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विधान परिषद में स्वास्थ्य बजट पर विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार का दावा- पहले से बेहतर स्थिति में बिहार - स्वास्थ्य बजट पर चर्चा

बिहार विधान परिषद में स्वास्थ्य बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष और राजद नेताओं ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाया. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बिहार की स्थिति पहले से बेहतर है.

स्वास्थ्य बजट
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Published : Mar 15, 2021, 10:59 PM IST

पटना: विधान परिषद में स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार के दावों पर सवाल खड़े किये, सरकारी अस्पतालों की स्थिति को डॉक्टरों की कमी और स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी पर सरकार को घेरा. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दावा किया कि हर दिशा में काम हो रहा है. बिहार पहले से बेहतर स्थिति में है.

ये भी पढ़ें- वॉकआउट के बीच भवन निर्माण का बजट पास, श्रेयसी ने कहा- विपक्ष को वापस लेना चाहिए था कटौती प्रस्ताव

खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा
विधान परिषद में आज स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, जनसंपर्क और नगर विकास विभाग का बजट पारित हो गया. स्वास्थ्य बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से समीर कुमार सिंह और रामबली सिंह ने सरकारी अस्पताल की दुर्दशा पर सवाल खड़े किये. समीर कुमार सिंह ने कहा की स्वास्थ्य मंत्री चाहे लाख दावे करें लेकिन बेरोजगारी चरम पर होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा है. अस्पतालों में और पीएचसी में भी स्टॉफ की कमी है. डॉक्टर समय पर नहीं आते, पीएमसीएच में मरीजों को बेड नहीं मिल रहा. जबकि रामबली सिंह ने कहा कि नर्सों और डॉक्टरों की कमी के बावजूद सरकार पदों को नहीं भर रही है.

देखें वीडियो

पूर्ववर्ती सरकार की वजह से डॉक्टरों की कमी है
स्वास्थ्य बजट पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दावा किया कि एक साल में 13 हजार से ज्यादा पदों पर एएनएम और जीएनएम की बहाली हुई है. बड़ी संख्या में मेडिकल ऑफिसर बहाल किए गए हैं. बिहार में अगर डॉक्टरों की कमी है तो इसके पीछे वजह पूर्ववर्ती सरकारें हैं. जिन्होंने मेडिकल कॉलेज स्थापित करने पर ध्यान नहीं दिया. हमारी सरकार ने पिछले कुछ सालों में कई मेडिकल कॉलेज स्थापित किए हैं और आने वाले 4 साल में बिहार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी.

कोरोना में सबसे बेहतर काम
इसके बाद बिहार में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी. पटना के पीएमसीएच में 5 हजार से ज्यादा बेड का अस्पताल और एनएमसीएच के अलावा आईजीआईएमएस में भी बेड की संख्या बढ़ाकर ढाई हजार की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि कोरोना मामले में बिहार देश को राह दिखा रहा है. संक्रमण के मामले में बिहार ने सबसे बेहतर काम किया है. आज भी बिहार बेहतर स्थिति में है. होली को लेकर बिहार विशेष सजगता बरत रहा है और हम भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर रैंडम टेस्ट की व्यवस्था कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- माननीय की भाषा से सदन की गरिमा हो रही तार-तार, बाहर एक-दूसरे को दे रहे नसीहत

स्वास्थ्य मंत्री के दावों पर सवाल
वहीं, राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के तमाम दावों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि 15 साल से जेडीयू की सरकार है. इतने दिन में आपने क्या किया है आप बताइए. आज सरकारी अस्पतालों में जाने वाले लोग परेशान हैं. उनके लिए आप क्या व्यवस्था कर रहे हैं? भविष्य में क्या करेंगे? इसका जवाब दीजिए गिनती मत गिनाइए.

पटना: विधान परिषद में स्वास्थ्य विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार के दावों पर सवाल खड़े किये, सरकारी अस्पतालों की स्थिति को डॉक्टरों की कमी और स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी पर सरकार को घेरा. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दावा किया कि हर दिशा में काम हो रहा है. बिहार पहले से बेहतर स्थिति में है.

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खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा
विधान परिषद में आज स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, जनसंपर्क और नगर विकास विभाग का बजट पारित हो गया. स्वास्थ्य बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से समीर कुमार सिंह और रामबली सिंह ने सरकारी अस्पताल की दुर्दशा पर सवाल खड़े किये. समीर कुमार सिंह ने कहा की स्वास्थ्य मंत्री चाहे लाख दावे करें लेकिन बेरोजगारी चरम पर होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा है. अस्पतालों में और पीएचसी में भी स्टॉफ की कमी है. डॉक्टर समय पर नहीं आते, पीएमसीएच में मरीजों को बेड नहीं मिल रहा. जबकि रामबली सिंह ने कहा कि नर्सों और डॉक्टरों की कमी के बावजूद सरकार पदों को नहीं भर रही है.

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पूर्ववर्ती सरकार की वजह से डॉक्टरों की कमी है
स्वास्थ्य बजट पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने दावा किया कि एक साल में 13 हजार से ज्यादा पदों पर एएनएम और जीएनएम की बहाली हुई है. बड़ी संख्या में मेडिकल ऑफिसर बहाल किए गए हैं. बिहार में अगर डॉक्टरों की कमी है तो इसके पीछे वजह पूर्ववर्ती सरकारें हैं. जिन्होंने मेडिकल कॉलेज स्थापित करने पर ध्यान नहीं दिया. हमारी सरकार ने पिछले कुछ सालों में कई मेडिकल कॉलेज स्थापित किए हैं और आने वाले 4 साल में बिहार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 28 हो जाएगी.

कोरोना में सबसे बेहतर काम
इसके बाद बिहार में डॉक्टरों की कमी नहीं रहेगी. पटना के पीएमसीएच में 5 हजार से ज्यादा बेड का अस्पताल और एनएमसीएच के अलावा आईजीआईएमएस में भी बेड की संख्या बढ़ाकर ढाई हजार की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया कि कोरोना मामले में बिहार देश को राह दिखा रहा है. संक्रमण के मामले में बिहार ने सबसे बेहतर काम किया है. आज भी बिहार बेहतर स्थिति में है. होली को लेकर बिहार विशेष सजगता बरत रहा है और हम भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर रैंडम टेस्ट की व्यवस्था कर रहे हैं.

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स्वास्थ्य मंत्री के दावों पर सवाल
वहीं, राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के तमाम दावों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि 15 साल से जेडीयू की सरकार है. इतने दिन में आपने क्या किया है आप बताइए. आज सरकारी अस्पतालों में जाने वाले लोग परेशान हैं. उनके लिए आप क्या व्यवस्था कर रहे हैं? भविष्य में क्या करेंगे? इसका जवाब दीजिए गिनती मत गिनाइए.

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