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पटना सिविल कोर्ट का आदेश, भवन निर्माण विभाग के कार्यालय को जब्त कर किया जाएगा नीलाम - patna latest news

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि 20 दिसंबर तक विभाग पैसे का भुगतान नहीं करेगा तो इसके सेंट्रल और पाटलिपुत्र डिवीजन के कार्यालयों को जब्त कर इसे नीलाम किया जाएगा और ठेकेदारों के पैसे चुकाए जाएंगे.

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Published : Dec 15, 2019, 2:33 PM IST

Updated : Dec 15, 2019, 4:19 PM IST

पटना: राज्य में अफसरशाही इस कदर बढ़ गयी है कि अब विभाग के अधिकारी कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. ताजा उदाहरण पटना के भवन निर्माण विभाग का है. जहां काम पूरा होने के बाद भी दो ठेकेदारों को विभाग ने पैसे नहीं चुकाए. फिर मामला सिविल कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए भवन निर्माण विभाग को ठेकेदारों के पैसे के भुगतान का आदेश दिया लेकिन विभाग ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए कोई जवाब नहीं दिया. इस बीच कोर्ट ने विभाग को कई बार नोटिस भी भेजे.

...नहीं तो कार्यालय होगा नीलाम
पटना सिविल कोर्ट की दीवानी अदालत ने विभाग के रवैये से आजिज होकर इसके कार्यालयों को जब्त करने का नोटिस जारी किया है. अपर न्यायाधीश प्रथम राजीव नयन ने अपने आदेश में कहा कि यदि 20 दिसंबर तक विभाग पैसे का भुगतान नहीं करेगा तो इसके सेंट्रल और पाटलिपुत्र डिवीजन के कार्यालयों को जब्त कर इसे नीलाम किया जाएगा और ठेकेदारों के पैसे चुकाए जाएंगे.

वकील का बयान

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : जागरूकता फैलाने के लिए इंजीनियर उठा रहा कचरा

49 लाख रुपये है बकाया
बता दें कि मामला 2016 का है. मन्मथ कंस्ट्रक्शन और शिव गंगा नारायण कंस्ट्रक्शन ने भवन निर्माण विभाग के कई कार्य की ठेकेदारी ली थी और समय पर काम भी पूरे कर दिए थे. लेकिन दोनों ठीकेदारों का 49 लाख से ज्यादा की राशि विभाग ने लटका कर रखा. फिर ठेकेदारों को कोर्ट की शरण में जाना पड़ा.

पटना: राज्य में अफसरशाही इस कदर बढ़ गयी है कि अब विभाग के अधिकारी कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. ताजा उदाहरण पटना के भवन निर्माण विभाग का है. जहां काम पूरा होने के बाद भी दो ठेकेदारों को विभाग ने पैसे नहीं चुकाए. फिर मामला सिविल कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए भवन निर्माण विभाग को ठेकेदारों के पैसे के भुगतान का आदेश दिया लेकिन विभाग ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए कोई जवाब नहीं दिया. इस बीच कोर्ट ने विभाग को कई बार नोटिस भी भेजे.

...नहीं तो कार्यालय होगा नीलाम
पटना सिविल कोर्ट की दीवानी अदालत ने विभाग के रवैये से आजिज होकर इसके कार्यालयों को जब्त करने का नोटिस जारी किया है. अपर न्यायाधीश प्रथम राजीव नयन ने अपने आदेश में कहा कि यदि 20 दिसंबर तक विभाग पैसे का भुगतान नहीं करेगा तो इसके सेंट्रल और पाटलिपुत्र डिवीजन के कार्यालयों को जब्त कर इसे नीलाम किया जाएगा और ठेकेदारों के पैसे चुकाए जाएंगे.

वकील का बयान

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49 लाख रुपये है बकाया
बता दें कि मामला 2016 का है. मन्मथ कंस्ट्रक्शन और शिव गंगा नारायण कंस्ट्रक्शन ने भवन निर्माण विभाग के कई कार्य की ठेकेदारी ली थी और समय पर काम भी पूरे कर दिए थे. लेकिन दोनों ठीकेदारों का 49 लाख से ज्यादा की राशि विभाग ने लटका कर रखा. फिर ठेकेदारों को कोर्ट की शरण में जाना पड़ा.

Intro:एंकर राज्य में अफसरशाही इस कदर बढ़ गया है कि अब लगातार कोर्ट के आदेश का भी अवहेलना करते बिभाग के कई अधिकारी दिख जाते हैं ताजा उदाहरणपटना के भवन निर्माण विभाग का है जहां दो ठेकेदारों को विभाग द्वारा पैसा नहीं चुकाया गया सिविल कोर्ट में केस होने के बाद सिविल कोर्ट ने लगातार भवन निर्माण विभाग को ठीकेदार का पैसा भुगतान करने का आदेश दिया और सिविल कोर्ट के इस बाबत कई नोटिस भी दिया आदेश का पालन नहीं होने के बाद आजिज होकर पटना सिविल कोर्ट के दीवानी अदालत ने बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के विभिन्न कार्यालयों को जब्त करने का नोटिस जारी किया है अपर न्यायाधीश प्रथम राजीव नयन ने भवन निर्माण विभाग के सेंट्रल और पाटलिपुत्र डिवीजन के कार्यालयों को जब्त करने का आदेश दिया है साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए 20 दिसंबर की तिथि तय की गई है


Body:बता दे कि मामला पटना के भवन निर्माण बिभाग के कार्य से संबंधित है मन्मथ कंस्ट्रक्शन और शिवनारायण सिंह ने भवन निर्माण बिभाग के कई कार्य की ठीकेदारी ली समय पर काम पूरा कर बिभाग को दे भी दिया लेकिन दोनों ठीकेदारों को 49 लाख से ज्यादा राशि बिभाग ने अभी तक भुगतान नही किया मामला कोर्ट में गया कोर्ट ने कई बार बिभाग को नोटिस किया बिभाग के अधिकारी अनसुना करते रहे अंत मे कोर्ट ने आदेश दिया कि पटना के भवन निर्माण बिभाग के कार्यालय को जब्त कर और नीलाम कर ठीकेदार की राशि का भुगतान किया जाय वैसे इसको लेकर कोर्ट ने 20 दिसंबर तक का समय दिया है देखना यह है कि बिभाग ऐसे मामले पर संज्ञान लेती है या फिर कोर्ट के आदेश को अनसुना करती है। बाइट पंकज मेजरवार वकील सिविल कोर्ट। वाक थ्रू कुंदन कुमार पटना


Conclusion:
Last Updated : Dec 15, 2019, 4:19 PM IST
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