पटनाः आपको याद होगा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने हाल में ही एक ट्वीट किया था. इसमें सीएम ने बिहार में इस साल हुई धान और गेहूं खरीद के बारे में जानकारी दी थी. लेकिन इन अनाजों का हाल क्या होता है, आज हम इसकी एक छोटी सी झलक आपको दिखा रहे हैं.
जिस तस्वीर को आप देख रहे हैं, यह पटना से सटे धनरूआ की है. जहां के पैक्स अध्यक्ष सरकारी अनाजों के सड़ने को लेकर परेशान हैं. सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वो वक्त रहते गोदाम की व्यवस्था करे.
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गोदाम नहीं होने के कारण सड़ रहे हैं अनाज
धनरूआ प्रखंड के विजयपुरा पंचायत के फुलपुरा गांव स्थित पैक्सों मे सबसे ज्यादा गेहूं के बोरे बरसात के पानी से भीग कर बर्बाद हो रहे हैं. यहां के पैक्स अध्यक्ष राजकिशोर बताते हैं कि उनके पास सरकारी अनाज को रखने के लिए कोई सरकारी गोदाम नहीं है. जैसे-तैसे वे घर में अनाज को रखे हुए हैं.
वे कहते हैं कि ज्यादा बारिश होने पर छत टपकती है. जिसके कारण अनाज भी खराब हो रहे हैं. राजकिशोर के बताये अनुसार अगर आप सरकारी अनाजों की इन बोरियों को देखेंगे तो आपको हालात का अंदाजा हो जाएगा.
पैक्स अध्यक्ष राजकिशोर की मानें तो लगातार हो रही बारिश के कारण धान और गेहूं की बोरियां खराब हो रही हैं. वे किसी तरह इन खराब हो रहे अनाजों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन गोदाम नहीं होने से बारिश में अनाजों की बरबादी तय दिखती है.
अधिकांश पैक्सों का नहीं है खुद का गोदाम
धनरूआ में पैक्स के लोग मानसून के सीजन में हो रही बारिश के कारण परेशान हैं. लगातार हो रहे बारिश से किसानों का खरीदा हुआ गेहूं सड़ रहा है. अधिकांश पैक्सों के पास खुद का कोई गोदाम नहीं हैं जिसके कारण अनाज के रखरखाव में काफा दिक्कते आ रही हैं. बता दें कि जिला सहकारिता पदाधिकारी के आदेश के बाद धनरूआ मे किसानों से पैक्स के माध्यम से गेहूं की खरीदारी की जा रही है, लेकिन अधिकांश पैक्सों के पास इसके रखरखाव का के लिए कोई सुविधा नही है.
सरकार नहीं दे रही है ध्यान
पैक्स अध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद कि मानें तो सहकारिता पदाधिकारी को कई बार गोदाम निर्माण को लेकर गुहार लगाई गई है. बावजूद इसके अभी तक सरकारी महकमे की ओर से कोई सुध नहीं ली गई है. वे कहते हैं कि किसी तरह वे किसानों से खरीदे अनाज को किराये के मकान मे रखकर काम चला रहे हैं. लेकिन इस बारिश में अनाजों को सुरक्षित रख पाना मुश्किल है.
बिहार में हर साल बर्बाद होता है अनाज
बिहार में हर साल बरसात के मौसम मे सही रखरखाव नहीं मिलने के कारण सरकारी अनाजों की बर्बादी की खबरें सामने आती हैं. कई जगहों पर बाढ़ के पानी में सरकारी अनाजों की बोरियां बह जाती हैं तो कही पर बारिश में भीग कर अनाज खराब हो जाते हैं. 2019 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिहार में 3567.653 मीट्रिक टन अनाज खराब हुए थे. जिसमें 1267.687 मीट्रिक टन गेहूं और 2299.966 मीट्रिक टन धान थी.