पटना: एक तरफ बजट सत्र में विपक्ष विधानसभा में अपनी उपस्थिति दमदार तरीके से दिखा रहा है और सदन के अंदर और बाहर सरकार की खामियों को उजागर कर रहा है. दूसरी तरफ विधान परिषद में विपक्ष कहीं ना कहीं कमजोर नजर आ रहा है. इसके पीछे बड़ी वजह राबड़ी देवी की गैर मौजूदगी है. राबड़ी लालू यादव के बीमार होने की वजह से बजट सत्र की शुरुआत से ही एक भी दिन सदन नहीं पहुंची.
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बिहार विधान परिषद में विपक्ष की उपस्थिति सरकार के लिए कोई परेशानी नहीं खड़ी कर रही. विपक्ष की संख्या इतनी कम भी नहीं कि वह विधान परिषद में विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेर न सके. सिवाय कुछ मुद्दों पर टोकाटाकी के विधान परिषद में विपक्ष की दमदार उपस्थिति इस बार नहीं दिख रही.
दिल्ली में हैं राबड़ी
लालू यादव की बीमारी की वजह से दिल्ली में उनकी देखभाल कर रहीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी बजट सत्र की शुरुआत से ही अब तक नजर नहीं आईं हैं. इस बात को राजद नेता भी स्वीकार करते हैं कि राबड़ी की अनुपस्थिति से विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने में विपक्ष कमजोर पड़ रहा है. हालांकि कांग्रेस नेता इससे इंकार करते हैं. उनका कहना है कि हम अपनी भूमिका दमदार तरीके से निभा रहे हैं. हम चाहते हैं कि सदन चले और जनता से जुड़े सवालों के जवाब सदन में सरकार की तरफ से दिए जाएं.
बजट सत्र की शुरुआत में कुछ दिनों तक सदन के बाहर विपक्ष ने एकजुट होकर प्रश्न जरूर किया. विभिन्न मुद्दों को लेकर कांग्रेस और राजद के नेता एक साथ नजर भी आए, लेकिन इसके बाद यह सिलसिला बंद हो गया. सदन के अंदर जरूर कुछ मुद्दों पर कांग्रेस और राजद नेता टोकाटाकी करते हैं, लेकिन सदन के बाहर किसी भी मुद्दे को लेकर विपक्ष की उपस्थिति नजर नहीं आई.
इस बारे में भाजपा नेता नवल किशोर यादव ने कहा "विपक्ष कमजोर है. हम तो चाहते हैं कि विपक्ष मजबूत हो ताकि लोकतंत्र मजबूत हो, लेकिन अगर विपक्ष कमजोर है तो उसमें हम क्या कर सकते हैं?"
विधान परिषद में दबी विपक्ष की आवाज
मंत्री रामसूरत राय, शराबबंदी, अपराध या शिक्षक बहाली सभी मामलों में विधानसभा में जिस तरह से विपक्ष सरकार पर हमलावर नजर आया वैसा विधान परिषद में नहीं दिखा. विपक्ष की आवाज विधान परिषद में दबी-दबी नजर आई. विशेष तौर पर शिक्षा और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों पर हमेशा हमलावर रहने वाले विपक्ष की आवाज इस बार राबड़ी की अनुपस्थिति में कुंद नजर आ रही है.