पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को बड़ा झटका लगा. पार्टी ने पहली बार पिछले 4 विधानसभा चुनाव में सबसे कम सीट पर जीत हासिल की. इसे देखते हुए पार्टी कई बड़े फैसले ले रही है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष लगातार समीक्षा के बाद संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं.
"संगठन में जिन पदधारक लोगों ने चुनाव में काम नहीं किया या शिथिल पड़ गए. उन्हें चिन्हित करके संगठन में जगह नहीं देने की रणनीति बनाई जा रही है. युवा और काम करने वाले लोगों को संगठन में स्थान देकर इसे धारदार बनाने का कवायद चल रही है."- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जेडीयू
अरविंद निषाद ने बताया कि संगठन में कई लोगों पर गाज भी गिर सकती है. संगठन स्तर पर अच्छा काम करने वाले नेताओं को पार्टी तरजीह देगी. वहीं जिनका प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा उन्हें पार्टी साइड करेगी. उन्होंने बताया कि नई टीम के लिए सूची बनाई जा रही है और नीतीश कुमार से हरी झंडी मिलने के बाद उसे जारी किया जाएगा.
"किसी भी पार्टी को अपेक्षा के अनुरूप रिजल्ट नहीं मिलता है तो पहला वैज्ञानिक तरीक अपनी सीक्षा और आलोचना है. जेडीयू अगर इसपर ध्यान दे रही है तो यह अच्छी बात है."- डीएम दिवाकर, राजनीतिक विशेषज्ञ
बिहार विधानसभा चुनाव 2021 में जेडीयू का प्रदर्शन
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2021 के प्रदर्शन के आधार पर नीतीश कुमार यदि समीक्षा कर रहे हैं तो यह सही तरीका है. उन्होंने कहा कि लेकिन जेडीयू को कार्यकर्ताओं की अपेक्षा को भी ध्यान में रखना होगा.
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जेडीयू को बदलने के लिए ले जा रहे हैं कई फैसले
बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद जेडीयू में एक के बाद एक कई बड़े फैसले लिए जा चुके हैं. आने वाले दिनों में पार्टी को पूरी तरह से बदलने की तैयारी हो रही है. अब तक के लिए गए बड़े फैसले-
1. राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के नाम पर लगी मुहर
2. जेडीयू के प्रदेश कार्यकारणी और परिषद की बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के नाम पर लगी मुहर
3. पार्टी जिला अध्यक्ष से लेकर मुख्यालय स्तर पर संगठन में कई बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है. कई जिला अध्यक्षों पर गिरेगी गाज
4. सभी जिले में पार्टी का कार्यालय होगा. कर्पूरी के नाम पर रखा जाएगा कार्यालय का नाम
5. पार्टी मजबूत करने के लिए लव-कुश समीकरण का लिया गया फैसला
6. निकल रहा है पार्टी का मुख्य पत्र
7. बंगाल, असम सहित दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने का लिया गया फैसला
8. दूसरे राज्यों में संगठन के विस्तार को लेकर भी तैयार हो रही रणनीति
9. पार्टी में बसपा विधायक जमा खान को किया गया शामिल, कुनबा बढ़कर 43 से 44 हो गया
कर्पूरी के नाम पर होगा कार्यालय
जेडीयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संतोष कुमार कुशवाहा ने कहा कि पार्टी ने सभी जिलों में कर्पूरी के नाम से अपना कार्यालय खोलने का सैद्धांतिक रूप से निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि अब इस पर आगे काम होगा.
लव कुश समीकरण पर जोर
नीतीश कुमार इस बार सबसे ज्यादा जोर लव-कुश समीकरण के सहारे पार्टी के कैडर वोट बैंक को मजबूत करने पर दे रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को इसी समीकरण के आधार पर लाया गया है. आगे संगठन में इसी समीकरण से अधिक लोग शामिल होंगे.