पटनाः बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आंठवें दिन भी जारी है. जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड में बढ़ोतरी का मांग पर अड़े हुए हैं. इससे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा बुरे हालात पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में देखने को मिल रहा है.
11 मरीजों की हुई मौत
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से पीएमसीएच में व्यवस्था पर काफी असर देखने को मिल रहा है. अस्पताल के हथुआ वार्ड में 90 प्रतिशत बेड खाली हो गए हैं. हथुआ वार्ड में अब मात्र 10 प्रतिशत मरीज रह गए हैं जो डॉक्टरों के आने का इंतजार कर रहे हैं. बुधवार को जूनियर डॉक्टरों के आंठवें दिन के हड़ताल में 11 मरीजों की मौत हो गई. वहीं सैकड़ों ऑपरेशनों को टाला दिया गया.
"बिहार सरकार के प्रतिनिधी आकर हमारी समस्याओं को समझते और इसपर बात करते. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस ओर कोई पहल नहीं की गई है. जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती हमारा आंदोलन जारी रहेगा."- आकाश, जूनियर डॉक्टर, पीएमसीएच
जूनियर डॉक्टरों और सरकार के बीच लड़ाई
गौरतलब है कि राज्यभर के जूनियर डॉक्टर लगभग आज आठ दिन से हड़ताल पर हैं. जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि अब तक सरकार की तरफ से हड़ताल खत्म करवाने की पहल नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बयान के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है. जूनियर डॉक्टरों और सरकार के बीच की इस लड़ाई में इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं.