पटना: बिहार में पंचायत चुनाव के 11वें चरण की मतगणना (Last Phase Counting in Bihar) जारी है. रविवार को 20 जिलों के 38 प्रखंडों में मतदान हुआ था, आखिरी चरण में कुल 62.81 प्रतिशत मतदान हुआ था, इनमें महिलाओं ने 65.65 प्रतिशत और पुरुषों ने 59.98 प्रतिशत मतदान किया था.
मतगणना अपडेट्स...
- पटना के दानापुर में मतों की गिनती जारी है. पतलापुर से गीता देवी ने निवर्तमान मुखिया सुनीता कुमारी को हरा दिया है.
- नालंदा के अस्थावां प्रखंड के नेरूत पंचायत से मुखिया पद पर राकेश कुमार की हुई जीत, निकटतम प्रतिद्वंद्वी रीना कुमारी को हराया
- सहरसा के नवहट्टा प्रखंड की हाटी पंचायत में फुलेश्वर सादा बने मुखिया, निकटतम प्रतिद्वंद्वी चंदन पासवान को 707 वोट से हराया
- नालंदा के करायपरसुराय क्षेत्र संख्या 01 से जिला परिषद सदस्य के पद पर अजय कुमार की हुई जीत
- नालंदा के करायपरसुराय प्रखंड के सांध पंचायत से मुखिया पद पर विरेंद्र प्रसाद की हुई जीत
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आखिरी चरण में कुल पदों की संख्या 17,286 है. जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए 7649 सीट, ग्राम पंचायत मुखिया पद के लिए 568 सीट, पंचायत समिति सदस्य पद के लिए 772 सीट, जिला परिषद सदस्य पद के लिए 80 सीट, ग्राम कचहरी पंच पद के लिए 7649 सीट और ग्राम कचहरी सरपंच पद के लिए 568 सीट निर्धारित हैं.
बिहार पंचायत चुनाव का आखिरी चरण (Bihar Panchayat election last phase) में निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या 63,718 है, जिसमें 29,539 पुरुष प्रत्याशी और 34,179 महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. 11वें चरण में 76 पदों पर किसी भी प्रत्याशियों के द्वारा नामांकन पत्र दाखिल नहीं किए जाने के कारण 76 पद रिक्त रह गए हैं, जिसमें एक पद ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए और 75 पद ग्राम कचहरी पंच पद के शामिल हैं.
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इस चरण में 2147 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य पद के 89 प्रत्याशी, पंचायत समिति सदस्य पद की 1 और ग्राम कचहरी पंच पद के 2057 प्रत्याशी शामिल हैं. इस बार पंचायत चुनाव में यह देखने को मिला है कि बहुत सारे प्रत्याशी जो अपने कार्यकाल में जनहित के कामों को धरातल पर नहीं उतर पाए हैं, वह अपना पद भी नहीं बचा पाए हैं. बहुत कम लोग ही अपना पद बचा पाए हैं. इस बार जनता नए चेहरे पर ज्यादा विश्वास जता रही है और जिताने का भी काम कर रही है.
अब देखना होगा कि 11वें चरण में कितने लोग अपनी कुर्सी बचा पाते हैं, लेकिन इतना तो साफ है कि इस बार महिला प्रत्याशी और महिला मतदाता पंचायत चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और बाजी भी मार रही हैं. महिलाएं अपने घर की दहलीज को पार कर चुनावी रणभूमि में कदम रख रही है. पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर ताल ठोक रही है और जीत भी दर्ज कर रही हैं.
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आखिरी चरण की मतगणना में ओसीआर टेक्नोलॉजी का प्रयोग (Use of OCR Technology in Counting) किया जा रहा है. यह टेक्नोलॉजी ईवीएम से कनेक्ट होती है और कनेक्ट होने के साथ-साथ किस प्रत्याशी को कितने मत प्राप्त हुए हैं, यह बताने का काम करती है और एक डेटा बनाकर भी रखती है. साथ ही बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) के कंट्रोल रूम से मतगणना की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गई है. कहीं किसी प्रकार की मतगणना में किसी लोगों के द्वारा हस्तक्षेप ना हो मतगणना शांतिपूर्ण से हो इसको लेकर सीसीटीवी से निगरानी भी रखी जा रही है.
इस बार बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार जिस सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है, उस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के लिए अन्य राज्य भी लगातार बिहार में विजिट कर रहे हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार की इस टेक्नोलॉजी को आने वाले दिनों में सभी जगह इस सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से चुनाव कराया जाएगा और ओसीआर सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर मतगणना कराई जा सकती है.
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