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PFI बैन पर पप्पू यादव: 'RSS अपनी बात करे तो राष्ट्रवाद, कोई और अपनी बात रखे तो आतंकवाद'

जाप सुप्रीमो पप्पू यादव (JAP National President Pappu Yadav) ने पीएफआई को बैन किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि यह 2024 का स्टंट है. आरएसएस अपनी बात करे तो राष्ट्रवाद और दलित संगठन अपनी बात करे तो अलगाववाद. पढ़ें.

pappu yadav targets BJP on pfi ban
pappu yadav targets BJP on pfi ban
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Published : Sep 28, 2022, 6:03 PM IST

Updated : Sep 28, 2022, 6:58 PM IST

पटना: केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद से बयानबाजियों का दौर चल पड़ा है. विपक्ष के नेता इसको लेकर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ( Pappu Yadav Targets BJP On PFI Ban) ने पीएफआई पर पाबंदी ( PFI Ban In India ) लगाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या यह 2024 में किए जाने वाल चुनाव का नैरेटिव है या फिर किसी वर्ग विशेष या फिर धर्म विशेष पर इसकी आड़ में हमला किया जा रहा है.

पढ़ें- PFI पर लगा बैन तो बलियावी ने पूछा- 'RSS के लिए पैसा कहां से आता है, ये भी बताएं'

पप्पू यादव का केंद्र सरकार पर हमला: पप्पू यादव ने पीएफआई सहित अन्य कई संगठनों को 5 साल तक बैन किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि यह देश सभी जात धर्म के लोगों का देश है. पप्पू यादव ने कहा कि देश में आरएसएस अगर अपनी बात करें तो वह राष्ट्रवाद है और अगर इस देश में कोई और विचारधारा अपनी बात करें तो उसे आतंकवाद का नाम दिया जा रहा है.

"इस कंट्री ने कभी नेगेटिव नैरेटिव सेट नहीं किया है. सवाल उठता है कि क्या यह बीजेपी का स्टंट है या फिर किसी वर्ग विशेष या फिर धर्म विशेष पर हमला है. आरएसएस अपनी बात करे तो राष्ट्रवाद और कोई और विचारधारा अपनी बात करे तो आतंकवाद है."- पप्पू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष जाप

पीएफआई के खिलाफ मिले पर्याप्त सबूतः आपको बता दें कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने पीएफआई पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई (PFI) पर बैन लगाने का फैसला किया है.


पीएफआई पर 5 सालों के लिए प्रतिबंध: दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें, कई राज्यों से इस संगठन PFI को प्रतिबंधित करने की मांग हो रही थी. हाल कि कुछ दिनों में NIA और कई राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई (Popular Front of India) के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पीएफआई (PFI) को 5 साल प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है. पीएफआई के अलावा 9 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है.


PFI समेत कई संस्थाओं पर लगा प्रतिबंध : जानकारी के मुताबिक PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट (National Women Front), जूनियर फ्रंट (National Junior Front), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (Empower India Foundation and Rehab Foundation), केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.



पटना: केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के बाद से बयानबाजियों का दौर चल पड़ा है. विपक्ष के नेता इसको लेकर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ( Pappu Yadav Targets BJP On PFI Ban) ने पीएफआई पर पाबंदी ( PFI Ban In India ) लगाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या यह 2024 में किए जाने वाल चुनाव का नैरेटिव है या फिर किसी वर्ग विशेष या फिर धर्म विशेष पर इसकी आड़ में हमला किया जा रहा है.

पढ़ें- PFI पर लगा बैन तो बलियावी ने पूछा- 'RSS के लिए पैसा कहां से आता है, ये भी बताएं'

पप्पू यादव का केंद्र सरकार पर हमला: पप्पू यादव ने पीएफआई सहित अन्य कई संगठनों को 5 साल तक बैन किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि यह देश सभी जात धर्म के लोगों का देश है. पप्पू यादव ने कहा कि देश में आरएसएस अगर अपनी बात करें तो वह राष्ट्रवाद है और अगर इस देश में कोई और विचारधारा अपनी बात करें तो उसे आतंकवाद का नाम दिया जा रहा है.

"इस कंट्री ने कभी नेगेटिव नैरेटिव सेट नहीं किया है. सवाल उठता है कि क्या यह बीजेपी का स्टंट है या फिर किसी वर्ग विशेष या फिर धर्म विशेष पर हमला है. आरएसएस अपनी बात करे तो राष्ट्रवाद और कोई और विचारधारा अपनी बात करे तो आतंकवाद है."- पप्पू यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष जाप

पीएफआई के खिलाफ मिले पर्याप्त सबूतः आपको बता दें कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को एनआईए, ईडी और राज्यों की पुलिस ने पीएफआई पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों को पीएफआई के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने पीएफआई (PFI) पर बैन लगाने का फैसला किया है.


पीएफआई पर 5 सालों के लिए प्रतिबंध: दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें, कई राज्यों से इस संगठन PFI को प्रतिबंधित करने की मांग हो रही थी. हाल कि कुछ दिनों में NIA और कई राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई (Popular Front of India) के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं. गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पीएफआई (PFI) को 5 साल प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है. पीएफआई के अलावा 9 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है.


PFI समेत कई संस्थाओं पर लगा प्रतिबंध : जानकारी के मुताबिक PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट (National Women Front), जूनियर फ्रंट (National Junior Front), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (Empower India Foundation and Rehab Foundation), केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.



Last Updated : Sep 28, 2022, 6:58 PM IST
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