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राजधानी की सड़कों पर नहीं चलेगी डीजल मिनी बस, CNG में कन्वर्ट कराने या नई बस खरीदने के आदेश

पटना में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने डीजल से चलने वाली मिनी बसों को सीएनजी में कन्वर्ट कराने या नई सीएनजी बसों को खरीदने के लिए कहा है. जिससे हवा को प्रदूषित होने से रोका जा सके. इसके लिए विभाग की तरफ से बस मालिकों को अनुदान भी दिया जाएगा.

मिनी डीजल बस
मिनी डीजल बस
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Published : Oct 21, 2021, 7:27 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में ठंड की आहट के साथ धीरे-धीरे वायु प्रदूषित (Air Pollution in Patna) हो रही है. राजधानी पटना समेत तमाम इलाकों में आबो-हवा बिगड़ने लगी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिसके चलते सरकार ने पटना की सड़कों पर चलने वाले डीजल ऑटो और अन्य व्यावसायिक वाहनों के बाद डीजल वाली मिनी बसों को हटाने की तैयारी कर रही है, ताकि समय रहते वायु को प्रदूषित होने से रोका जा सके. इसके लिए सरकार ने डीजल से चलने वाली मिनी बसों को सहायता देने की घोषणा भी की है.

ये भी पढ़ें- पटना में बिगड़ने लगी आबो-हवा, दीपावली से पहले ही एयर क्वालिटी इंडेक्स 139 के पार

परिवहन विभाग के मुताबिक पटना नगर निगम क्षेत्र में परिचालित निजी मिनी डीजल बसों की जगह सीएनजी बसों का परिचालन किया जाएगा. पटना में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग ने डीजल से चलने वाली मिनी बसों को नए सीएनजी बसों में बदलने की योजना बनाई है. पटना नगर निगम क्षेत्र में डीजल से चलने वाली निजी मिनी बसों की जगह नए सीएनजी बस मिनी बसों की खरीद के लिए अधिकतम 7.5 लाख का अनुदान दिया जाएगा. पटना शहरी क्षेत्र में डीजल की जगह सीएनजी बसों के परिचालन से प्रदूषण में कमी आएगी.

देखें वीडियो

बता दें कि बिहार परिवहन विभाग ने सबसे पहले राजधानी में डीजल से चलने वाली बसों को सीएनजी में परिवर्तित करने की योजना बनायी. अभी तक तकरीबन 20 बसों को डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट किया जा चुका है. वहीं, पटना में परिचालन के लिए 50 नयी सीएनजी बस और 25 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदारी की गई. जो कि अब राजधानी पटना समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में संचालित की जा रही है.

गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने डीजल ऑटो का संचालन बंद करने के लिए पहले ही अल्टीमेटम दे दिया था. ऑटो संचालकों की मांग पर हाल ही में 6 महीने का वक्त और बढ़ाया गया, ताकि वह अपने ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करा लें या नया ऑटो ले सकें. इसके साथ ही पटना की सड़कों पर दौड़ रही डीजल युक्त मिनी बसों को जल्द से जल्द सीएनजी में कन्वर्ट करने का निर्देश दिया गया है.

सरकार ने 28 अक्टूबर तक डीजल वाली मिनी बसों को आवेदन का मौका दिया है. बस संचालकों को इन बसों को सीएनजी बसों में कन्वर्ट कराना होगा अन्यथा उन्हें उनकी जगह नई सीएनजी बस की खरीद करनी होगी. इसके लिए सरकार 7.5 लाख रुपये तक का अनुदान देने को तैयार है.

इस बारे में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक 28 अक्टूबर तक पटना जिला परिवहन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. आवेदकों के लिए ई-मेल की भी सुविधा दी गई है. पटना शहरी क्षेत्र में परिचालित डीजल मिनी बसों को नए सीएनजी बसों में कन्वर्ट करने के बाद यदि पटना शहरी क्षेत्र में बस पकड़ी गयी तो बस मालिक पर कार्रवाई की जाएगी. बस मालिक से भुगतान की गई अनुदान राशि वसूल की जाएगी. सीएनजी बस लेने के लिए आवेदक 28 अक्टूबर तक dto-patna-bih.nic.in के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं.

परिवहन सचिव ने बताया कि यदि आवेदनों की संख्या निर्धारित लक्ष्य की सीमा में होगी तो सभी आवेदकों का चयन हो जाएगा, लेकिन अगर लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त हुए तो वरीयता सूची के आधार पर सबसे पुराने वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रथम चरण में 50 लाभुकों का चयन किया जाएगा. पटना डीटीओ में आवेदन के साथ आवेदक का आधार कार्ड, आवेदक का पैन कार्ड, पुराने वाहन का निबंधन प्रमाण पत्र, फिटनेस, वैध बीमा प्रमाण पत्र और पीयूसी प्रमाणपत्र के अलावा पूर्व धारित डीजल चालित बस का परिचालन पटना के शहरी क्षेत्र में नहीं किया जाएगा इस आशय का घोषणा पत्र भी देना होगा.

ये भी पढ़ें- ताल ठोककर बोले अश्विनी चौबे- जा रहा हूं जम्मू कश्मीर, दहशत में रह रहे बिहारियों के डर को करूंगा खत्म

पटना: बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में ठंड की आहट के साथ धीरे-धीरे वायु प्रदूषित (Air Pollution in Patna) हो रही है. राजधानी पटना समेत तमाम इलाकों में आबो-हवा बिगड़ने लगी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. जिसके चलते सरकार ने पटना की सड़कों पर चलने वाले डीजल ऑटो और अन्य व्यावसायिक वाहनों के बाद डीजल वाली मिनी बसों को हटाने की तैयारी कर रही है, ताकि समय रहते वायु को प्रदूषित होने से रोका जा सके. इसके लिए सरकार ने डीजल से चलने वाली मिनी बसों को सहायता देने की घोषणा भी की है.

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परिवहन विभाग के मुताबिक पटना नगर निगम क्षेत्र में परिचालित निजी मिनी डीजल बसों की जगह सीएनजी बसों का परिचालन किया जाएगा. पटना में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग ने डीजल से चलने वाली मिनी बसों को नए सीएनजी बसों में बदलने की योजना बनाई है. पटना नगर निगम क्षेत्र में डीजल से चलने वाली निजी मिनी बसों की जगह नए सीएनजी बस मिनी बसों की खरीद के लिए अधिकतम 7.5 लाख का अनुदान दिया जाएगा. पटना शहरी क्षेत्र में डीजल की जगह सीएनजी बसों के परिचालन से प्रदूषण में कमी आएगी.

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बता दें कि बिहार परिवहन विभाग ने सबसे पहले राजधानी में डीजल से चलने वाली बसों को सीएनजी में परिवर्तित करने की योजना बनायी. अभी तक तकरीबन 20 बसों को डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट किया जा चुका है. वहीं, पटना में परिचालन के लिए 50 नयी सीएनजी बस और 25 इलेक्ट्रिक बसों की खरीदारी की गई. जो कि अब राजधानी पटना समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में संचालित की जा रही है.

गौरतलब है कि परिवहन विभाग ने डीजल ऑटो का संचालन बंद करने के लिए पहले ही अल्टीमेटम दे दिया था. ऑटो संचालकों की मांग पर हाल ही में 6 महीने का वक्त और बढ़ाया गया, ताकि वह अपने ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करा लें या नया ऑटो ले सकें. इसके साथ ही पटना की सड़कों पर दौड़ रही डीजल युक्त मिनी बसों को जल्द से जल्द सीएनजी में कन्वर्ट करने का निर्देश दिया गया है.

सरकार ने 28 अक्टूबर तक डीजल वाली मिनी बसों को आवेदन का मौका दिया है. बस संचालकों को इन बसों को सीएनजी बसों में कन्वर्ट कराना होगा अन्यथा उन्हें उनकी जगह नई सीएनजी बस की खरीद करनी होगी. इसके लिए सरकार 7.5 लाख रुपये तक का अनुदान देने को तैयार है.

इस बारे में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक 28 अक्टूबर तक पटना जिला परिवहन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. आवेदकों के लिए ई-मेल की भी सुविधा दी गई है. पटना शहरी क्षेत्र में परिचालित डीजल मिनी बसों को नए सीएनजी बसों में कन्वर्ट करने के बाद यदि पटना शहरी क्षेत्र में बस पकड़ी गयी तो बस मालिक पर कार्रवाई की जाएगी. बस मालिक से भुगतान की गई अनुदान राशि वसूल की जाएगी. सीएनजी बस लेने के लिए आवेदक 28 अक्टूबर तक dto-patna-bih.nic.in के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं.

परिवहन सचिव ने बताया कि यदि आवेदनों की संख्या निर्धारित लक्ष्य की सीमा में होगी तो सभी आवेदकों का चयन हो जाएगा, लेकिन अगर लक्ष्य से अधिक आवेदन प्राप्त हुए तो वरीयता सूची के आधार पर सबसे पुराने वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रथम चरण में 50 लाभुकों का चयन किया जाएगा. पटना डीटीओ में आवेदन के साथ आवेदक का आधार कार्ड, आवेदक का पैन कार्ड, पुराने वाहन का निबंधन प्रमाण पत्र, फिटनेस, वैध बीमा प्रमाण पत्र और पीयूसी प्रमाणपत्र के अलावा पूर्व धारित डीजल चालित बस का परिचालन पटना के शहरी क्षेत्र में नहीं किया जाएगा इस आशय का घोषणा पत्र भी देना होगा.

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