पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 2 महीनों में विपक्षी दलों के कई नेताओं से मुलाकात कर विपक्षी एकजुटता के लिए बैठक करने की सहमति बना ली है. सीएम अबतक राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, महाराष्ट्र पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई नेता डी. राजा से मिल चुके हैं. नवीन पटनायक को छोड़ दें तो सभी ने विपक्षी एकजुटता की मुहिम का समर्थन किया है. बैठक की तिथि तय होने के बाद सभी दलों को निमंत्रण भेजने की तैयारी हो रही है.
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कौन-कौन से दल के नेता होंगे शामिल: मुख्यमंत्री के स्तर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ इस पर लगातार बैठक हो रही है. पटना में होने वाली 12 जून को विपक्षी दलों की बैठक में जिन दलों के नेता मौजूद हो सकते हैं, उसमें कांग्रेस, टीएमसी, आप, झारखंड मुक्ति मोर्चा, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), डीएमके, जेडीयू, आरजेडी, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई माले शामिल है.
किसी होटल में हो सकती है संयुक्त बैठक: कांग्रेस की तरफ से तिथि तय किए जाने के बाद अब बैठक की तैयारी पटना में शुरू हो गई है. हालांकि पटना में जगह को लेकर जेडीयू के नेता फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे हैं. माना जा रहा है कि किसी बड़े होटल में यह बैठक हो सकती है. फिलहाल जिन नेताओं से नीतीश कुमार मिल चुके हैं, उनके अलावे अन्य विपक्षी दलों को भी आमंत्रण दिया जा सकता है.
"गैर बीजेपी दलों ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि सभी दलों की एकजुटता से केंद्र से बीजेपी की सरकार जानी तय है. अब व्यवहारिक रूप से बैठक में सब कुछ निर्णय हो जाएग. सभी दलों ने यह स्वीकार कर लिया है कि सभी की भागीदारी से ही विपक्षी दलों की एकजुटता और दिखेगी"- विजय कुमार चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार
विपक्षी एकता का असर: बीजेपी के नेता भले ही लगातार बयान देते रहे हैं कि नीतीश कुमार पिकनिक मनाने के लिए विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से विपक्षी एकता का असर भी दिखने लगा है. अभी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में 19 दलों ने बहिष्कार कर विपक्षी एकजुटता दिखाने की कोशिश की. वहीं, उसके ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक से भी कई राज्यों के मुख्यमंत्री गैरमौजूद रहे. इनमें बिहार, बंगाल, दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल हैं. सभी जगहों पर गैर बीजेपी सरकार है. उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहल पर केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए अध्यादेश के खिलाफ भी विपक्षी एकजुटता की कोशिश हो रही है.
बीजेपी से सीधी टक्कर की तैयारी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिश है बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां विपक्षी दलों को कांग्रेस के साथ गठबंधन में लाकर बीजेपी को सीधी चुनौती दी जाए. इन राज्यों में ढाई सौ से अधिक लोकसभा की सीटें हैं. डेढ़ सौ से अधिक सीटों पर अभी बीजेपी का कब्जा है और इसी में डेंट लगाने की नीतीश कुमार की ओर से 2024 में तैयारी है, जिससे बीजेपी सत्ता से बाहर हो जाए. अब देखना होगा कि 12 जून को जब बैठक होगी तो उसमें कौन-कौन से दल और उनके नेता भाग लेते हैं, जिससे बीजेपी के खिलाफ गठबंधन बनाने के लिए सहमति बन सके.