भिंड/ पटना: गणित विषय को शिक्षक राजनारायण राजौरिया पिछले 25 सालों से बच्चों के लिए सरल बनाने में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि उनके इन प्रयासों के लिए उन्हें राष्ट्रपति ने भी सम्मानित किया है. राजौरिया सर ने गणित को सरल रूप में सिखाने के लिए दो किताबें भी लिखी हैं. उनकी किताब भारतीय गणित विज्ञान कफी लोकप्रिय है. इतना ही नहीं राजौरिया ने घर में निकलने वाले वेस्ट मटेरियल जैसे लकड़ी, गत्ता, प्लास्टिक, वगैरा से सरल रूप से गणित सीखने के लिए सैकड़ों डिजाइन बनाए हैं. जिसकी मदद से खेल- खेल में बच्चे गणित समझ लेते हैं.
शिक्षक राजनारायण राजौरिया के जुनून को इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने घर में भी गणित की प्रयोगशाला बना रखी है. स्कूल के बाद भी वो बच्चों के कठिन प्रश्नों को हल करते हैं. शिक्षक की लगन के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें रामानुजन पुरस्कार से नवाजा है. साल 2014 में उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया है.
एक ओर जहां चंबल का भिंड जिला शिक्षा और पिछड़ेपन का शिकार है, जहां पर रोजगार और शिक्षा के सीमित साधन है, उसके बावजूद एक शिक्षक गणित को सरल रूप में सिखाने और समझाने के लिए नए-नए तरीके इजाद कर बच्चों का भविष्य सवार रहा है.