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पंचायत एवं नियोजित शिक्षक भी अब ट्रेनिंग कॉलेजों में व्याख्याता बन सकेंगे - Patna High Court news

पटना हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्णय सुनाया है कि विद्यालयों में कार्यरत पंचायत एवं नियोजित शिक्षक भी अब बिहार के ट्रेनिंग कॉलेजों में व्याख्याता बन सकते हैं. साथ ही दो महीने के भीतर नियोजित शिक्षकों की पात्रता परीक्षा का रिजल्ट भी प्रकाशित करने को कहा है.

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Published : Mar 18, 2021, 6:29 PM IST

पटना: हाईकोर्ट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा कि विद्यालयों में कार्यरत पंचायत एवं नियोजित शिक्षक भी अब बिहार के ट्रेनिंग कॉलेजों में व्याख्याता बन सकते हैं. जस्टिस एके उपाध्याय, अजय कुमार व अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.

साथ ही कोर्ट ने दो महीने के भीतर नियोजित शिक्षकों की पात्रता परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग नियमावली, 2014 और विज्ञापन संख्या 6/2016 के अनुरूप नियोजित शिक्षकों को लेक्चरर के पद पर नियुक्ति के लिए दलील दी थी.

ये भी पढ़ेंः श्रीकृष्ण बाबू को भारत रत्न देने की मांग, बिहार सरकार केन्द्र को भेजेगी अनुशंसा

विज्ञापन और प्राप्त आवेदनों के आधार पर आयोग द्वारा लगभग दो वर्षों बाद 2018 में लिखित परीक्षा ली गयी थी. मगर लिखित परीक्षा के उपरान्त शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने बिहार लोक सेवा आयोग को पत्र लिख कर नियोजित शिक्षकों को इस दायरे से बाहर करते हुए परिणाम घोषित करने को कह दिया था. विभाग के इस आदेश के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी.

पटना: हाईकोर्ट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा कि विद्यालयों में कार्यरत पंचायत एवं नियोजित शिक्षक भी अब बिहार के ट्रेनिंग कॉलेजों में व्याख्याता बन सकते हैं. जस्टिस एके उपाध्याय, अजय कुमार व अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.

साथ ही कोर्ट ने दो महीने के भीतर नियोजित शिक्षकों की पात्रता परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग नियमावली, 2014 और विज्ञापन संख्या 6/2016 के अनुरूप नियोजित शिक्षकों को लेक्चरर के पद पर नियुक्ति के लिए दलील दी थी.

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विज्ञापन और प्राप्त आवेदनों के आधार पर आयोग द्वारा लगभग दो वर्षों बाद 2018 में लिखित परीक्षा ली गयी थी. मगर लिखित परीक्षा के उपरान्त शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने बिहार लोक सेवा आयोग को पत्र लिख कर नियोजित शिक्षकों को इस दायरे से बाहर करते हुए परिणाम घोषित करने को कह दिया था. विभाग के इस आदेश के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी.

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