पटना: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में लगातर बढ़ोतरी हो रही है. संक्रमित मरीजों की संख्या ने 15 हजार के आंकड़े को पार कर लिया है. संक्रमण आम लोगों के बीच से सियासी गलियारे तक जा पहुंचा है. संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने 10 जुलाई से 16 जुलाई तक संपूर्ण लॉकडाउन करने का ऐलान किया है.
कोरोना वायरस की इस गंभीर स्थिति को देखकर लोग काफी डरे हुए हैं. लोगों में इस बात को लेकर चिंता है कि अगर उन्हें संक्रमण हो गया तो वे क्या करेंगे? इस ऊहापोह की स्थिति से आपको बाहर निकालने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने कोरोना से ठीक होकर घर पहुंचें दिपक कुमार से बात की. दीपक संक्रमण के ठीक होने के बाद अब प्लाज्मा डोनेट कर दूसरे संक्रमित मरीजों की मदद कर रहे हैं.
'कोरोना से ज्यादा डरें और घबराएं नहीं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में संक्रमण से ठीक हुए दीपक ने बताया कि अब मैं स्वस्थ हूं और मेरे शरीर से संक्रमण भी दूर हो चुका है. यह मेरे लिए नई जिंदगी में कदम रखने जैसा अहसास है. संक्रमण से ठीक होने के बाद वे प्लाज्मा डोनेट कर दूसरे संक्रमित मरीजों की मदद कर रहे हैं. दीपक ने बताया कि लोग कोरोना से ज्यादा डरें और घबराएं नहीं. सावधानी बरतें और अपने स्वास्थ्य और सफाई का विशेष ध्यान रखें. डॉक्टर के दिशा-निर्देशों को सही तरीके से पालन कर आप इस वायरस से ठीक हो सकते हैं.
'पॉजिटिव सोच से दे संक्रमण को मात'
दीपक ने बताया कि 22 अप्रैल को उन्हें संक्रमण के बारे में पुष्टि की जानकारी मिली. उन्हें संक्रमण उनके भाई से हुआ था. उन्होंने बताया कि उसके पूरे परिवार में संक्रमण फैल चुका है. उसके पूरे परिवार का इलाज पटना के नएमसीएच में हुआ जहां डॉक्टर उन्हें विटामिन सी और मल्टी विटामिन की गोलियां देते थे. 7 मई को उनका जांच रिपोर्ट निगेटिव आया. जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें अभी अगले 14 दिन भी घर में ही रहने की सलाह दी है. अब वह वायरस से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं.
'अफवाहों पर नहीं दे ध्यान'
संक्रमण को मात देने के बाद दीपक ने बताया कि इस वायरस को लेकर कई तरह की अफवहें भी है. मैं लोगों से यही कहना चाहता हूं कि डरें नहीं और जितना संभव हो सके घरों में रहे. पूरी सावधानी बरतें. अगर जरा भी कोरोना के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत अस्पताल जाकर जांच कराएं. उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह भी दी है. दीपक ने बताया कि ये एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आपको सही दवाई और डॉक्टर का सही सुपरविजन मिलने पर आप पूरी तरह फिट होकर लौट सकते है. यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है और मैं इसका जीता जागता उदाहरण हूं.
'दो बार डोनेट कर चुके हैं प्लाजमा'
दीपक ने बताया कि वे संक्रमण से ठीक होने बाद से अब तक पटना एम्स में दो बार अपना प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. उनकी मदद से कोरोना संक्रमित गंभीर रूप से बीमार 2 लोगों की जान बचाई जा सकी है. 7 मई को बीमारी से उबरने के बाद वे सामान्य रूप से आपने काम पर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीमारी के दौरान उनकी एनएमसीएच के डॉक्टरों , उनकी कंपनी और उनके पड़ोसियों ने उनकी बहुत सहायता की है. वह बैंकिंग सेवा से जुड़े हैं. संक्रमण से निकलने के बाद वे लोगों को इस वायरस के प्रति जागरूक कर रहे हैं.