पटनाः बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बहुज जल्द बड़ी कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के अनुसार मुख्य EOU मुख्य आरोपी के करीब पहुंच गई है. कई आरोपी ईओयू की रडार पर है, जिसके बारे में जल्द खुलासा किया जाएगा. इसकी जानकारी ईओयू एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने दी. उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई ने अपनी जांच में तेजी ला दी है.
"जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा कर लिया जाएगा. गठित टीम के द्वारा सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है. वैज्ञानिक अनुसंधान का भी प्रयोग किया जा रहा है. जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा." - नैय्यर हसनैन खान, एडीजी, ईओयू
1 अक्टूबर को हुई थी परीक्षाः बता दें कि केंद्रीय चयन पर्षद ने सिपाही भर्ती की परीक्षा 1 अक्टूबर को लिया था. काफी सदाचार व अनियमित पाई गई थी. परीक्षा के 2 घंटे पहले से ही मोबाइल पर आंसर की घूमने लगा था. जिसके बाद परिषद के द्वारा 1 अक्टूबर की परीक्षा को रद्द कर दिया गया. इसके साथ ही 7 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया.
150 आरोपियों की गिरफ्तारीः पेपर लीक मामले में बिहार के विभिन्न जिलों में 74 प्राथमिकी दर्ज की गई है. अब तक 150 से अधिक मुन्ना भाइयों को तथा फर्जीवाड़ा करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा की जा रही है. सूत्रों के अनुसार मुख्य आरोपी के करीब EOU की टीम पहुंच चुकी है. जल्द ही इसके बारे में खुलासा किया जाएगा.
डीआईजी के नेतृत्व में हो रही जांचः इस मामले में त्वरित अनुसंधान के लिए डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों के नियंत्रण में टीम जांच कर रही है. एक विशेष अनुसंधान दल यानी एसआईटी का गठन भी किया गया है. आर्थिक अपराधी इकाई के एसपी सुशील कुमार को भी इस टीम में रखा गया है. इस टीम में 6 पुलिस उपाधीक्षक व 13 पुलिस निरीक्षक व दो पुलिस अवर निरीक्षक को शामिल किया गया है.
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