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बिना सुविधा नगर विस्तार पर विपक्ष ने उठाया सवाल, कहा- टैक्स के लिए सरकार बना रही नगर पंचायत - Opposition disagrees over increasing civic body

शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने विभिन्न जिलों में नए नगर पंचायत और नगर परिषद का गठन, वर्तमान नगर पंचायत का नगर परिषद में उत्क्रमण और वर्तमान नगर निकाय के क्षेत्र विस्तार किए जाने पर फैसला लिया है. बिना सुविधा के नगर निकायों की संख्या बढ़ाने पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है.

पटना
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Published : Feb 28, 2021, 6:50 PM IST

Updated : Feb 28, 2021, 9:34 PM IST

पटना: 2011 की जनसंख्या के अनुसार बिहार की कुल शहरी आबादी मात्र 1 करोड़ 3 लाख है. जो राज्य की कुल जनसंख्या का 11.3 प्रतिशत है. जबकि देश में 2011 की जनगणना के अनुसार शहरीकरण जनसंख्या का अनुपात 31.2 प्रतिशत है. शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने विभिन्न जिलों में नए नगर पंचायत और नगर परिषद का गठन, वर्तमान नगर पंचायत का नगर परिषद में उत्क्रमण और वर्तमान नगर निकाय के क्षेत्र विस्तार किए जाने पर फैसला लिया है.

नगर निकाय 142 से 258 किए
नगर निकाय 142 से 258 किए

ये भी पढ़ें- दिल्ली में बिहार एग्जीबिशन का शुभारंभ, बोले उद्योग मंत्री- 'मेक इन बिहार' को देना है बढ़ावा

नगर निकाय 142 से 258 किए
नीतीश सरकार ने 109 नए नगर पंचायतों का गठन, 34 नगर परिषदों का गठन, 32 नगर पंचायतों को नगर परिषद में उत्क्रमण, 5 नगर परिषद का नगर निगम में उत्क्रमण और 12 नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार करने का फैसला लिया है. जिसके बाद बिहार में नगर निगम 12 से बढ़कर 18, नगर परिषद 49 से बढ़कर 83, नगर पंचायत 81 से बढ़कर 157 हो जाएगी. इस तरह नगर निकायों की संख्या 142 से बढ़कर 258 की. इस तरह शहर की जनसंख्या 1 करोड़ तीन लाख से बढ़कर एक करोड़ 59 लाख हो जाएगी और राज्य में शहरी जनसंख्या का अनुपात 11.3 प्रतिशत से बढ़कर 15.28 प्रतिशत हो जाएगा.

शहरीकरण पर खर्च होगी बड़ी राशि
शहरीकरण पर खर्च होगी बड़ी राशि

निकाय बढ़ाने से विपक्ष असहमत
ऐसे स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत राजधानी पटना, भागलपुर, बिहार शरीफ और मुजफ्फरपुर स्वीकृत है. 5 वित्तीय वर्ष में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी 50-50 प्रतिशत है और इसके कारण जो बड़े शहर हैं, उसका भी फैलाव होगा. लेकिन विपक्ष बिना सुविधा के नगर निकायों की संख्या बढ़ाने पर सवाल खड़ा कर रहा है.

निकाय बढ़ाने से विपक्ष असहमत
निकाय बढ़ाने से विपक्ष असहमत

सरकार की मंशा पर विपक्ष के सवाल
सरकार के इस फैसले पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि बिना किसी सुविधा बढ़ाए सरकार नगर निकायों की संख्या में तेजी से इजाफा कर रही है. ये सब कुछ लोगों से टैक्स वसूली के लिए किया जा रहा है.

''सरकार ने किसी तरह की सुविधा लोगों को नहीं दी है, केवल टैक्स के लिए नगर पंचायत बना रही है''- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम

अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम
अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम

''विपक्ष को सिर्फ आरोप लगाने की आदत है, निकायों की संख्या बढ़ाने से जन सुविधाओं में तेजी से विकास होगा''- रामकृपाल यादव, बीजेपी सांसद

रामकृपाल यादव, बीजेपी सांसद
रामकृपाल यादव, बीजेपी सांसद

''बिहार सरकार का शहरीकरण पर जोर है, जिससे प्रदेश में सुविधाएं बढ़ेगी''- जनक चमार, बीजेपी मंत्री

जनक चमार, बीजेपी मंत्री
जनक चमार, बीजेपी मंत्री

शहरीकरण पर खर्च होगी बड़ी राशि
सरकार ने नगर विकास आवास विभाग के लिये 2020-21 के बजट में 7213.71 करोड़ की स्वीकृति दी थी. अभी द्वितीय अनुपूरक बजट में सरकार ने विधानसभा से 2379.48 करोड़ की स्वीकृति ली है. इस राशि का प्रयोग नागरिक जीवन को बेहतर बनाने में किया जाएगा. नगर विकास आवास विभाग का बजट इस बार 7767.3 करोड़ है और इसमें भी बड़ी राशि शहरीकरण पर खर्च होने वाली है.

कई तरह की सुविधाएं मिलने का दावा
कई तरह की सुविधाएं मिलने का दावा

कई तरह की सुविधाएं मिलने का दावा
बिहार सरकार के फैसले से जहां जिलों में नागरिक सुविधा का विस्तार होगा. वहीं, केंद्र की अमृत योजना का लाभ भी बड़ी आबादी को मिल सकेगा. एक लाख से अधिक आबादी वाले 21 नगर निकायों में जलापूर्ति योजना, तीन नगर निकायों में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना और 27 नगर निगम व्यापार विकास योजना कार्यान्वित है. इस योजना के लिए 50% राशि केंद्र सरकार, 30% राशि राज्य सरकार द्वारा और 20% राशि संबंधित नगर निकायों द्वारा किया जाना है.

देखिए रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- खादी ग्रामोद्योग कोल्हू से परंपरागत विधि से तैयार कर रहा सरसों का तेल, लोगों में बढ़ी डिमांड

विपक्ष के निशाने पर बिहार सरकार
त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था में केंद्र सरकार का भी पूरा ध्यान है, जिसके लिए अधिक से अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जाए. जिससे विकास की योजनाओं को गति मिल सके. लेकिन ये भी सच्चाई है कि जिस प्रकार से नगर निकायों की संख्या बिना तैयारी के बढ़ायी जा रही है. इसे लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है.

पटना: 2011 की जनसंख्या के अनुसार बिहार की कुल शहरी आबादी मात्र 1 करोड़ 3 लाख है. जो राज्य की कुल जनसंख्या का 11.3 प्रतिशत है. जबकि देश में 2011 की जनगणना के अनुसार शहरीकरण जनसंख्या का अनुपात 31.2 प्रतिशत है. शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने विभिन्न जिलों में नए नगर पंचायत और नगर परिषद का गठन, वर्तमान नगर पंचायत का नगर परिषद में उत्क्रमण और वर्तमान नगर निकाय के क्षेत्र विस्तार किए जाने पर फैसला लिया है.

नगर निकाय 142 से 258 किए
नगर निकाय 142 से 258 किए

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नगर निकाय 142 से 258 किए
नीतीश सरकार ने 109 नए नगर पंचायतों का गठन, 34 नगर परिषदों का गठन, 32 नगर पंचायतों को नगर परिषद में उत्क्रमण, 5 नगर परिषद का नगर निगम में उत्क्रमण और 12 नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार करने का फैसला लिया है. जिसके बाद बिहार में नगर निगम 12 से बढ़कर 18, नगर परिषद 49 से बढ़कर 83, नगर पंचायत 81 से बढ़कर 157 हो जाएगी. इस तरह नगर निकायों की संख्या 142 से बढ़कर 258 की. इस तरह शहर की जनसंख्या 1 करोड़ तीन लाख से बढ़कर एक करोड़ 59 लाख हो जाएगी और राज्य में शहरी जनसंख्या का अनुपात 11.3 प्रतिशत से बढ़कर 15.28 प्रतिशत हो जाएगा.

शहरीकरण पर खर्च होगी बड़ी राशि
शहरीकरण पर खर्च होगी बड़ी राशि

निकाय बढ़ाने से विपक्ष असहमत
ऐसे स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत राजधानी पटना, भागलपुर, बिहार शरीफ और मुजफ्फरपुर स्वीकृत है. 5 वित्तीय वर्ष में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी 50-50 प्रतिशत है और इसके कारण जो बड़े शहर हैं, उसका भी फैलाव होगा. लेकिन विपक्ष बिना सुविधा के नगर निकायों की संख्या बढ़ाने पर सवाल खड़ा कर रहा है.

निकाय बढ़ाने से विपक्ष असहमत
निकाय बढ़ाने से विपक्ष असहमत

सरकार की मंशा पर विपक्ष के सवाल
सरकार के इस फैसले पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि बिना किसी सुविधा बढ़ाए सरकार नगर निकायों की संख्या में तेजी से इजाफा कर रही है. ये सब कुछ लोगों से टैक्स वसूली के लिए किया जा रहा है.

''सरकार ने किसी तरह की सुविधा लोगों को नहीं दी है, केवल टैक्स के लिए नगर पंचायत बना रही है''- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम

अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम
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''विपक्ष को सिर्फ आरोप लगाने की आदत है, निकायों की संख्या बढ़ाने से जन सुविधाओं में तेजी से विकास होगा''- रामकृपाल यादव, बीजेपी सांसद

रामकृपाल यादव, बीजेपी सांसद
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''बिहार सरकार का शहरीकरण पर जोर है, जिससे प्रदेश में सुविधाएं बढ़ेगी''- जनक चमार, बीजेपी मंत्री

जनक चमार, बीजेपी मंत्री
जनक चमार, बीजेपी मंत्री

शहरीकरण पर खर्च होगी बड़ी राशि
सरकार ने नगर विकास आवास विभाग के लिये 2020-21 के बजट में 7213.71 करोड़ की स्वीकृति दी थी. अभी द्वितीय अनुपूरक बजट में सरकार ने विधानसभा से 2379.48 करोड़ की स्वीकृति ली है. इस राशि का प्रयोग नागरिक जीवन को बेहतर बनाने में किया जाएगा. नगर विकास आवास विभाग का बजट इस बार 7767.3 करोड़ है और इसमें भी बड़ी राशि शहरीकरण पर खर्च होने वाली है.

कई तरह की सुविधाएं मिलने का दावा
कई तरह की सुविधाएं मिलने का दावा

कई तरह की सुविधाएं मिलने का दावा
बिहार सरकार के फैसले से जहां जिलों में नागरिक सुविधा का विस्तार होगा. वहीं, केंद्र की अमृत योजना का लाभ भी बड़ी आबादी को मिल सकेगा. एक लाख से अधिक आबादी वाले 21 नगर निकायों में जलापूर्ति योजना, तीन नगर निकायों में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना और 27 नगर निगम व्यापार विकास योजना कार्यान्वित है. इस योजना के लिए 50% राशि केंद्र सरकार, 30% राशि राज्य सरकार द्वारा और 20% राशि संबंधित नगर निकायों द्वारा किया जाना है.

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विपक्ष के निशाने पर बिहार सरकार
त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था में केंद्र सरकार का भी पूरा ध्यान है, जिसके लिए अधिक से अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जाए. जिससे विकास की योजनाओं को गति मिल सके. लेकिन ये भी सच्चाई है कि जिस प्रकार से नगर निकायों की संख्या बिना तैयारी के बढ़ायी जा रही है. इसे लेकर विपक्ष निशाना साध रहा है.

Last Updated : Feb 28, 2021, 9:34 PM IST
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