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बेड की कमी से जूझ रहा है पटना PMCH, फर्श पर लेटकर इलाज कराने को मजबूर लोग - Superintendent of PMCH Dr. Vimal Karak

पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक ने बताया कि पीएमसीएच की इमरजेंसी में 110 बेड की क्षमता है और आए दिन 400 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. इसलिए आधे मरीजों को बेड कम होने की वजह से जमीन पर बैठकर इलाज कराना पड़ता है.

Patna
फर्श पर लेट कर इलाज करा रहे मरीज
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Published : Oct 15, 2020, 7:54 AM IST

पटना: राज्य के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अव्यवस्था का आलम लगातार बना हुआ है. बीते बुधवार के दिन अस्पताल के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के फर्स्ट फ्लोर पर बेड की कमी होने के कारण मरीज बाहर जमीन पर लेट कर इलाज कराते हुए नजर आए. इस दौरान सर्जिकल वार्ड के बाहर जहां-तहां कुत्ते भी घूमते हुए नजर आए. बताते चलें कि पीएमसीएच में मरीज और उनके परिजनों को कुत्ते के काटने की घटनाएं कई बार सामने आ चुकी है, लेकिन बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन सचेत नहीं हुआ है.

24 घंटों में भी नहीं उपलब्ध हुआ बेड
इस दौरान अपनी बच्ची का इलाज करा रही मुनचुन देवी ने बताया कि उनकी बच्ची को सर में चोट आई थी, जिसके वह सीटी स्कैन कराने आई हैं. उन्होंने बताया कि वह अस्पताल में लगभग 24 घंटे से मौजूद हैं, लेकिन उन्हें अभी तक बेड उपलब्ध नहीं हुआ है. इस कारण वह वार्ड के बाहर पॉलिथीन बिछा अपनी बच्ची का इलाज करा रही है.

देखें रिपोर्ट.

वार्ड के बाहर बैठकर इलाज करा रहे मरीज
वहीं, पास में ही अपना इलाज करा रही महिला नजमा ने बताया कि वह मंगलवार के दिन पीएमसीएच में एडमिट हुई है और बुधवार सुबह उन्हें सीडी वार्ड में शिफ्ट किया गया है. वार्ड में बेड फुल होने की वजह से उन्हें बेड नहीं मिला है और वह वार्ड के बाहर बैठकर इलाज करा रही है.

पीएमसीएच की इमरजेंसी में है 110 बेड की क्षमता
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक ने बताया कि पीएमसीएच की इमरजेंसी में 110 बेड की क्षमता है और आए दिन 400 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि यह गरीबों का अस्पताल है और यहां लोग आकर अपना इलाज कराते हैं, इसलिए वह किसी को हटा नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि बेड कम होने की वजह से मरीज जमीन पर बैठकर इलाज कराते हैं.

अस्पताल में जहां-तहां घूम रहे कुत्तों के लिए गार्ड नहीं जिम्मेवार
वहीं, अस्पताल में जहां-तहां कुत्तों के घूमते रहने पर पीएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि वह कुत्तों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुत्तों को भगाने के लिए निर्देश दिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल के वार्ड के फर्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर तक कुत्ते चले आ रहे हैं. इसके लिए गार्ड जिम्मेवार नहीं है. उन्होंने कहा कि कुत्तों को एक जगह से हटाया जाता है तो दूसरे जगह चले जाते हैं.

पटना: राज्य के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अव्यवस्था का आलम लगातार बना हुआ है. बीते बुधवार के दिन अस्पताल के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के फर्स्ट फ्लोर पर बेड की कमी होने के कारण मरीज बाहर जमीन पर लेट कर इलाज कराते हुए नजर आए. इस दौरान सर्जिकल वार्ड के बाहर जहां-तहां कुत्ते भी घूमते हुए नजर आए. बताते चलें कि पीएमसीएच में मरीज और उनके परिजनों को कुत्ते के काटने की घटनाएं कई बार सामने आ चुकी है, लेकिन बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन सचेत नहीं हुआ है.

24 घंटों में भी नहीं उपलब्ध हुआ बेड
इस दौरान अपनी बच्ची का इलाज करा रही मुनचुन देवी ने बताया कि उनकी बच्ची को सर में चोट आई थी, जिसके वह सीटी स्कैन कराने आई हैं. उन्होंने बताया कि वह अस्पताल में लगभग 24 घंटे से मौजूद हैं, लेकिन उन्हें अभी तक बेड उपलब्ध नहीं हुआ है. इस कारण वह वार्ड के बाहर पॉलिथीन बिछा अपनी बच्ची का इलाज करा रही है.

देखें रिपोर्ट.

वार्ड के बाहर बैठकर इलाज करा रहे मरीज
वहीं, पास में ही अपना इलाज करा रही महिला नजमा ने बताया कि वह मंगलवार के दिन पीएमसीएच में एडमिट हुई है और बुधवार सुबह उन्हें सीडी वार्ड में शिफ्ट किया गया है. वार्ड में बेड फुल होने की वजह से उन्हें बेड नहीं मिला है और वह वार्ड के बाहर बैठकर इलाज करा रही है.

पीएमसीएच की इमरजेंसी में है 110 बेड की क्षमता
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक ने बताया कि पीएमसीएच की इमरजेंसी में 110 बेड की क्षमता है और आए दिन 400 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि यह गरीबों का अस्पताल है और यहां लोग आकर अपना इलाज कराते हैं, इसलिए वह किसी को हटा नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि बेड कम होने की वजह से मरीज जमीन पर बैठकर इलाज कराते हैं.

अस्पताल में जहां-तहां घूम रहे कुत्तों के लिए गार्ड नहीं जिम्मेवार
वहीं, अस्पताल में जहां-तहां कुत्तों के घूमते रहने पर पीएमसीएच के अधीक्षक ने कहा कि वह कुत्तों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुत्तों को भगाने के लिए निर्देश दिए हुए हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल के वार्ड के फर्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर तक कुत्ते चले आ रहे हैं. इसके लिए गार्ड जिम्मेवार नहीं है. उन्होंने कहा कि कुत्तों को एक जगह से हटाया जाता है तो दूसरे जगह चले जाते हैं.

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