पटना : नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह (President Draupadi Murmu's swearing-in ceremony) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं गए. इसे लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जिस तरह से इस मामले को लेकर बयान दे रहे हैं उससे कहीं न कहीं नीतीश के प्रति उनकी सहानुभूति साफ झलक रही है. इससे पहले भी कई बयानों में ऐसा देखा गया. प्रदेश राजद अध्यक्ष लगातार सहानुभूति दिखाते नजर आ रहे हैं (Jagdanand showed sympathy towards Nitish). आज भी जगदानंद सिंह ने साफ-साफ कहा कि कहीं भी संविधान में यह नहीं लिखा हुआ है कि राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण हो तो वहां सभी मुख्यमंत्रियों का होना अनिवार्य है. हो सकता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोई और काम हो. खास कर बिहार में जिस तरह से इस बार बुखार हुआ है, वह कई वर्षों बाद हुआ है. उससे कहीं न कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चिंतित हैं .कई तरह की परेशानियां उनके पास हैं यही कारण रहा होगा कि मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए.
नहीं जाने का सीधा मतलब है कि बिहार में हैं कई समस्याएं : जगदानंद सिंह ने साफ-साफ कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में नहीं जाने का सीधा-सीधा मतलब है कि बिहार में कई समस्याएं हैं, सुखाड़ है.ऐसी हालत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस जलसे में कैसे जा सकते हैं? वैसे यह बात वही बता सकते हैं कि आखिर कारण क्या है. जहां तक हम लोग देख रहे हैं निश्चित तौर पर कही न कही यही कारण होगा.
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राजद धीरे-धीरे बना रहा माहौल : कुल मिलाकर देखें तो जगदानंद सिंह ने अपने बयान के जरिए नीतीश कुमार के प्रति सहानुभूति जताई है इससे पहले भी कई ऐसे बयान आए थे जिसमें देखा गया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर राष्ट्रीय जनता दल धीरे-धीरे माहौल बना रहा है. आज भी मुख्यमंत्री जब राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गए हैं तो प्रदेश अध्यक्ष सीधा कहते नजर आ रहे हैं कि सुखाड़ को लेकर बिहार में जो समस्या है, कहीं न कहीं उससे मुख्यमंत्री काफी आहत हैं. यही कारण रहा है कि वह शपथ- ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए हैं.
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