पटना: जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि मैं कोई मसीहा नहीं हूं. एक बेटा जैसे अपनी मां की सेवा करता है, हम भी वही काम कर रहे हैं. हेल्थ को हमारे सिस्टम ने कब्रिस्तान और श्मशान बना दिया है. सिस्टम पर कटाक्ष करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि अब समय आ गया है, श्मशान में भी राजनितिक दलों को अपनी पार्टी का झंडा गाड़ देना चाहिए.
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'हर घर में पहुंचा कोरोना'
ईटीवी भारत से खास बातचीत में पप्पू यादव ने कहा कि आप लिख लीजिये, बंगाल नहीं बचेगा. कोरोना बंगाल के हर घर में पहुंच चुका है. आज के डेट में स्वास्थ्य पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता है. मंदिर के नाम पर चंदा इकट्ठा करेंगे लेकिन स्वास्थ्य पर कोई खर्च नहीं करना चाहता है.
'नाकामी छुपा रहे केजरीवाल'
दिल्ली में तड़प-तड़प कर लोग मर रहे हैं, जहां पर पीएम और बड़े लोग रहते हैं. बिहार की क्या बात कर रहे हैं आप. दिल्ली के मुख्यमंत्री अपनी नाकामी को छुपाने के लिए लॉकडाउन-लॉकडाउन खेल रहे हैं. आज की स्थिति बेहद खराब है. यहां पर न ऑक्सीजन है, न वेंटीलेटर है, न दवा है, न बेड है और न डॉक्टर है. एम्बुलेंस के लिए दुगुना-तिगुना पैसा मांगा जा रहा है. एम्बुलेंस के माफिया लोगों ने तबाह कर दिया है.
'अफसरों के बीच में घिरे हैं नीतीश कुमार'
जाप प्रमुख ने कहा कि लोगों की मदद करने के लिए मैं तो रात-रात भर दौड़ता रहता हूं. ऑक्सीजन नहीं मिलने से लोग मर रहे हैं, अब इससे बड़ी कुव्यवस्था क्या हो सकती है. नीतीश कुमार केवल कुछ अफसरों के बीच में घिरे हैं. ऐसे अफसरों को हटाना चाहिए. सिस्टम पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है. चुनाव की फंडिंग दवा माफिया करते हैं जो अफसरों को और नेताओं को खुश रखते हैं. नीतीश कुमार अपने नवरत्नों से बाहर कभी निकले ही नहीं. ये अफसर केवल पैसों का बंदरबाट करते हैं.
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'भगवान में हिम्मत है तो मुझे उठा ले'
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि आप जाकर सरकारी अस्पताल देख लीजिये क्या होता है. पल-पल पैसे की वसूली होती है. यहां पर वैक्सीन नहीं है. हर दिन बिहार में पांच हजार लोगों की मौत हो रही है. सरकार मौत के अकड़ों को छुपा रही है. लॉकडाउन से क्या होगा. मुझे स्वास्थ्य की जिम्मेदारी दे दी जाये, देखिये कैसे सिस्टम को सुधार दूंगा. मुझे स्वास्थ्य मंत्री नहीं बनना है. मैं केवल जिम्मेदारी लूंगा और सुधार दूंगा. मौतें कोरोना से नहीं सिस्टम के फेलियर से हो रही हैं. मैं अपना काम जारी रखूंगा और भगवान में हिम्मत है तो मुझे उठा ले. मुझे पता है मेरी पत्नी मुझसे नाराज है कि मैं अपने स्वास्थ की चिंता नहीं करता. लेकिन क्या फायदा जीकर जब हम किसी के काम न आ सकें.
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