पटना: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में डॉक्टरों को अब ब्रांडेड दवाइयों के बजाय जेनेरिक दवाइयां ही प्रिस्क्रिप्शन में लिखनी होगी. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने डॉक्टरों को जेनेरिक दवाइयां ही लिखने का आदेश जारी किया है. मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां बाहर से खरीदने में काफी आर्थिक क्षति और परेशानी होने के कारण ये आदेश दिया गया है.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का पहले से दिशा-निर्देश है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाए. उन्होंने कहा कि आज के समय में पीएमसीएच में 222 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध हैं और कोशिश यही होती है कि सभी दवाइयां उपलब्ध रहे. उन्होंने कहा कि ये सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है. कई बीमारियां ऐसी हैं, जिनमें बाहर की भी दवाइयां लिखनी पड़ती हैं. लेकिन, सामान्य बीमारियों में गवर्नमेंट की तरफ से आदेश है कि जेनेरिक दवाइयां ही लिखी जाएं. वह गुणवत्तापूर्ण के साथ-साथ सस्ती भी हैं.
'सरकार का निर्देश ब्रांडेड दवा नहीं लिख सकते'
अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि कई बार डॉक्टरों की आदत होती है कि वह ब्रांडेड दवा लिख देते हैं. वो क्लेम भी करते हैं कि यह दवा बेहतर है. हालांकि यह भ्रमजाल की स्थिति है. सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि आप ब्रांडेड दवा नहीं लिख सकते हैं. पीएमसीएच के मेडिकल स्टोर के बारे में उन्होंने कहा कि अभी तक हमारा अपना दवाखाना नहीं था. इसलिए डॉ. ब्रांडेड दवा लिख देते थे. लेकिन, अब अमृत दवाखाना खुल गया है. अब स्पष्ट हिदायत दे दी गई है कि अगर डॉक्टर बाहर की दवा लिखेंगे, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.