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बोलीं शारदा सिन्हा- 'छठ गीतों के जरिए हर घाट पर देती हूं अर्घ्य, मुझ पर श्रोताओं की विशेष कृपा'

जिंदगी में जितनी अहमियत पर्व और त्योहार रखते हैं उतनी ही तरजीह गीतों को दी जाती है. तभी हर मांगलिक कार्यों पर गीत गाने की परंपरा रही है. गीतों के बिना पर्व अधूरा है. और पद्मभूषण शारदा सिन्हा की सुरीली आवाज के बिना छठ पर्व सूना. दो से ज्यादा पीढ़ी शारदा सिन्हा के दिव्य छठ गीतों पर ही त्योहार मनाते आ रही है. ईटीवी भारत ने खुद शारदा सिन्हा के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपने गीतों के महत्व को बताया. सुनें शारदा सिन्हा का Exclusive इंटरव्यू-

पद्मभूषण शारदा सिन्हा
पद्मभूषण शारदा सिन्हा
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Published : Oct 22, 2022, 11:59 PM IST

Updated : Oct 23, 2022, 6:41 AM IST

पटना: लोकआस्था का महापर्व छठ (Chhath Festival Of Folk Faith) आते ही कानों में मधुर गीत गूंजने लगते हैं. छठ का त्योहार लोक गायिका शारदा सिन्हा (Folk Singer Sharda Sinha) की आवाज के बिना अधूरा सा लगता है. 28 अक्टूबर के दिन नहाय खाय से इस महापर्व की शुरुआत (Chhath Mahaaparv 2022) हो रही है. इसको लेकर बिहार में सरकार से लेकर आम लोग जुटे हैं. सबसे बड़ी बात है कि जब भी छठ के गीतों (Sharda Sinha Chhath Song) की बात होती है तो सबसे पहले शारदा सिन्हा के गाए छठ को लोग खूब सुनना पसंद करते हैं.

ये भी पढ़े- शारदा सिन्हा का धूम मचा रहा 'छठ के बरतिया' गीत.. एक ही दिन में मिले लाखों व्यूज़

छठ गीत गाने की प्रेरणा: पद्मभूषण शारदा सिन्हा (Padma Bhushan Sharda Sinha) ने अपने एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि छठ गीतों के गाने की प्रेरणा उनको बचपन में अपनी नानी से मिली थी. एक समय आया जब उनकी शादी हुई. ससुराल गईं तो कुछ दिनों बाद उनके पति बीमार रहने लगे. तब मेरी सास ने छठ व्रत रखकर मन्नत मांगी. उस वक्त मुझे छठ के महात्म्य का एहसास हुआ. तभी से मैं छठ की व्रत रखने लगी और घाटों पर जाने लगी. घाट पर पहुंचकर छठ गीतों को गाने लगीं. अब मैं गांव तो नहीं जा पाती हैं लेकिन अपने गीतों के माध्यम से घर-घर पहुंचकर छठी मैया को अर्घ्य जरूर देती हूं.

छठ के बरतिया गीत से युवाओं को संदेश: शारदा सिन्हा का नया गीत छठ के बरतिया लॉन्च हो चुका है शारदा सिन्हा ने ईटीवी भारत से बताया कि इस नए गीत को गाने की वजह वो युवा हैं जो अपने संस्कृति से दूर हो गए हैं. उन्हें अपने परंपराओं के बारे में बिल्कुल भी मालूम नहीं है. ये गीत ऐसे ही युवाओं को समर्पित है.

''छठ के बरतिया गीत को हमने उन युवाओं को संदेश देते हुए गाया है. ये गीत उन मॉडर्न युवाओं को समर्पित है जिन्हें अपनी परंपराओं के बारे में बिल्कुल नहीं मालूम है, लेकिन ऐसे युवा जब घर आते हैं और अपनी मां को छठ नहीं कर सकने की वजह जानते हैं तो खुद ही व्रत करने लग जाते हैं ''- पद्मभूषण शारदा सिन्हा, लोक गायिका

'मुझ पर दर्शकों की विशेष कृपा': वहीं जब ईटीवी भारत ने पूछा कि क्या वजह है कि छठ गीतों में आपके गीत ही लोकप्रिय होते हैं. तो उन्होंने इसकी वजह को श्रोताओं का प्यार बताया. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि श्रोताओं को मेरी आवाज सहज और सरल और मधुर लगती हो. लेकिन छठ पर अच्छे-अच्छे कलाकारों ने गीत गाया है. बाकी लोगों को भी उतना ही प्यार मिल रहा है. मुझपर श्रोताओं की कुछ विशेष कृपा है.

शारदा सिन्हा के गाए छठ गीत होते हैं लोकप्रिय : एक्सक्लूसिव बातचीत से पहले अपने नए गीत के बारे में शारदा सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया पेज पर जानकारी दी थी. उन्होंने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर गाने को जारी होने से पहले पोस्टर शेयर किया था. पोस्टर शेयर करने के साथ ही शारदा सिन्हा ने लिखा था कि- 'अपनी आवाज में फिर इस बार छठी मईया को अर्घ्य देने एक गीत ले कर आई हूं. गाने से जुड़ी टीम को टैग करते हुए लिखा है- 'आप सब अपना आशीर्वाद जरूर देंगे इन बच्चों को. युवा पीढ़ी प्रेरित हो. संस्कृति सदा दिप्तमान हो. जय छठी मईया.'

पटना: लोकआस्था का महापर्व छठ (Chhath Festival Of Folk Faith) आते ही कानों में मधुर गीत गूंजने लगते हैं. छठ का त्योहार लोक गायिका शारदा सिन्हा (Folk Singer Sharda Sinha) की आवाज के बिना अधूरा सा लगता है. 28 अक्टूबर के दिन नहाय खाय से इस महापर्व की शुरुआत (Chhath Mahaaparv 2022) हो रही है. इसको लेकर बिहार में सरकार से लेकर आम लोग जुटे हैं. सबसे बड़ी बात है कि जब भी छठ के गीतों (Sharda Sinha Chhath Song) की बात होती है तो सबसे पहले शारदा सिन्हा के गाए छठ को लोग खूब सुनना पसंद करते हैं.

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छठ गीत गाने की प्रेरणा: पद्मभूषण शारदा सिन्हा (Padma Bhushan Sharda Sinha) ने अपने एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि छठ गीतों के गाने की प्रेरणा उनको बचपन में अपनी नानी से मिली थी. एक समय आया जब उनकी शादी हुई. ससुराल गईं तो कुछ दिनों बाद उनके पति बीमार रहने लगे. तब मेरी सास ने छठ व्रत रखकर मन्नत मांगी. उस वक्त मुझे छठ के महात्म्य का एहसास हुआ. तभी से मैं छठ की व्रत रखने लगी और घाटों पर जाने लगी. घाट पर पहुंचकर छठ गीतों को गाने लगीं. अब मैं गांव तो नहीं जा पाती हैं लेकिन अपने गीतों के माध्यम से घर-घर पहुंचकर छठी मैया को अर्घ्य जरूर देती हूं.

छठ के बरतिया गीत से युवाओं को संदेश: शारदा सिन्हा का नया गीत छठ के बरतिया लॉन्च हो चुका है शारदा सिन्हा ने ईटीवी भारत से बताया कि इस नए गीत को गाने की वजह वो युवा हैं जो अपने संस्कृति से दूर हो गए हैं. उन्हें अपने परंपराओं के बारे में बिल्कुल भी मालूम नहीं है. ये गीत ऐसे ही युवाओं को समर्पित है.

''छठ के बरतिया गीत को हमने उन युवाओं को संदेश देते हुए गाया है. ये गीत उन मॉडर्न युवाओं को समर्पित है जिन्हें अपनी परंपराओं के बारे में बिल्कुल नहीं मालूम है, लेकिन ऐसे युवा जब घर आते हैं और अपनी मां को छठ नहीं कर सकने की वजह जानते हैं तो खुद ही व्रत करने लग जाते हैं ''- पद्मभूषण शारदा सिन्हा, लोक गायिका

'मुझ पर दर्शकों की विशेष कृपा': वहीं जब ईटीवी भारत ने पूछा कि क्या वजह है कि छठ गीतों में आपके गीत ही लोकप्रिय होते हैं. तो उन्होंने इसकी वजह को श्रोताओं का प्यार बताया. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि श्रोताओं को मेरी आवाज सहज और सरल और मधुर लगती हो. लेकिन छठ पर अच्छे-अच्छे कलाकारों ने गीत गाया है. बाकी लोगों को भी उतना ही प्यार मिल रहा है. मुझपर श्रोताओं की कुछ विशेष कृपा है.

शारदा सिन्हा के गाए छठ गीत होते हैं लोकप्रिय : एक्सक्लूसिव बातचीत से पहले अपने नए गीत के बारे में शारदा सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया पेज पर जानकारी दी थी. उन्होंने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर गाने को जारी होने से पहले पोस्टर शेयर किया था. पोस्टर शेयर करने के साथ ही शारदा सिन्हा ने लिखा था कि- 'अपनी आवाज में फिर इस बार छठी मईया को अर्घ्य देने एक गीत ले कर आई हूं. गाने से जुड़ी टीम को टैग करते हुए लिखा है- 'आप सब अपना आशीर्वाद जरूर देंगे इन बच्चों को. युवा पीढ़ी प्रेरित हो. संस्कृति सदा दिप्तमान हो. जय छठी मईया.'

Last Updated : Oct 23, 2022, 6:41 AM IST
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