पटना: बिहार विधान मंडल के बजट सत्र में विपक्षी पार्टियों ने नियोजित शिक्षक की हड़ताल को लेकर जमकर हंगामा किया. उन लोगों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जान-बुझकर शिक्षकों की मांग को अनसुना कर रही है, जो गलत है.
विपक्षी पार्टी के सदस्यों का कहना है कि जिस तरह से राज्य के लाखों शिक्षकों ने हड़ताल कर विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य बंद कर दिया है. ऐसा लगता है कि सरकार को छात्रों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है. इसीलिए हड़ताली शिक्षकों से सरकार बात भी नहीं कर रही है.
'शिक्षकों की मांग को लेकर सरकार गंभीर नहीं'
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. यही कारण है कि शिक्षकों के मांग की अनदेखी की जा रही है. हड़ताली शिक्षकों की मांग जायज है और उन लोगों की मांग को लेकर हम सदन में भी सरकार से कई बार कह चुके है, लेकिन सरकार कुछ जवाब नहीं दे रही है. इसीलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार हड़ताली शिक्षकों से बात कर उनकी मांगों को सुने और उनकी जायज मांगों को पूरा कर हड़ताल समाप्त कराए.
तेजस्वी-नीतीश मुलाकात के कोई मायने नहीं- राबड़ी देवी
बजट सत्र के दौरान तेजस्वी यादव और सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि तेजस्वी से मुख्यमंत्री के मुलाकात के कोई मायने नहीं है. वो मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार की थी, यानी परम्परा जो चली आ रही है उसी के मुताबिक दोनों की मुलाकात हुई है. इसके अलावा आरजेडी में नीतीश कुमार के शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि नीतीश के लिए मेरा दरवाजा बंद हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीयू के बीच क्या-क्या हो रहा है. हम इस मुद्दे पर कुछ नहीं कह सकते हैं.