पटना: बिहार विधान परिषद में गुरुवार को नियोजित शिक्षकों का मामला कई सदस्यों ने उठाया. शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में सदस्यों ने कहा कि सरकार को नियोजित शिक्षकों पर लाठीचार्ज करने की बजाय उनसे बात करनी चाहिए. लेकिन शिक्षा मंत्री ने इसपर कुछ नहीं कहा. वहीं, सदन से बाहर आने के बाद शिक्षा मंत्री ने मामले की जानकारी होने से ही इंकार कर दिया.
विपक्ष ने उठाया मुद्दा
विधान परिषद के सदस्य दिलीप चौधरी, नवल किशोर किशोर यादव ,संजीव कुमार और रामचंद्र पूर्वे समेत कई सदस्यों ने पटना के गर्दनीबाग में नियोजित शिक्षकों के प्रदर्शन पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. सदस्यों ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने सदन में कहा कि शिक्षा मंत्री को तुरंत प्रदर्शन पर बैठे नियोजित शिक्षकों से बात करनी चाहिए.
हमें इस मामले की जानकारी नहीं- शिक्षा मंत्री
विधान परिषद के सभी सदस्यों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि नियोजित शिक्षक अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. सरकार उन पर लाठीचार्ज करवा रही है और वाटर कैनन से प्रहार करवा आ रही है. इस पर शिक्षा मंत्री ने जबाव देते हुए कहा कि हमें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. अगर शिक्षकों पर लाठीचार्ज हुआ तो यह दुखद है. साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्रदर्शन करने से पहले वार्ता की अपील करनी चाहिए और अगर वो ऐसा करते तो लाठीचार्ज की नौबत ही नहीं आती.
क्या है मामला
गौरतलब है कि समान काम के बदले समान वेतन की मांग को लेकर नियोजित शिक्षक संघ के सदस्य सब गर्दनीबाग में प्रदर्शन कर रहे थे. शिक्षकों की अधिक संख्या से अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो गयी. स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का प्रयोग किया.