके लिए विभाग डेजर्ट बाइक खरीदने की तैयारी में है, जो बालू पर भी आसानी से चल सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 14, 2023, 7:19 PM IST

पटनाः बिहार के दियारा में शराब का धंधा करने वालों की खैर (raid against liquor) नहीं है. विभाग इसके लिए कमर कस ली है. बालू वाले क्षेत्र में छापेमारी के लिए डेजर्ट बाइक खरीदने की तैयारी में है. ताकि छापेमारी अभियान में बालू पर बाइक आसानी से चल सके. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर रहा है. सभी पहलुओं पर मंथन करने के बाद इससे जुड़े प्रस्ताव को विभाग के स्तर पर अंतिम रूप दिया जायेगा.

यह भी पढ़ेंः Firing In Patna: चली गोली.. किशोर की मौत.. मां बोली- 'हत्या हुई लेकिन'

तीन बाइक खरीदने की योजनाः शुरुआत में ऐसी दो से तीन बाइक खरीदने की योजना है. इसके बाद इसकी उपयोगिता साबित होने पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है. इस तरह की बाइक मुख्य रूप से चेन्नई, कर्नाटक में उडुपी के पास मालपी समुद्री किनारा समेत कुछ अन्य स्थानों पर पर्यटकों के लिए चलती हैं. लोग समुद्री किनारों पर सैर-सपाटा करने के लिए किराये पर लेकर इसका उपयोग करते हैं. बता दें कि इस बाइक में चार पहिए होते हैं. इन्हें एटीवी (ऑल टेरेन व्हेकिल्स) कहते हैं. इसकी कीमत इसकी क्षमता के मुताबिक होती है. आमूमन एक हजार सीसी की एटीवी की कीमत 10 से 12 लाख रुपये होती है. इससे कम क्षमता वाली की कीमत इससे कम है.

लगातार हो रही है छापेमारीः दअरसल गंगा, गंडक, कोसी के दियारा इलाकों खासकर गंगा के दियारा इलाकों के अंदर वाले इलाकों में अवैध रूप से भट्टी लगाकर चुलाई की शराब चोरी-छिपे बनायी जाती है. पटना, वैशाली, सारण, भोजपुर, बेगूसराय समेत अन्य जिलों के दियारा इलाकों में हमेशा सघन छापेमारी करके शराब की अवैध भट्टियों को तोड़ा जाता है. इस छापेमारी अभियान को अंजाम देने में पुलिस या उत्पाद विभाग के कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. सामान्य वाहन बालू में चल नहीं पाते और सुरक्षा बलों के पैदल पहुंचने में तस्कर या चुलाई की शराब बनाने वाले आसानी से भाग जाते हैं. इसके अलावा इन इलाकों में निरंतर गश्ती करने में भी काफी समस्या होती है. इन कारणों से एटीवी खरीदने पर विचार किया जा रहा है.

ड्रोन से हो रही कार्रवाईः दियारा या नदी किनारे के इलाकों में चौकसी बढ़ाने के लिए ड्रोन से लगातार निगरानी रखी जा रही है. इससे काफी सफलता भी मिली है. प्रत्येक सप्ताह ड्रोन से प्राप्त सूचना के आधार पर दर्जनों छापेमारी होती है. कुछ दिनों पहले उत्पाद विभाग में हाई पॉवर का ड्रोन लेने पर सहमति भी बनी है. फिक्स विंग वाले ये ड्रोन एक बार में 50 किमी की यात्रा कर सकता है. यानी आने और जाने में 100 किमी की यात्रा कर सकता है. मौजूदा ड्रोन की क्षमता 10 किमी तक ही उड़ने की है. इसके अलावा कुछ स्पीड वोट भी मंगवाये गये हैं, जिनकी मदद से नदी किनारों की चौकसी की जाती है.

पटनाः बिहार के दियारा में शराब का धंधा करने वालों की खैर (raid against liquor) नहीं है. विभाग इसके लिए कमर कस ली है. बालू वाले क्षेत्र में छापेमारी के लिए डेजर्ट बाइक खरीदने की तैयारी में है. ताकि छापेमारी अभियान में बालू पर बाइक आसानी से चल सके. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर रहा है. सभी पहलुओं पर मंथन करने के बाद इससे जुड़े प्रस्ताव को विभाग के स्तर पर अंतिम रूप दिया जायेगा.

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तीन बाइक खरीदने की योजनाः शुरुआत में ऐसी दो से तीन बाइक खरीदने की योजना है. इसके बाद इसकी उपयोगिता साबित होने पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है. इस तरह की बाइक मुख्य रूप से चेन्नई, कर्नाटक में उडुपी के पास मालपी समुद्री किनारा समेत कुछ अन्य स्थानों पर पर्यटकों के लिए चलती हैं. लोग समुद्री किनारों पर सैर-सपाटा करने के लिए किराये पर लेकर इसका उपयोग करते हैं. बता दें कि इस बाइक में चार पहिए होते हैं. इन्हें एटीवी (ऑल टेरेन व्हेकिल्स) कहते हैं. इसकी कीमत इसकी क्षमता के मुताबिक होती है. आमूमन एक हजार सीसी की एटीवी की कीमत 10 से 12 लाख रुपये होती है. इससे कम क्षमता वाली की कीमत इससे कम है.

लगातार हो रही है छापेमारीः दअरसल गंगा, गंडक, कोसी के दियारा इलाकों खासकर गंगा के दियारा इलाकों के अंदर वाले इलाकों में अवैध रूप से भट्टी लगाकर चुलाई की शराब चोरी-छिपे बनायी जाती है. पटना, वैशाली, सारण, भोजपुर, बेगूसराय समेत अन्य जिलों के दियारा इलाकों में हमेशा सघन छापेमारी करके शराब की अवैध भट्टियों को तोड़ा जाता है. इस छापेमारी अभियान को अंजाम देने में पुलिस या उत्पाद विभाग के कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. सामान्य वाहन बालू में चल नहीं पाते और सुरक्षा बलों के पैदल पहुंचने में तस्कर या चुलाई की शराब बनाने वाले आसानी से भाग जाते हैं. इसके अलावा इन इलाकों में निरंतर गश्ती करने में भी काफी समस्या होती है. इन कारणों से एटीवी खरीदने पर विचार किया जा रहा है.

ड्रोन से हो रही कार्रवाईः दियारा या नदी किनारे के इलाकों में चौकसी बढ़ाने के लिए ड्रोन से लगातार निगरानी रखी जा रही है. इससे काफी सफलता भी मिली है. प्रत्येक सप्ताह ड्रोन से प्राप्त सूचना के आधार पर दर्जनों छापेमारी होती है. कुछ दिनों पहले उत्पाद विभाग में हाई पॉवर का ड्रोन लेने पर सहमति भी बनी है. फिक्स विंग वाले ये ड्रोन एक बार में 50 किमी की यात्रा कर सकता है. यानी आने और जाने में 100 किमी की यात्रा कर सकता है. मौजूदा ड्रोन की क्षमता 10 किमी तक ही उड़ने की है. इसके अलावा कुछ स्पीड वोट भी मंगवाये गये हैं, जिनकी मदद से नदी किनारों की चौकसी की जाती है.

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