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पटना सीआरपीएफ कमांडेट की बड़ी पहल, पर्यावरण को बचाने के लिए 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य - etv news

पर्यावरण को बचाने के लिए पटना सीआरपीएफ (Patna CRPF ) के कमांडेंट मुना कुमार ने मुहिम चलाई है. उन्होंने 10 लाख पौधे लगाने का बीड़ा उठाया है. इसमें तरुण मित्र, एनसीसी कैडर, और स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएं उनकी मदद कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

planting 10 lakh saplings to save environment
planting 10 lakh saplings to save environment
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Published : Aug 3, 2022, 4:08 PM IST

पटना: बिहार के एक सीआरपीएफ के कमाण्डेन्ट ऑफिसर अपने कर्तव्यों के साथ साथ वातावरण और पर्यावरण को सुरक्षित रखने को लेकर मुहिम चला रहे हैं. कमांडेंट मुना कुमार (Patna CRPF Commandant Munna Kumar) के द्वारा राजधानी पटना में पर्यावरण के सुरक्षा के मद्देनजर पूरे बिहार में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य (planting 10 lakh saplings to save environment) रखा गया है.

पढ़ें- विश्व मृदा दिवस: पौधारोपण कर किसानों ने हानिकारक केमिकल का प्रयोग नहीं करने की ली शपथ

पर्यावरण बचाने की मुहिम : इस मुहिम में वह खुद के साथ-साथ तरुण मित्र, एनसीसी कैडर, और स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राओं जो खुद से इच्छुक हैं वैसे आम लोगों की भी मदद ले रहे हैं. उनके द्वारा राजधानी पटना के पार्क के अलावे सड़को के किनारे और शिक्षण संस्थानों में भी पौधा लगाया जा रहा है ताकि आने वाले समय में वातावरण दूषित ना हो.

10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य: सीआरपीएफ के कमांडेंट मुना कुमार की मानें तो जिस तरह से लगातार जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उसके मद्देनजर कहीं ना कहीं सड़कों का निर्माण किया जा रहा है नए नए भवन बन रहे हैं और इसके लिए कहीं ना कहीं पेड़ों की कटाई भी की जा रही है. आने वाले समय में ऑक्सीजन को लेकर बड़ी समस्या बन सकती है. इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने 10 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है.

"हमारे पूर्वजों के द्वारा पेड़ पौधे लगाए गए थे जिसका आनंद हम ले रहे हैं. हमारे द्वारा किया जा रहा है कार्य हमारे आने वाली अगली पीढ़ी के काम आएगा. जिस तरह से लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है यह कहीं से भी पर्यावरण और प्राकृतिक के मद्देनजर सही नहीं है."- मुना कुमार, कमांडेंट, पटना सीआरपीएफ

तीन स्तर पर अभियान : उन्होंने बताया कि तीन स्तर पर काम किया जा रहा है. पहले स्तर पर लगाए गए पेड़ों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है जैसे छोटे पेड़ों के लगाने के बाद उसके सुरक्षा के लिए चारों तरफ से गिरील लगा दिया जाता है लेकिन जब वही जब बड़ा हो जाता है तो उसकी कटाई की जाती है या पेड़ों में अपनी सुविधा के लिए लोगे कील ठोंक देते हैं यह कहीं से भी सही नहीं है. दूसरा अभियान उनके द्वारा खतरनाक पौधे को नष्ट करना है जैसे गाजर घास जलकुंभी इन सभी को उनके द्वारा खत्म किया जा रहा है. तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य की 10 लाख पौधे उनके द्वारा तैयार किया जा रहा है जिसे बिहार के सभी जगहों पर लगाया जाएगा.

2 लाख पौधे तैयार: मुना कुमार ने बताया कि अब तक 2 लाख पौधे तैयार किए जा चुके हैं इनमें से 1 लाख पौधे राज्य सरकार को मुहैया करवाई जाएगी और एक लाख वन विभाग को मुहैया कराई जाएगी. फिलहाल राजधानी पटना के तरुण मित्र जोकि 10 एकड़ में फैला है वहां पर पौधों को तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा पटना कॉलेज केंपस, मगध महिला कॉलेज केंपस और सीआरपीएफ के मोकामा हेड क्वार्टर में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा भी पौधे तैयार किए जा रहे हैं.

इन लोगों पर होगी पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी: जिन लोगों को भी जरूरत होगी उन्हें यह लोग पौधे मुहैया करवा रहे हैं. इसके अलावा जहां पर भी खाली जगह उन्हें दिखता है वैसे जगह पर पौधारोपण करते हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि पेड़ों की सुरक्षा को लेकर कई निजी संस्थाओं से भी वह लोग संपर्क में हैं.अगर 1000 पेड़ कहीं लगाया जाता है तो उसकी सुरक्षा को लेकर कई निजी संस्थाओं द्वारा मदद दी जाती है. इसके अलावा अगर 5000 पेड़ लगाया जाता है तो वन विभाग की ओर से एक कर्मचारी उसकी सुरक्षा के लिए मिलता है.

पटना: बिहार के एक सीआरपीएफ के कमाण्डेन्ट ऑफिसर अपने कर्तव्यों के साथ साथ वातावरण और पर्यावरण को सुरक्षित रखने को लेकर मुहिम चला रहे हैं. कमांडेंट मुना कुमार (Patna CRPF Commandant Munna Kumar) के द्वारा राजधानी पटना में पर्यावरण के सुरक्षा के मद्देनजर पूरे बिहार में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य (planting 10 lakh saplings to save environment) रखा गया है.

पढ़ें- विश्व मृदा दिवस: पौधारोपण कर किसानों ने हानिकारक केमिकल का प्रयोग नहीं करने की ली शपथ

पर्यावरण बचाने की मुहिम : इस मुहिम में वह खुद के साथ-साथ तरुण मित्र, एनसीसी कैडर, और स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राओं जो खुद से इच्छुक हैं वैसे आम लोगों की भी मदद ले रहे हैं. उनके द्वारा राजधानी पटना के पार्क के अलावे सड़को के किनारे और शिक्षण संस्थानों में भी पौधा लगाया जा रहा है ताकि आने वाले समय में वातावरण दूषित ना हो.

10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य: सीआरपीएफ के कमांडेंट मुना कुमार की मानें तो जिस तरह से लगातार जनसंख्या में वृद्धि हो रही है उसके मद्देनजर कहीं ना कहीं सड़कों का निर्माण किया जा रहा है नए नए भवन बन रहे हैं और इसके लिए कहीं ना कहीं पेड़ों की कटाई भी की जा रही है. आने वाले समय में ऑक्सीजन को लेकर बड़ी समस्या बन सकती है. इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने 10 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है.

"हमारे पूर्वजों के द्वारा पेड़ पौधे लगाए गए थे जिसका आनंद हम ले रहे हैं. हमारे द्वारा किया जा रहा है कार्य हमारे आने वाली अगली पीढ़ी के काम आएगा. जिस तरह से लगातार पेड़ों की कटाई की जा रही है यह कहीं से भी पर्यावरण और प्राकृतिक के मद्देनजर सही नहीं है."- मुना कुमार, कमांडेंट, पटना सीआरपीएफ

तीन स्तर पर अभियान : उन्होंने बताया कि तीन स्तर पर काम किया जा रहा है. पहले स्तर पर लगाए गए पेड़ों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है जैसे छोटे पेड़ों के लगाने के बाद उसके सुरक्षा के लिए चारों तरफ से गिरील लगा दिया जाता है लेकिन जब वही जब बड़ा हो जाता है तो उसकी कटाई की जाती है या पेड़ों में अपनी सुविधा के लिए लोगे कील ठोंक देते हैं यह कहीं से भी सही नहीं है. दूसरा अभियान उनके द्वारा खतरनाक पौधे को नष्ट करना है जैसे गाजर घास जलकुंभी इन सभी को उनके द्वारा खत्म किया जा रहा है. तीसरा सबसे बड़ा लक्ष्य की 10 लाख पौधे उनके द्वारा तैयार किया जा रहा है जिसे बिहार के सभी जगहों पर लगाया जाएगा.

2 लाख पौधे तैयार: मुना कुमार ने बताया कि अब तक 2 लाख पौधे तैयार किए जा चुके हैं इनमें से 1 लाख पौधे राज्य सरकार को मुहैया करवाई जाएगी और एक लाख वन विभाग को मुहैया कराई जाएगी. फिलहाल राजधानी पटना के तरुण मित्र जोकि 10 एकड़ में फैला है वहां पर पौधों को तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा पटना कॉलेज केंपस, मगध महिला कॉलेज केंपस और सीआरपीएफ के मोकामा हेड क्वार्टर में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा भी पौधे तैयार किए जा रहे हैं.

इन लोगों पर होगी पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी: जिन लोगों को भी जरूरत होगी उन्हें यह लोग पौधे मुहैया करवा रहे हैं. इसके अलावा जहां पर भी खाली जगह उन्हें दिखता है वैसे जगह पर पौधारोपण करते हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि पेड़ों की सुरक्षा को लेकर कई निजी संस्थाओं से भी वह लोग संपर्क में हैं.अगर 1000 पेड़ कहीं लगाया जाता है तो उसकी सुरक्षा को लेकर कई निजी संस्थाओं द्वारा मदद दी जाती है. इसके अलावा अगर 5000 पेड़ लगाया जाता है तो वन विभाग की ओर से एक कर्मचारी उसकी सुरक्षा के लिए मिलता है.

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