पटना: बिहार विधानसभा में शुक्रवार को भी विपक्षी विधायकों द्वारा जमकर हंगामा किया गया. विपक्षी विधायक सदन के वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. जिसके चलते स्पीकर विजय सिन्हा ने सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दी. विधायक सरकार के 23 मार्च को पुलिस विधेयक लाए जाने पर विरोध करते हुए वेल में आ गए थे.
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गृहविभाग की ओर लाए जाने वाले विधेयक पर विपक्ष की आपत्ति
दरअसल, आज गृहविभाग की ओर से 23 मार्च को लाए जाने वाले पुलिस विधेयक पर विपक्षी दलों के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष का आरोप है कि बिहार सरकार उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर बिहार में भी योगीराज मॉडल को लागू करना चाहती है. जिससे राज्य सराकर सूबे के लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म कर अपनी मनमानी कर सके. विपक्षी विधायकों ने कहा वे किसी भी सूरत पर इस विधेयक को सदन से पास नहीं होने देंगे.
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विधेयक की प्रति फाड़ कर फेंका आसन की तरफ
विपक्षी विधायक सदन के भीतर विरोध करते हुए वेल में पहुंचे और विधेयक की प्रति फाड़ दी. साथ ही फटे हुए विधेयकों के पन्ने को आसन की ओर फेंकने लगे. विपक्षी सदस्यों का कहना था कि यह काला कानून है. इससे बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार पुलिस को मिल जाएगा. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था समाप्त करने की कोशिश है.
पुलिस विधेयक पर बोले विपक्षी दलों के विधायक
'पुलिस को जिस प्रकार से अधिकार दिया जा रहा है. हम उसका विरोध कर रहे हैं'.- मुकेश रोशन, आरजेडी विधायक
'पहले से जब कानून है तो फिर इस तरह के कानून लाने की क्या जरूरत है. यह काला कानून है, इसे लागू होने नहीं देंगे'.- अजय कुमार, सीपीआईएम विधायक
'यह योगीराज लाने की तैयारी हो रही है. बिना एफआईआर, बिना वारंट टाइप की जिस तरह से बॉलीवुड में दिखाई जाती है. वही सब कुछ करने की तैयारी हो रही है'.- अजीत कुशवाहा, माले विधायक
'जिस प्रकार से पुलिस को अधिकार दिया जा रहा है. वह सही नहीं है'.- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता
'पुलिस को जब बिना वारंट का किसी को पकड़ने का अधिकार मिल जाएगा. तो क्या होगा समझा जा सकता है'. रेखा देवी, राजद विधायक
वहीं, हंगामे के बीच स्पीककर विजय सिन्हा ने विपक्षी दलों के विधायकों को कई बार अपने स्थान पर जाने के निर्देश दिए. लेकिन विधायक सदन के वेल में हंगामा करते रहे. जिसके चलते गैर सरकारी संकल्प पास नहीं किया जा सका.