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मॉनसून सत्र में स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सरकार को घेरेगा विपक्ष, मांगेगा स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा

28 जून से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के लिए विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है. ऐसे में विपक्ष ने अब सरकार को घेरने का प्लान बनाया है.

आलोक मेहता, प्रधान महासचिव, राजद
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Published : Jun 26, 2019, 10:47 PM IST

पटना: मुजफ्फरपुर में चमकी से बच्चों की मौत के बाद अब नीति आयोग की रिपोर्ट ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है. विधानमंडल सत्र के ठीक पहले आई इस रिपोर्ट ने सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. विपक्ष अब इस मुद्दे पर ना सिर्फ सरकार को घेरने बल्कि स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करने की तैयारी कर रहा है.

28 जून से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के लिए विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट में जिस तरह बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोली गई है. उससे यह तय हो गया है कि पहले तो मुजफ्फरपुर में ऐसे बच्चों की मौत और उसके बाद अब बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मॉनसून सत्र में विपक्ष सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा.

आलोक मेहता का बयान

आलोक कुमार मेहता ने क्या कहा
राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने कहा कि बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि की हालत अत्यंत चिंताजनक है. इसके साथ ही बिहार में जिस तरह से पेयजल का संकट बढ़ गया है, वह भी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि आगामी सत्र में सरकार से विपक्ष इन सभी मुद्दों पर जवाब मांगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से मांग करेंगे कि सरकार इन सभी जरूरी चीजों के लिए बजट एलोकेशन बढ़ाए.

नीति आयोग की रैंकिंग
दरअसल नीति आयोग ने विश्व बैंक, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर 21 बड़े राज्यों की रैंकिंग जारी की है. इसमें सबसे पहले नंबर पर केरल है, जबकि सबसे आखिरी नंबर पर उत्तर प्रदेश और बिहार हैं. उत्तर प्रदेश से ठीक ऊपर 20वें नंबर पर बिहार है.

अब तक 186 बच्चों की मौत
चमकी बुखार से अबतक 186 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं और अभी भी चमकी पीड़ित अस्पताल में रोजाना भर्ती हो रहे हैं. ऐसे में इस रिपोर्ट की चर्चा बहुत जरूरी है. खास बात यह है कि इसी दौरान नीति आयोग ने भी रैंकिंग जारी की है. जिसमें बिहार सबसे नीचे है.

पटना: मुजफ्फरपुर में चमकी से बच्चों की मौत के बाद अब नीति आयोग की रिपोर्ट ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है. विधानमंडल सत्र के ठीक पहले आई इस रिपोर्ट ने सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. विपक्ष अब इस मुद्दे पर ना सिर्फ सरकार को घेरने बल्कि स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करने की तैयारी कर रहा है.

28 जून से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के लिए विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट में जिस तरह बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोली गई है. उससे यह तय हो गया है कि पहले तो मुजफ्फरपुर में ऐसे बच्चों की मौत और उसके बाद अब बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मॉनसून सत्र में विपक्ष सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा.

आलोक मेहता का बयान

आलोक कुमार मेहता ने क्या कहा
राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने कहा कि बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि की हालत अत्यंत चिंताजनक है. इसके साथ ही बिहार में जिस तरह से पेयजल का संकट बढ़ गया है, वह भी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि आगामी सत्र में सरकार से विपक्ष इन सभी मुद्दों पर जवाब मांगेगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से मांग करेंगे कि सरकार इन सभी जरूरी चीजों के लिए बजट एलोकेशन बढ़ाए.

नीति आयोग की रैंकिंग
दरअसल नीति आयोग ने विश्व बैंक, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर 21 बड़े राज्यों की रैंकिंग जारी की है. इसमें सबसे पहले नंबर पर केरल है, जबकि सबसे आखिरी नंबर पर उत्तर प्रदेश और बिहार हैं. उत्तर प्रदेश से ठीक ऊपर 20वें नंबर पर बिहार है.

अब तक 186 बच्चों की मौत
चमकी बुखार से अबतक 186 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं और अभी भी चमकी पीड़ित अस्पताल में रोजाना भर्ती हो रहे हैं. ऐसे में इस रिपोर्ट की चर्चा बहुत जरूरी है. खास बात यह है कि इसी दौरान नीति आयोग ने भी रैंकिंग जारी की है. जिसमें बिहार सबसे नीचे है.

Intro:मुज़फ्फरपुर में बच्चों की मौत के बाद अब नीति आयोग की रिपोर्ट ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है। विधानमंडल सत्र के ठीक पहले आई इस रिपोर्ट ने सरकार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। विपक्ष अब इस मुद्दे पर ना सिर्फ सरकार को घेरने बल्कि स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करने की तैयारी कर रहा है।


Body:28 जून से शुरू होने वाले बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के लिए विपक्ष को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट में जिस तरह बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोली गई है, उससे यह तय हो गया है कि पहले तो मुजफ्फरपुर में ऐसे बच्चों की मौत और उसके बाद अब बदतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर मानसून सत्र में विपक्ष सरकार के लिए मुश्किलें खड़ा करेगा।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता ने ईटीवी से कहा कि बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि की हालत अत्यंत चिंताजनक है। इसके साथ बिहार में जिस तरह से पेयजल का संकट बढ़ गया है, वह भी चिंता का विषय है। आलोक मेहता ने कहा कि आगामी सत्र में सरकार से विपक्ष इन सभी मुद्दों पर जवाब मांगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार से मांग करेंगे कि सरकार इन सभी जरूरी चीजों के लिए बजट एलोकेशन बढ़ाए।


Conclusion:बाइट आलोक कुमार मेहता प्रधान महासचिव, राजद
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