पटना: बिहार विधान मंडल के बजट सत्र (Bihar Budget 2022) की शुरुआत शुक्रवार (25 फरवरी) से हो गई है. सदन की कार्यवाही के दौरान आज भी विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और जमकर हंगामा किया. माले के सदस्यों (Opposition MLAs protest against corruption in Bihar Assembly) ने बिहार में घोटाले के मुद्दे को विधानसभा में उठाया और वेल में पहुंचकर विधानसभा अध्यक्ष के सामने नारेबाजी करने लगे.
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माले सदस्यों ने वेल में किया हंगामा: माले सदस्य (Male Uproar In Bihar Assembly) हाथों में पोस्टर लेकर सरकार के खिलाफ नारा लगाने लगे. हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने मार्शल से पोस्टर छिनने के लिए कहा. मार्शल ने सभी माले सदस्यों से पोस्टर छीन लिया. उसके बाद अध्यक्ष ने माले सदस्यों को अपने स्थान पर जाकर बैठने का निर्देश भी दिया. अध्यक्ष के निर्देश के बाद सभी सदस्य अपने स्थान पर बैठ गए.
कई मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को घेरा: वहीं शून्यकाल में पिछले साल विधानसभा में विधायकों की पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई का मुद्दा उठाते हुए विपक्षी सदस्यों ने कहा कि दोषी पुलिस कर्मियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यह सदन की भी अवमानना है. इस पर अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह मामला संज्ञान में है. वहीं बालू माफियाओं पर कार्रवाई नहीं किए जाने का मुद्दा भी सदन में उठाया गया.
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आरजेडी ने भी किया हंगामा: राजद सदस्यों (RJD Uproar In Bihar Assembly) ने बालू माफिया और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की. गया में जिस तरह से महिलाओं बुजुर्गों और बच्चों को बांधकर पुलिस ने पीटा था, इस मामले पर भी लगातार हंगामा किया जा रहा है. गया का यह मामला भी बालू माफियाओं और पुलिस के इर्द गिर्द घूमता नजर आया था. इसके साथ ही सूबे में काले सोने का पीला खेल धड़ल्ले से चल रहा है. इसे लेकर आरजेडी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया.
कार्य स्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत: कार्य स्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत किए जाने के बाद भी सदस्यों की ओर से उसे पढ़े जाने पर मंत्री श्रवण कुमार ने आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि प्रस्ताव अस्वीकृत हो जाने पर भी इसे पढ़ा जाना आसन का अपमान है. विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों को बैठने का निर्देश देत हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री इस पर बोलेंगे.
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डिप्टी सीएम का बयान: जब आसन से नियमन हो चुका है कि सरकार इसको संज्ञान में ले. सरकार तो हमेशा आसन का सम्मान की है. इस मामले को स्वत: संज्ञान में ले लिया गया है. वैसे भी सदन में जो विषय शून्यकाल में आते हैं, राज्य में कोई विशेष घटना हो तो, ऐसे मामलों को वैसे भी सरकार गंभीरता से लेती है.
सदन की कार्यवाही: बता दें कि, वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 28 फरवरी को (bihar budget will come on monday) पेश किया गया. बजट पेश होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद हुआ. 2 मार्च को तीसरी बैठक के दिन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के बाद सरकार ने अपना उत्तर दिया. वहीं 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय पर सामान्य विमर्श किया गया.
4 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय पर सरकार का उत्तर हो रहा है. 7 मार्च को तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार का उत्तर होगा. 8 से 25 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुदानों की मांग पर वाद विवाद और मतदान होगा. 28 मार्च को राजकीय विधेयक, 29 को गैर सरकारी संकल्प जबकि 30 मार्च को राजकीय विधेयक और 31 मार्च को अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य पूरे होंगे.
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