पटनाः उत्तर बिहार की मशहूर अनरसा मिठाई काफी मशहूर है. इसकी डिमांड बिहार के अलावा कई राज्यों में है. लोग इसके स्वाद के इतने शौकीन हैं कि दूर दूर आकर खरीदारी करते हैं. इस मिठाई से पौरानिक कहानियां भी जुड़ी हुई है, जो इसे खास बनाया है.
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पूरे उत्तर बिहार इस मिठाई की डिमांडः त्योहार नजदीक आते ही पटना के आसपास के बाजारों में अनरसा की सौंधी-सौंधी खुशबू फैलने लगी है. इन दोनों पूरा मसौढ़ी बाजार गुलजार हो रहा है. बता दें कि अनरसा एक बरसाती मिठाई के रूप में भी जाना जाता है. पूरे उत्तर बिहार में अनरसा की काफी डिमांड होती है.
अनरसा मिठाई की रेसिपीः मसौढ़ी के कारीगर मनोज कुमार ने बताया कि यह अरवा चावल से बनता है. इसमें अरवा चावल का आटा, खोवा, तिल और कई सामग्रियों को मिलाकर (Anarsa Sweets Recipe) बनाया जाता है. अनरसा काफी स्वादिष्ट और लजीज होता है, जिसकी सौंधी सौंधी खुशबू भी लोगों को अपनी और आकर्षित कर देती है. मसौढी बाजार इन दिनों गुलजार हो गया है, हर तरफ दुकानों में अनरसा की मिठाई बनाई जा रही है. तीज और करमा पर्व में इसकी डिमांड होती है.
"यह अरवा चावल का आटा, खोया, तिल सहित अन्य प्रकार की सामग्री से बनाया जाता है. यह खाने में काफी लजीज औस स्वादिष्ट होता है. पूरे उत्तर बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी इसकी डिमांड रहती है. तीज और करमा पर्व में इसकी खूब बिक्री होती है." -मनोज कुमार, कारीगर, मसौढ़ी
पौराणिक कथाएंः यह एक पारंपरिक है मिठाई है. इसके साथ साथ इस मिठाई से पौराणिक कथाएं भी है. मान्यता है कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती साधना कर रही थी. माता पार्वती ने प्रसाद के रूप में इसी मिठाई का भोग लगाया था. यानि भगवान शिव को यह मिठाई काफी प्रिय माना जाता है. स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि बिहार में तीज और करमा पर्व में इस मिठाई की डिमांड बढ़ ताजी है.
"बिहार में अनरसा मिठाई एक लघु उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है. बिहार से अन्य राज्यों में भी इस मिठाई की सप्लाई की जाती है. पर्व त्योहारों में इसकी डिमांड बढ़ जाती है." -नवल भारती, सामाजिक कार्यकर्ता, मसौढी