पटना: 15 जून के बाद पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. कोरोना संक्रमण की वजह से समय पर पंचायत चुनाव (panchayat election) नहीं होंगे. नीतीश सरकार में यह फैसला लिया है. अब पंचायतों का काम विकास परामर्श समिति के माध्यम से होगा. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए बिहार सरकार के पास कोई कानून नहीं है.
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सम्राट चौधरी ने कहा "हमलोगों ने सोचा था कि कोरोना संक्रमण समाप्त होगा और समय पर चुनाव होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पंचायत जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए विधानसभा सत्र चलना जरूरी है. अभी सत्र नहीं चल रहा है. इस वजह से उनका कार्यकाल नहीं बढ़ सकता. जब विधानसभा सत्र चल रहा था तब हमलोगों ने कल्पना भी नहीं की थी कि यह भी समय आएगा. अब चुनाव को लेकर राज्यपाल की तरफ से एक अधिसूचना जारी होगी तब कुछ हो सकता है. राज्यपाल की स्वीकृति से एक अध्यादेश जारी होगा."
परामर्श समिति करेगी काम
सम्राट चौधरी ने कहा "परामर्श समिति गठन करने के लिए संशोधन लाया है. संविधान के अनुसार 5 साल से अधिक कोई पंचायत प्रतिनिधि नहीं रह सकते हैं. ऐसा करने के लिए कानून बदलना होगा. उस सेक्शन में हम लोगों ने जोड़ा है कि पंचायत में सरकार परामर्श समिति बनाएगी."
पंचायती राज मंत्री ने कहा "पंचायत, ग्राम कचहरी, जिला परिषद हर जगह विकास कार्य के लिए परामर्श समिति काम करेगी. इसकी व्यवस्था हम लोग अब कर रहे हैं. परामर्श समिति को लेकर राज्यपाल की तरफ से जब आदेश प्राप्त हो जाएंगे. उसको आगे बढ़ाकर हम लोग नियम तय करेंगे. परामर्श समिति में कौन-कौन से लोग रहेंगे उसका निर्णय अभी नहीं हुआ है. सरकार का मकसद है कि पंचायत का विकास नहीं रुके."
किराये पर ईवीएम लेगी सरकार
"पंचायत चुनाव के लिए सरकार अब ईवीएम नहीं खरीदेगी. ईवीएम राज्यों से भाड़े पर लिया जाएगा. चुनाव के लिए कुछ ईवीएम बिहार आ गए थे. ईवीएम उनके राज्यों को लौटा दिया जाएगा. बाद में ये ईवीएम राज्य हमें भेज देंगे. जिन राज्यों में चुनाव नहीं होने हैं वे चाहेंगे तो ईवीएम छोड़ सकते हैं."- सम्राट चौधरी, मंत्री, पंचायती राज विभाग
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