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सजने लगे पार्टी के झंडे की दुकानें, दुकानदार बोले- 'बिहार में सालों भर होता रहता है कुछ खास' - बिहार विधानसभा का चुनाव

वीरचंद पटेल पथ पर ही खादी कपड़े की दुकान चलाने वाले दुकानदार खालिद और इस्तेखान बताते हैं कि लॉकडाउन में 3 महीने तक सभी दुकानें बंद रहीं. चुनाव के एक महीने पहले दुकान पर भीड़ बढ़ जाती है. हमारा धंधा कभी मंदा नहीं पड़ता. यहां समय-समय पर कुछ न कुछ होता ही रहता है.

पटना
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Published : Jun 26, 2020, 3:32 PM IST

पटना: कोरोना संकट के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी धीरे-धीरे शुरू हो गई है. साल के अंत तक चुनाव होने के आसार है. इसको लेकर सभी सियासी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है. चुनावी शंखनाद शुरू होते ही वीरचंद पटेल पथ के आस-पास विभिन्न दलों के पार्टी के झंडे की दुकानें भी सजने लगी हैं.

'अच्छी बिक्री की उम्मीद'
इसको लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने वीरचंद पटेल पथ की दुकानों का जायजा लिया तो दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इस साल काफी नुकसान झेलना पड़ा. सरकार ने लगभग 3 महीने के बाद बंदी में रियायत दी है. बिहार विधासभा चुनाव होने वाले हैं. इस साल अच्छी बिक्री होने की संभावना है.

दुकानदारों ने की तैयारियां पूरी
वीरचंद पटेल पथ पर ही खादी कपड़े की दुकान चालने वाले दुकानदार खालिद और मो. इस्तेखान बताते हैं कि लॉकडाउन में 3 महीने तक सभी दुकानें बंद रही. इसके बाद सरकार ने रियायत दी है. जिसके बाद अनलॉक वन गाइडलाइंस का पालन करते हुए दुकानें खोलने की इजाजत मिली है. चुनाव की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. कुर्ता-पजामा समेत पार्टी के झंडे के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं. इस साल अच्छी बिक्री होने की संभावना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सालों भर दुकान रहता है गुलजार
चुनाव के समय गुलजार रहने वाली सदर बाजार में लगी ये दुकानें साल के बारहों महीने चलती हैं. 15 अगस्त और 26 जनवरी के अलावा यहां चुनावी रैलियों के समय लोग आते हैं. लेकिन चुनाव के एक महीने पहले दुकान पर भीड़ बढ़ जाती है. दुकानदार खालिद बताते हैं, हमारा धंधा कभी मंदा नहीं पड़ता. इस देश में समय-समय पर कुछ न कुछ होता रहता है. हमारी दुकान चलती रहती है. हालांकि कोरोना संकट ने व्यवसाय को थोड़ा प्रभावित जरूर किया.

कुर्ता-पजामा के दुकानदार
खादी कपड़े के दुकानदार

प्रत्याशियों के नाम बढ़ने से होती है ज्यादा बिक्री
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का चुनाव इस साल होने हैं. लगभग सभी सियासी दल ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए चुनावी रणनीति को अंजाम देना शुरू कर दिया है. वहीं, पार्टी के झंड़े और कुर्ता-पजामा बेचने वाले दुकानदार भी हमेशा ग्राहकों की नब्ज पकड़ कर चलने को तैयार है. जैसे ही विभिन्न दलों के नेता तरह-तरह के वादे का प्रयोग कर रहे हैं. उसी तरह दुकानदार भी अपने आप को तैयार कर रहे हैं. चुनाव की घोषणा होने के बाद वीरचंद पटेल पथ पर खादी के दुकान लगाने वालों को अब बस इंतजार प्रत्याशियों के नामों का है. जिसके बाद बिक्री बढ़ने की उम्मीद है.

पटना: कोरोना संकट के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी धीरे-धीरे शुरू हो गई है. साल के अंत तक चुनाव होने के आसार है. इसको लेकर सभी सियासी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है. चुनावी शंखनाद शुरू होते ही वीरचंद पटेल पथ के आस-पास विभिन्न दलों के पार्टी के झंडे की दुकानें भी सजने लगी हैं.

'अच्छी बिक्री की उम्मीद'
इसको लेकर जब ईटीवी भारत संवाददाता ने वीरचंद पटेल पथ की दुकानों का जायजा लिया तो दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इस साल काफी नुकसान झेलना पड़ा. सरकार ने लगभग 3 महीने के बाद बंदी में रियायत दी है. बिहार विधासभा चुनाव होने वाले हैं. इस साल अच्छी बिक्री होने की संभावना है.

दुकानदारों ने की तैयारियां पूरी
वीरचंद पटेल पथ पर ही खादी कपड़े की दुकान चालने वाले दुकानदार खालिद और मो. इस्तेखान बताते हैं कि लॉकडाउन में 3 महीने तक सभी दुकानें बंद रही. इसके बाद सरकार ने रियायत दी है. जिसके बाद अनलॉक वन गाइडलाइंस का पालन करते हुए दुकानें खोलने की इजाजत मिली है. चुनाव की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है. कुर्ता-पजामा समेत पार्टी के झंडे के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं. इस साल अच्छी बिक्री होने की संभावना है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सालों भर दुकान रहता है गुलजार
चुनाव के समय गुलजार रहने वाली सदर बाजार में लगी ये दुकानें साल के बारहों महीने चलती हैं. 15 अगस्त और 26 जनवरी के अलावा यहां चुनावी रैलियों के समय लोग आते हैं. लेकिन चुनाव के एक महीने पहले दुकान पर भीड़ बढ़ जाती है. दुकानदार खालिद बताते हैं, हमारा धंधा कभी मंदा नहीं पड़ता. इस देश में समय-समय पर कुछ न कुछ होता रहता है. हमारी दुकान चलती रहती है. हालांकि कोरोना संकट ने व्यवसाय को थोड़ा प्रभावित जरूर किया.

कुर्ता-पजामा के दुकानदार
खादी कपड़े के दुकानदार

प्रत्याशियों के नाम बढ़ने से होती है ज्यादा बिक्री
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा का चुनाव इस साल होने हैं. लगभग सभी सियासी दल ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए चुनावी रणनीति को अंजाम देना शुरू कर दिया है. वहीं, पार्टी के झंड़े और कुर्ता-पजामा बेचने वाले दुकानदार भी हमेशा ग्राहकों की नब्ज पकड़ कर चलने को तैयार है. जैसे ही विभिन्न दलों के नेता तरह-तरह के वादे का प्रयोग कर रहे हैं. उसी तरह दुकानदार भी अपने आप को तैयार कर रहे हैं. चुनाव की घोषणा होने के बाद वीरचंद पटेल पथ पर खादी के दुकान लगाने वालों को अब बस इंतजार प्रत्याशियों के नामों का है. जिसके बाद बिक्री बढ़ने की उम्मीद है.

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