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पप्पू यादव ने शुरू किया 'बिहार बचा लो मौका है' अभियान - सोशल मीडिया

एक तरफ़ जहां आरजेडी ने ग़रीबों को लेकर थाली बजाओ अभियान किया, तो वहीं अब इस मज़दूर और थाली राजनीति में जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव भी कूद पड़े हैं.

पप्पू यादव
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Published : Jun 8, 2020, 10:29 AM IST

पटना: जन अधिकार पार्टी (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने रविवार को सोशल मीडिया कैंपेन 'बिहार बचा लो मौका है' की शुरुआत की. राज्यभर से 50,000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने फेसबुक लाइव के माध्यम से बिहार बचाने का आह्वान किया.

इस मौके पर मजदूरों को 'अपराधी' कहने वाली नीतीश सरकार से सार्वजनिक माफी की मांग करते हुए पप्पू यादव ने कहा, 'सरकार की गलत नीतियों के कारण लॉकडाउन में 500 लोग भूख से मर गए. लॉकडाउन में काश्तकार, छोटे और मंझोले व्यापारी का कारोबार बंद हो गया है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लोगों को बेसहारा छोड़ दिया है. छात्रों के साथ भी बिहार सरकार ने सौतेला व्यवहार किया. इस कारण बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेवार नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए.

'बिहार बचा लो मौका है' कैंपेन की शुरुआत
'बिहार बचा लो मौका है' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पप्पू यादव ने रविवार को मंदिरी स्थित अपने आवास पर दरभंगा से आई ज्योति को साइकिल, बर्तन और राशन दिया. पप्पू यादव ने रविवार को हजारों लोगों के बीच थाली, लोटा और ग्लास वितरित किया और आर्थिक मदद भी की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'मेरा प्रयास रहता है कि मैं गरीबों की थाली में राशन की व्यवस्था करूं.'

'बेरोजगारों को 10,000 रुपये मिले'
पप्पू यादव ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को कम से कम 7000 रुपये और बेरोजगारों को 10,000 रुपये मिले. जिन किसानों की फसल लॉकडाउन के कारण बर्बाद हुई है, उनके खातें में खाद और बीज के लिए सरकार 12,000 रुपये दे. मनरेगा के कार्य दिवस को 200 से बढ़ाकर 300 दिन किया जाए और न्यूनतम मजदूरी 300 रुपये बढ़ाई जाए.

पटना: जन अधिकार पार्टी (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने रविवार को सोशल मीडिया कैंपेन 'बिहार बचा लो मौका है' की शुरुआत की. राज्यभर से 50,000 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने फेसबुक लाइव के माध्यम से बिहार बचाने का आह्वान किया.

इस मौके पर मजदूरों को 'अपराधी' कहने वाली नीतीश सरकार से सार्वजनिक माफी की मांग करते हुए पप्पू यादव ने कहा, 'सरकार की गलत नीतियों के कारण लॉकडाउन में 500 लोग भूख से मर गए. लॉकडाउन में काश्तकार, छोटे और मंझोले व्यापारी का कारोबार बंद हो गया है.'

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लोगों को बेसहारा छोड़ दिया है. छात्रों के साथ भी बिहार सरकार ने सौतेला व्यवहार किया. इस कारण बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेवार नीतीश कुमार को इस्तीफा देना चाहिए.

'बिहार बचा लो मौका है' कैंपेन की शुरुआत
'बिहार बचा लो मौका है' कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए पप्पू यादव ने रविवार को मंदिरी स्थित अपने आवास पर दरभंगा से आई ज्योति को साइकिल, बर्तन और राशन दिया. पप्पू यादव ने रविवार को हजारों लोगों के बीच थाली, लोटा और ग्लास वितरित किया और आर्थिक मदद भी की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'मेरा प्रयास रहता है कि मैं गरीबों की थाली में राशन की व्यवस्था करूं.'

'बेरोजगारों को 10,000 रुपये मिले'
पप्पू यादव ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को कम से कम 7000 रुपये और बेरोजगारों को 10,000 रुपये मिले. जिन किसानों की फसल लॉकडाउन के कारण बर्बाद हुई है, उनके खातें में खाद और बीज के लिए सरकार 12,000 रुपये दे. मनरेगा के कार्य दिवस को 200 से बढ़ाकर 300 दिन किया जाए और न्यूनतम मजदूरी 300 रुपये बढ़ाई जाए.

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