पटना: कोरोना महामारी को लेकर सभी चिंतित, डरे हुए हैं और वायरस की चपेट में बचने की जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसे में राजधानी पटना (सेंट्रल) के सिटी एसपी विनय तिवारी ने कोरोना पर 'तमस के पार' नाम की एक कविता लिखी है. इस कविता को खुद सुनाते हुए उन्होंने कई पहलुओं से रूबरू करवाया है.
जानकारी मुताबिक, विनय ने इस कविता को अपनी शादी की छुट्टी के दौरान बेतवा नदी के किनारे रणछोर धाम में रिकॉर्ड कराया है. अपनी कविता के माध्यम से उन्होंने कोरोना के कारण पनपी वेदना से लेकर उससे विजय के भाव तक को शब्दों में पिरोया है. उन्होंने कहा कि कोरोना पर लिखी कविता में अलग-अलग रस और भाव हैं. इसमें दुख, शोक, दुविधा, वीर रस, युद्ध, विजय, और भविष्य का भाव है. 'तमस के पार' का अर्थ होता है अंधकार के पार. उन्होंने अपनी कविता में तमाम भाव पिरोये हैं.
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भीषण महामारी से हम सभी व्यथित है। उसी महामारी की त्रासदी और उस पर विजय पाने की एक कल्पना इस काव्य के माध्यम से की है।आप सभी को शायद इस काव्य से महामारी से लडने के लिए कुछ शक्ति मिले और मुझे आपका आशीर्वाद और प्यार मिले। पूरी कविता यहां!https://t.co/qedGncFdUs@DrKumarVishwas pic.twitter.com/GBvgFr6QpR
— Vinay Om Tiwari (IPS)/विनय ॐ तिवारी (@IPSVinayTiwari) July 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Vinay Om Tiwari (IPS)/विनय ॐ तिवारी (@IPSVinayTiwari) July 26, 2020भीषण महामारी से हम सभी व्यथित है। उसी महामारी की त्रासदी और उस पर विजय पाने की एक कल्पना इस काव्य के माध्यम से की है।आप सभी को शायद इस काव्य से महामारी से लडने के लिए कुछ शक्ति मिले और मुझे आपका आशीर्वाद और प्यार मिले। पूरी कविता यहां!https://t.co/qedGncFdUs@DrKumarVishwas pic.twitter.com/GBvgFr6QpR
— Vinay Om Tiwari (IPS)/विनय ॐ तिवारी (@IPSVinayTiwari) July 26, 2020
कविता को लेकर लिखी पोस्ट
विनय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए, 'कई बार आप कोई काम शुरू करते हैं, स्वयं को शांत करने के लिए. परंतु उस कार्य को करते-करते उस यात्रा के क्रम में, उस कार्य में आनंद आने लगता है. हालांकि यह भी ध्रुव सत्य है कि इस भीषण महामारी के दौर में जब पूरी मानवीय संसृति एक साथ जूझ रही है, हम सब अपने-अपने कर्तव्य पथ पर डटे हुए प्रतिदिन मिश्रित स्थितियां देख रहें हैं.
हर शाम कल के बेहतरी के सपने देखते, कल की यात्रा पुनः और हौसले से प्रारंभ करने का संकल्प लिए जब एक अल्पविराम लेते हैं तो एक सतत चिंतन-प्रक्रिया हमारे मन-मष्तिष्क में चलती रहती है. इस स्थिति में रचनाधर्मी मन अपने लिए एक रचनात्मक कार्य शुरू कर देता है, जो इस तरह की जीवन स्थिति में सकरात्मकता का संचार कर दे और इसी प्रक्रिया में उतरते-रचते उस काम से प्रेम हो जाता है.
इन पंक्तियों को लिखते-पढ़ते समय मैंने ऐसी ही एक यात्रा की है, यह अंतस-चेतना की यात्रा है, जहां शरीर बैठा दिखता है, पर मन दौड़ता है, चेतना जाग्रत रहती है, आत्मा तृप्त होती है. लिखने और फिर एक लय में पढ़ने के बाद अब इस शांति में आनंद आने लगा है. यह सतचित्त आनंद सरीखा है, जहाँ लगता है, जैसे मन डर के आगे निकल गया है. कल क्या होगा, क्या नहीं होगा की चिंतनधारा से आगे निकल गया है. भीषण महामारी से हम सभी व्यथित है पर मानव सभ्यता का इतिहास उसके विकसनशील प्रक्रिया और अदम्य हौसले का इतिहास भी है.
कौन हैं विनय तिवारी
- विनय तिवारी यूपी के ललितपुर जिले के भलवारा गांव के रहने वाले हैं.
- बिहार कैडर से आईपीएस अधिकारी हैं.
- आपने आईआटी बनारस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है.
- 2015 में यूपीएससी में सफलता हासिल की थी.
- विनय तिवारी बीते तीन-चार वर्षों से कविता और कहानी लिख रहे हैं.
- अभी वो 'Mathematics and principle of life' नाम से एक किताब लिख रहे हैं.