पटना: बीते दिनों लखीसराय में नाव हादसा हुआ. इस दुर्घटना में करीब 6 लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, यह सरकारी आंकड़ा है. हकीकत वहां की मौजूद जनता जानती है. दुर्घटना हुए अभी एक ही दिन बीता है. लोगों ने फिर से अपनी जान जोखिम में डालनी शुरू कर दी. जिले में पीपा पुल के टूट जाने से परिचालन अस्त-व्यस्त हो गया. लोग गंगा नदी से पटना आने-जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं, जो खतरनाक हो सकता है.
क्षमता से ज्यादा लोग नाव पर सवार
दरअसल, पटना और राघोपुर को जोड़ने वाली पीपा पुल के टूटने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. दियारा इलाके के ग्रामीण नाव पर ओवरलोड होकर गंगा के पार आना-जाना कर रहे हैं. आलम यह है कि जिस नाव में 30 लोगों के बैठने की जगह होती है, उसमें 70 के करीब लोग बैठकर सफर करते हैं. जिससे हर वक्त नाव के पलटने का डर बना रहता है. नाव चालक पैसा ज्यादा कमाने की लालच में लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि पीपा पुल टूट जाने से समस्या ज्यादा बढ़ गई है. मजबूरी में नाव पर सवार होकर आना पड़ रहा है. अपने काम के सिलसिले में पटना आना पड़ता है. वहीं, जब लखीसराय में हुए हादसे का जिक्र किया गया तो उन्होंने कहा कि आज ज्यादा जरूरी काम था. तभी रिस्क लेकर नाव से आना पड़ा.
जोखिम में डालते हैं जान
नाव पर सवार युवती ने बताया कि कॉलेज के सिलसिले में पटना जाना पड़ता है. पुल के टूटने से साधन ही खत्म हो गया है. दूसरा कोई रास्ता नहीं होने के कारण नाव से ही आना-जाना पड़ता है. नाव में सफर करने वालों का कहना है कि नाव से सफर करने में समय की भी बचत होती है. हालांकि नाव से इस तरह सफर करने को लोगों ने भी जोखिम भरा माना.
घट चुकी है कई घटना
बुधवार को ही लखीसराय में ओवरलोड होने की वजह से नाव पलट गई थी. जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. वहीं, कई शव अब भी लापता हैं. बावजूद इसके लोग सतर्क नहीं हो रहे हैं. इससे पहले भी साल 2017 में पटना के एनआईटी घाट में नाव पलटने से करीब 21 लोगों की मौत हो गई थी. इन घटनाओं से ना तो प्रशासन ने और ना ही लोगों ने सीख ली है.