पटनाः कोटा से बच्चों को बिहार वापस लाने के मामले को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है. सरकार ने जब से नवादा के एसडीओ को सस्पेंड किया है, तब से विपक्ष सरकार पर हमलावार हो गई है और एकतरफा कार्रवाई को लेकर सवाल कर रही है. इस पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि राजद के पास कोई मुद्दा नहीं बचा, इसलिए वो इस तरह के मामले उठा रही है.
एकतरफा कार्रवाई क्यों?
दरअसल लॉकडाउन के दौरान बीजेपी विधायक अनिल सिंह के अपनी बेटी को कोटा से वापस लाने के मामले में सरकार ने नवादा के एसडीओ को सस्पेंड कर दिया है. लेकिन बीजेपी विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसे लेकर राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सवाल करते हुए कहा कि आखिर एकतरफा कार्रवाई क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि मुख्य दोषी को छोड़कर एसडीओ और विधायक के ड्राइवर को सस्पेंड करना कैसे उचित है? इसका जवाब नीतीश कुमार को देना चाहिए.
'गलत नहीं है बीजेपी विधायक'
राजद के सवालों पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता नवल किशोर यादव ने कहा कि बीजेपी विधायक ने सब नियम कानून के तहत किया है. अगर किसी को इमरजेंसी काम के लिए बाहर जाना है तो सरकार के नियम के तहत वह विशेष अनुमति लेकर जा सकता है और यही बीजेपी विधायक अनिल सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि इसमें वह गलत कैसे हो गए? नवल किशोर यादव ने कहा कि अब राजद के पास कोई मुद्दा नहीं बचा, इसलिए वह इस तरह के मामले उठा रही है.
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
बता दें कि इन सबके बीच पटना हाईकोर्ट ने कोटा से बिहार के बच्चों को वापस लाए जाने के मामले में बिहार सरकार से जवाब मांगा है. वहीं, नवादा एसडीओ को सस्पेंड करने को लेकर बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने आपत्ति जताई है.