पटना: प्रदेश भर में जूनियर डॉक्टरों का विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है. ऐसे में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सीय सेवा काफी चरमरा सी गई. बता दें कि प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर और इंटर्न के भरोसे ही चलते हैं. जूनियर डॉक्टर 4 से 5 बार मरीजों को आकर देखते हैं और उनके स्वास्थ्य की निगरानी रखते हैं. इस समय डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से पीएमसीएच बुरी तरह प्रभावित है.
पीएमसीएच की सेवा ठप
पीएमसीएच के ऑर्थो डिपार्टमेंट में जूनियर डॉक्टरों की स्ट्राइक का गंभीर असर देखने को मिल रहा है. और यहां पिछले 2 दिन में मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है. वजह यह है कि मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. जूनियर डॉक्टरों की स्ट्राइक की वजह से ऑर्थो डिपार्टमेंट में मरीजों का प्लास्टर और ड्रेसिंग पूरी तरह से बंद है. इस वजह से ऑर्थो के जो मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. वह निराश होकर अस्पताल से लौट जा रहे हैं. शुक्रवार के दिन क्रिसमस डे होने की वजह से अस्पताल का ओपीडी बंद रहा. हालांकि, सर्जिकल इमरजेंसी में भी मरीजों की संख्या कम हुई है. शुक्रवार के दिन 38 मरीज ही एडमिट हुए.
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर
पीएमसीएच में 300 से अधिक जूनियर डॉक्टर है और सभी हड़ताल पर हैं. ऐसे में जाहिर है कि चिकित्सीय सेवा प्रभावित होनी ही है. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से ही स्थिति यह उत्पन्न हो गई है कि मरीजों को कैथेटर तक नहीं लग पा रहे हैं. पीएमसीएच में बड़ी उम्मीद के साथ बिहार के दूरदराज इलाके से अपने मरीज को लेकर पहुंचे परिजन निराश नजर आ रहे हैं.
मरीज परेशान
मोतिहारी से अपने मरीज को लेकर पहुंचे देव प्रकाश ने बताया कि उनका मरीज पीएमसीएच के टाटा वार्ड में एडमिट है और वहां उनका सही इलाज नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि उनके मरीज का अल्ट्रासाउंड कराना है और अल्ट्रासाउंड कराने जाने पर उन्हें बताया जा रहा है कि डॉक्टर साहब अभी नहीं बैठ रहे हैं. ऐसे में अभी यह अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाएगा.
देव प्रकाश ने बताया कि वह अपने मरीज की स्थिति को लेकर काफी परेशान है और यहां सही इलाज नहीं हो पा रहा है. वह काफी लाचार महसूस कर रहे है. आरा से अपने मरीज को लेकर पहुंचे चंदन कुमार ने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी साफ नजर आ रही है. मरीज का उचित इलाज नहीं हो रहा है. और टेंपरेरी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है. उन्हें बताया कि अभी डॉक्टरों की कमी है क्योंकि डॉक्टर अभी हड़ताल पर हैं.
औरंगाबाद से अपने मरीज को लेकर पहुंचे विजय कुमार ने बताया कि उनके मरीज की स्थिति बहुत खराब है और मरीज ऑक्सीजन पर है. मरीज टाटा वार्ड में एडमिट है और उसे बेड तक उपलब्ध नहीं हो पाया है. ऐसे में जमीन पर उसका इलाज हो रहा है. उन्होंने बताया कि मरीज का इलाज तो हो रहा है मगर उचित उपचार नहीं हो पा रहा है.
औरंगाबाद से ही आए रामजी राम ने बताया कि उनके मरीज की हालत बहुत खराब है और अस्पताल में डॉक्टरों की कमी साफ नजर आ रही है. यहां के इलाज से उन्हें लगता नहीं है कि उनकी मरीज की स्थिति सुधरेगी. ऐसे में वह अपने मरीज को कहीं और ले जाने पर विचार कर रहे हैं.