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जुनून ने गणित के शिक्षक को दी पहचान, देश भर में किया जिले का नाम रोशन

अक्सर देखने को मिलता है कि गणित जैसे विषय को छात्र कम ही पसंद करते हैं, क्योंकि गणित के कठिन सवालों से बच्चों को डर लगता है, लेकिन गणित के कठिन सवालों को हल करने की ट्रिक और पढ़ाने वाला शिक्षक उसे सरल बना दे तो बच्चों के लिए मैथ्स भी फैवरेट सब्जेक्ट बन जाता है. ऐसे ही गणित विषय को शिक्षक राजनारायण राजौरिया पिछले 25 सालों से बच्चों के लिए सरल बनाने में जुटे हुए हैं.

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Published : Oct 4, 2019, 11:31 PM IST

पटना

भिंड/ पटना: गणित विषय को शिक्षक राजनारायण राजौरिया पिछले 25 सालों से बच्चों के लिए सरल बनाने में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि उनके इन प्रयासों के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है. राजौरिया सर ने गणित को सरल रूप में सिखाने के लिए दो किताबें भी लिखी हैं. उनकी किताब भारतीय गणित विज्ञान कफी लोकप्रिय है. इतना ही नहीं राजौरिया ने घर में निकलने वाले वेस्ट मटेरियल जैसे लकड़ी, गत्ता, प्लास्टिक, वगैरा से सरल रूप से गणित सीखने के लिए सैकड़ों डिजाइन बनाए हैं. जिसकी मदद से खेल- खेल में बच्चे गणित समझ लेते हैं.

गणित के जुनून ने दी शिक्षक को पहचान

शिक्षक राजनारायण राजौरिया के जुनून को इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने घर में भी गणित की प्रयोगशाला बना रखी है. स्कूल के बाद भी वो बच्चों के कठिन प्रश्नों को हल करते हैं. शिक्षक की लगन के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें रामानुजन पुरस्कार से नवाजा है. साल 2014 में उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है.

एक ओर जहां चंबल का भिंड जिला शिक्षा और पिछड़ेपन का शिकार है, जहां पर रोजगार और शिक्षा के सीमित साधन है, उसके बावजूद एक शिक्षक गणित को सरल रूप में सिखाने और समझाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर बच्चों का भविष्य सवार रहा है.

भिंड/ पटना: गणित विषय को शिक्षक राजनारायण राजौरिया पिछले 25 सालों से बच्चों के लिए सरल बनाने में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि उनके इन प्रयासों के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है. राजौरिया सर ने गणित को सरल रूप में सिखाने के लिए दो किताबें भी लिखी हैं. उनकी किताब भारतीय गणित विज्ञान कफी लोकप्रिय है. इतना ही नहीं राजौरिया ने घर में निकलने वाले वेस्ट मटेरियल जैसे लकड़ी, गत्ता, प्लास्टिक, वगैरा से सरल रूप से गणित सीखने के लिए सैकड़ों डिजाइन बनाए हैं. जिसकी मदद से खेल- खेल में बच्चे गणित समझ लेते हैं.

गणित के जुनून ने दी शिक्षक को पहचान

शिक्षक राजनारायण राजौरिया के जुनून को इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने घर में भी गणित की प्रयोगशाला बना रखी है. स्कूल के बाद भी वो बच्चों के कठिन प्रश्नों को हल करते हैं. शिक्षक की लगन के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें रामानुजन पुरस्कार से नवाजा है. साल 2014 में उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है.

एक ओर जहां चंबल का भिंड जिला शिक्षा और पिछड़ेपन का शिकार है, जहां पर रोजगार और शिक्षा के सीमित साधन है, उसके बावजूद एक शिक्षक गणित को सरल रूप में सिखाने और समझाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर बच्चों का भविष्य सवार रहा है.

Intro:गोली और बोली के लिए जाना जाने वाला भिंड जिले के एक शिक्षक नई पहल कर देश भर में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं जहां बच्चों के लिए हव्वा समझे जाने वाले गणित विषय को राजनारायण राजोरिया पिछले 25 सालों से सरल बनाने में जुटे है। अपने इस जीवन के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है


Body:गोली और बोली के लिए जाना जाने वाला भिंड जिले के एक शिक्षक नई पहल कर देश भर में जिले का नाम रोशन कर रहे हैं जहां बच्चों के लिए हव्वा समझे जाने वाले गणित विषय को राजनारायण राजोरिया पिछले 25 सालों से सरल बनाने में जुटे हैं राजोरिया सर ने गणित को सरल रूप में सिखाने के लिए दो किताबें भी लिखी हैं भारतीय गणित विज्ञान और मजेदार गए लोकप्रिय हैं इतना ही नहीं राजौरिया ने घर में निकलने वाले वेस्ट जैसे लकड़ी गत्ता प्लास्टिक वगैरा से सरल रूप से गणित सीखने के लिए गणित की अवधारणा पर सैकड़ों ओरनमेंट्स बनाए हैं जैसे खेल खेल में बच्चे गणित समझ लेते हैं

बाइट- देवेंद्र शाक्य, छात्र
बाइट- सान्या, छात्रा

*गणित के लिए जुनून ने दिलाई पहचान
राजनारायण राजोरिया इन के जुनून को इस बात से समझा जा सकता है कि उनके पैर में फ्रैक्चर होने पर कराए गए एक्स-रे से भी उन्होंने एक एक्सपेरिमेंट बना डाला जिससे वह किसी भी गोलाकार वस्तु का क्षेत्रफल निकाल कर बच्चों को समझाते हैं उनकी इस लग्न के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें रामानुजन पुरस्कार से नवाजा है। साल 2014 में अभी गणित में अनुकरणीय कार्य के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी दिया गया है राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के साथ ही उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है राजोरिया को भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने गणित विषय के शिक्षण की ट्रेनिंग देने के लिए देश के चुनिंदा 12 रिसोर्स पर्सन में शामिल किया है राजोरिया देशभर में गणित विषय पर आधारित कार्यशाला और सेमिनार मैं व्याख्यान के लिए बुलाए जाते हैं अब तक वह 15 राज्यों और कई विश्वविद्यालयों में व्याख्यान दे चुके हैं

बाइट - राजनारायण राजौरिया, शिक्षक

*घर को बनाया प्रयोगशाला
अपने घर के कमरे को गणित की प्रयोगशाला बना चुके राजोरिया के घर स्कूल समय के बाद शहर के बच्चे जो गणित के जिज्ञासु हैं उनसे गणित के कठिन प्रश्नों को हल कराने आते हैं जिन्हें राजौरिया सरल रूप में अपने द्वारा बनाए गए एक्सपेरिमेंट्स के द्वारा सरल माध्यम में समझाते हैं

* ऑरिगामी तकनीक के जरिए सरल बनाया गणित
जहां राजौरी है कठिन माने जाने वाले गणित को अपने खास एक्सपेरिमेंट के जरिए समझाते हैं तो वहीं वे ऑरिगामी एक्सपेरिमेंट्स बनाकर गणित को समझाने का काम भी कर रहे हैं और एक आम ही जापानी तकनीक है जिसमें कागज के टुकड़ों के जरिए अलग-अलग शेप और साइज के ऑर्नामेंट्स तैयार होते हैं जो आपस में लॉक होकर कोई खास आकार बनाते हैं और आगामी में किसी तरह की गोंदिया किसी अन्य चीज का उपयोग नहीं किया जाता और एक हमें उदाहरणों से राजोरिया सर के छात्र खेल खेल में गणित सीख लेते हैं कहे तो राज नारायण राजोरिया की बदौलत आज स्कूल में गणित विषय में छात्र अधिकतम अंक लेकर अव्वल आते हैं और तो और उनकी इस पहल का श्रेय भी स्कूल का स्टाफ उनको देने में कोई कसर नहीं छोड़ता है

बाइट- श्रीनिवास शर्मा, हेडमास्टर, शासकीय माध्यमिक विद्यालय मध्यवर्गीय, भिंड


Conclusion:एक ओर जहां चंबल का भिंड जिला शिक्षा और पिछड़ेपन का शिकार है जहां पर रोजगार और शिक्षा के सीमित साधन है उसके बावजूद एक शिक्षक गणित को सरल रूप में सिखाने और समझाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर देश का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त कर सकता है तो सोचिए अगर सही संसाधन उपलब्ध हो तो देश से हजारों रामानुजन बनकर देश का भविष्य और देश की दशा और दिशा बदल सकते हैं

भिंड से ईटीवी भारत, मध्य प्रदेश।

नोट- यह एक बेहतरीन पैकेज बन सकता है मोबाइल पावर डायरेक्टर पर इतनी अच्छी एडिटिंग नहीं कर सकता था इसलिए इनपुट पर बात कर आपको रॉ विजुअल और बाइट उपलब्ध कराए हैं
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