पटना: 22 मार्च को पूरा देश कोरोना से निपटने की दिशा में एक साथ एक अहम कोशिश करेगा. प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर बिहार समेत पूरे देश में जनता कर्फ्यू सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक लगेगा. भारतीय जनता पार्टी और डॉक्टरों ने भी प्रधानमंत्री के इस पहल की प्रशंसा की है. वहीं विपक्ष ने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति को देखते हुए सवाल उठाए हैं. प्रधानमंत्री की अपील की सराहना करते हुए बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि वह खुद लोगों से अपील करेंगे कि रविवार को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक अपने घर से ना निकलें.
दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है
प्रेम कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो फैसला लिया है, वह पूरे देश के हित में है और लोगों को खुद इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह पूरे दिन घर से ना निकलें. वहीं वरिष्ठ डॉक्टर मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए जरूरी है कि लोग खुद को घरों में कैद रखें. क्योंकि यह वायरस बहुत तेजी से एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है.
प्रधानमंत्री ने जो पहल की है, उससे इस संक्रमण का चेन तोड़ने में बड़ी और कारगर मदद मिलेगी. वहीं विपक्ष ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था के जरिए नीतीश कुमार और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है.
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विपक्ष ने साधा निशाना
आरजेडी ने बिहार सरकार के उस हलफनामे का जिक्र किया है जो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चमकी बुखार मामले में दिया था. इस हलफनामे में सरकार ने बिहार के अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट की कमी बताते हुए अपना पक्ष रखा था. आरजेडी ने सवाल किया है कि जब बिहार के अस्पतालों में इतनी बड़ी कमी है तो कोरोना का प्रकोप बिहार में कितना घातक सिद्ध हो सकता है, यह सोचने वाली बात है.
आरजेडी ने बिहार सरकार से स्वास्थ्य पेशेवरों का विशेष टास्क फोर्स, जिला स्तर पर नोडल ऑफिस का गठन और उनके संपर्क सूत्रों की पूरी डिटेल सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही लालू यादव के हवाले से कहा गया है कि हम विपक्ष के नाते कोरोना से लड़ने की सरकार की हर सकारात्मक पहल का समर्थन करते हैं और दोहराते हैं कि बेहतर तैयारी, समन्वय और जागरूकता ही इस महामारी को कम कर सकती है.