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बिहार में महागठबंधन की हार के लिए राजद जिम्मेदारः पप्पू यादव

पप्पू यादव ने कहा कि राजद के लोग बीजेपी के खिलाफ नहीं बल्कि पप्पू यादव और रंजीत रंजन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे.

पप्पू यादव
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Published : Jun 9, 2019, 6:38 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव में हार के बाद जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में पार्टी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्टी की सभी इकाई और प्रकोष्ठ को भंग कर दिया गया. बैठक में मौजूद पार्टी के सभी नेताओं ने पप्पू यादव को दोबारा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया.

पप्पू यादव ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार में महागठबंधन के हार के लिए राजद को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि 2020 की तैयारी के लिए राजद ने यह सब चाल चला. पप्पू यादव ने कहा कि तीसरे फेज तक बिहार महागठबंधन के सभी नेता एक मंच पर उपस्थित तक नहीं हुए. जब सुपौल और मधेपुरा में चुनाव समाप्त हो गया तब वह एक मंच पर दिखाई पड़े. सुपौल में राजद के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के कारण वहां कांग्रेस कमजोर हुई.

भगवान ने ही भक्त को नकारा- पप्पू यादव
पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने मधेपुरा की जनता को भगवान मानकर सेवा किया. लेकिन भगवान ने ही भक्त को नकार दिया. पप्पू यादव ने कहा कि राजद के लोग बीजेपी के खिलाफ नहीं बल्कि पप्पू यादव और रंजीत रंजन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार महागठबंधन के सभी दलों में लालू यादव ने टिकट बंटवारा किया. पप्पू यादव ने कहा कि पिता कुछ और कह रहे और बेटा कुछ और. जिसके कारण महागठबंधन की यह दुर्दशा हुई. अली अशरफ फातमी जैसे कद्दावर नेता को राजद नेताओं ने बेइज्जत किया.

औरंगाबाद से करेंगे अभियान की शुरूआत
पप्पू यादव ने कहा कि हमने सदन में सबसे ज्यादा प्रश्न उठाए और संसद में जनता के मुद्दों पर सवाल उठाने के लिए हमें सम्मानित भी किया गया. नितिन गडकरी ने भी हमें सबसे अच्छा सांसद बताया. फिर भी जनता ने हमें नकार दिया. उन्होंने कहा कि अब वह विपक्ष की राजनीति करेंगे और पानी के मुद्दे को लेकर 2 सप्ताह बाद बिहार के औरंगाबाद से अभियान शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि मधेपुरा में जिस प्रकार 9 साल के बच्चे की निर्ममता से हत्या की गई, इस मामले की वह सरकार से स्पीडी ट्रायल की मांग करते हैं और 3 माह के अंदर दोषियों को पकड़ा जाए.

पप्पू यादव की प्रेस कांफ्रेंस

'सड़क से सदन तक उठाते रहेंगे आवाज'
पप्पू यादव ने कहा कि वह नियोजित शिक्षकों की लड़ाई लड़ते रहे और जब रिजल्ट आया तो बैलट पेपर में भी वह चुनाव हार गए थे. नियोजित शिक्षकों ने भी नीतीश कुमार को ही वोट दिया. लेकिन, वह अब भी शिक्षकों के साथ खड़े हैं. लेकिन वो उनकी आवाज को सड़क से सदन तक उठाते रहेंगे.

पटना: लोकसभा चुनाव में हार के बाद जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में पार्टी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्टी की सभी इकाई और प्रकोष्ठ को भंग कर दिया गया. बैठक में मौजूद पार्टी के सभी नेताओं ने पप्पू यादव को दोबारा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया.

पप्पू यादव ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार में महागठबंधन के हार के लिए राजद को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि 2020 की तैयारी के लिए राजद ने यह सब चाल चला. पप्पू यादव ने कहा कि तीसरे फेज तक बिहार महागठबंधन के सभी नेता एक मंच पर उपस्थित तक नहीं हुए. जब सुपौल और मधेपुरा में चुनाव समाप्त हो गया तब वह एक मंच पर दिखाई पड़े. सुपौल में राजद के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के कारण वहां कांग्रेस कमजोर हुई.

भगवान ने ही भक्त को नकारा- पप्पू यादव
पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने मधेपुरा की जनता को भगवान मानकर सेवा किया. लेकिन भगवान ने ही भक्त को नकार दिया. पप्पू यादव ने कहा कि राजद के लोग बीजेपी के खिलाफ नहीं बल्कि पप्पू यादव और रंजीत रंजन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार महागठबंधन के सभी दलों में लालू यादव ने टिकट बंटवारा किया. पप्पू यादव ने कहा कि पिता कुछ और कह रहे और बेटा कुछ और. जिसके कारण महागठबंधन की यह दुर्दशा हुई. अली अशरफ फातमी जैसे कद्दावर नेता को राजद नेताओं ने बेइज्जत किया.

औरंगाबाद से करेंगे अभियान की शुरूआत
पप्पू यादव ने कहा कि हमने सदन में सबसे ज्यादा प्रश्न उठाए और संसद में जनता के मुद्दों पर सवाल उठाने के लिए हमें सम्मानित भी किया गया. नितिन गडकरी ने भी हमें सबसे अच्छा सांसद बताया. फिर भी जनता ने हमें नकार दिया. उन्होंने कहा कि अब वह विपक्ष की राजनीति करेंगे और पानी के मुद्दे को लेकर 2 सप्ताह बाद बिहार के औरंगाबाद से अभियान शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि मधेपुरा में जिस प्रकार 9 साल के बच्चे की निर्ममता से हत्या की गई, इस मामले की वह सरकार से स्पीडी ट्रायल की मांग करते हैं और 3 माह के अंदर दोषियों को पकड़ा जाए.

पप्पू यादव की प्रेस कांफ्रेंस

'सड़क से सदन तक उठाते रहेंगे आवाज'
पप्पू यादव ने कहा कि वह नियोजित शिक्षकों की लड़ाई लड़ते रहे और जब रिजल्ट आया तो बैलट पेपर में भी वह चुनाव हार गए थे. नियोजित शिक्षकों ने भी नीतीश कुमार को ही वोट दिया. लेकिन, वह अब भी शिक्षकों के साथ खड़े हैं. लेकिन वो उनकी आवाज को सड़क से सदन तक उठाते रहेंगे.

Intro:लोकसभा चुनाव में हार के बाद जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में पार्टी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्टी की सभी गायी और सभी प्रकोष्ठ को भंग कर दिया गया. बैठक में मौजूद पार्टी के सभी नेताओं ने पप्पू यादव को दोबारा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया. पप्पू यादव ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार में महागठबंधन के हार के लिए राजद को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्होंने 2020 की तैयारी के लिए यह सब चाल चला. तीसरे फेस तक बिहार महागठबंधन के सभी नेता एक मंच पर उपस्थित तक नहीं हुए और जब सुपौल और मधेपुरा में चुनाव समाप्त हो गया तब वह एक मंच पर दिखाई पड़े. सुपौल में राजद के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के कारण वहां कांग्रेस कमजोर हुई.


Body:भगवान ने हीं भक्त को नकारा- पप्पू यादव

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि उन्होंने मधेपुरा की जनता को भगवान मानकर सेवा किया लेकिन भगवान ने ही भक्त को नकार दिया. पप्पू यादव ने राजद को देश विरोधी ताकत बताते हुए कहा कि यह लोग भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि पप्पू यादव और रंजीत रंजन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. पप्पू यादव ने कहा कि बिहार महागठबंधन के सभी दलो में लालू यादव ने टिकट बांटने का काम किया. बाप कुछ और कह रहे और बेटा कुछ और जिसके कारण महागठबंधन की यह दुर्दशा हुई. अली अशरफ फातमी जैसे कद्दावर नेता को आज की राजद नेताओं ने बेइज्जत किया.


Conclusion:पप्पू यादव ने कहा कि हमने सदन में सबसे ज्यादा प्रश्न उठाए और संसद में जनता के मुद्दों पर सवाल उठाने के लिए हमें सम्मानित भी किया गया. नितिन गडकरी ने भी हमें सबसे अच्छा सांसद बताया लेकिन फिर भी जनता ने हमें नकार दिया. उन्होंने कहा कि अब वह विपक्ष की राजनीति करेंगे और पानी के मुद्दे को लेकर 2 सप्ताह बाद बिहार के औरंगाबाद से अभियान शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि मधेपुरा में जिस प्रकार 9 साल के बच्चे का आंख नाक कान और पैर काट दिया गया इस मामले की वह सरकार से स्पीडी ट्रायल चाहते हैं और चाहते हैं कि 3 माह के अंदर दोषियों को पकड़ा जाए.
पप्पू यादव ने कहा कि वह नियोजित शिक्षकों की लड़ाई लड़ते रहे और जब रिजल्ट आया तो बैलट पेपर में भी वह चुनाव हार गए थे. नियोजित शिक्षकों ने भी नीतीश कुमार को ही वोट दिया लेकिन वह उनके साथ खड़े हैं और उनकी आवाज को सड़क से सदन तक उठाते रहेंगे.
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