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अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी में बिहार, देश में पहली बार पेश होगा ग्रीन बजट - बीजेपी को कोई भी जगह नहीं मिला

सत्ता पक्ष के नेता का कहना है कि ग्रीन बजट एक बहुउद्देशीय और बहु आयामी बजट होगा. वहीं, विपक्ष का मानना है कि जब जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम में बीजेपी को कोई भी जगह नहीं मिली, तो वो ग्रीन बजट लाकर इसकी भरपाई करना चाहते हैं.

पटना
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Published : Feb 7, 2020, 4:03 PM IST

पटना: आगामी बजट सत्र में पहली बार ग्रीन बजट पेश किया जाएगा. देश में पहली बार ग्रीन बजट पेश होगा. विपक्ष इसको लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है. वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी इस बजट को पेश करेंगे. बजट में जलवायु में हो रहे परिवर्तन के रोकथाम और जागरुकता से जुड़े कई कार्य समाहित होंगे.

'तमाम चीजों को किया जा रहा है समाहित'
हालांकि राज्य सरकार जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम पहले से ही चला रही है. जिसके लिए 3 वर्षों में 24 हजार 5 सौ करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी. इस बजट को लेकर अब विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है. विपक्षी नेताओं का मानना है कि जब जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम में बीजेपी को कोई भी जगह नहीं मिली, तो वे ग्रीन बजट लाकर इसकी भरपाई करना चाहते हैं. वहीं, सत्ता पक्ष का मानना है कि ग्रीन बजट में वैसे तमाम चीजों को समाहित किया जा रहा है, जो जल-जीवन-हरियाली में नहीं है.

patna
बिहार विधान सभा

'बीजेपी अपनी अलग दुकान लगाना चाहती है'
आरजेडी विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि एक ओर जहां जेडीयू जल-जीवन-हरियाली में अकेले माइलेज ले रही है, तो अब बीजेपी ग्रीन बजट लाकर अपनी अलग पहचान बनाना चाहती है. वहीं, इसी मुद्दे पर कांग्रेस के नेता हरखू झा ने कहा कि ये चुनावी साल है और सरकार नई-नई चीजों को लाकर जनता को आकर्षित करना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता अब वर्तमान सरकार को बेहतर समझ चुकी है. ग्रीन बजट के नाम पर बीजेपी अपनी अलग दुकान लगाना चाहती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी में है बिहार
इन तमाम सवालों के जवाब में सत्ता पक्ष के नेता कहते हैं कि ग्रीन बजट एक बहुउद्देशीय और बहुआयामी बजट होगा. बीजेपी के प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली और ग्रीन बजट दोनों अलग-अलग चीजें हैं. वर्तमान एनडीए सरकार जनता के लिए काम करती है. किसी परिवार या पार्टी के माइलेज के लिए नहीं. विपक्ष के लोग हताशा हैं और वे बजट को समझना ही नहीं चाहते हैं.

गौरतलब है कि बिहार पहला राज्य होगा, जो जलवायु में हो रहे परिवर्तन की रोकथाम के लिए कई तरह के कदम उठा रहा है. एक ओर जहां जल-जीवन-हरियाली जैसा कार्यक्रम 75 पैमाने पर किया जा रहा है, तो वहीं ग्रीन बजट लाकर बिहार अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी में है.

पटना: आगामी बजट सत्र में पहली बार ग्रीन बजट पेश किया जाएगा. देश में पहली बार ग्रीन बजट पेश होगा. विपक्ष इसको लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है. वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी इस बजट को पेश करेंगे. बजट में जलवायु में हो रहे परिवर्तन के रोकथाम और जागरुकता से जुड़े कई कार्य समाहित होंगे.

'तमाम चीजों को किया जा रहा है समाहित'
हालांकि राज्य सरकार जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम पहले से ही चला रही है. जिसके लिए 3 वर्षों में 24 हजार 5 सौ करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी. इस बजट को लेकर अब विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है. विपक्षी नेताओं का मानना है कि जब जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम में बीजेपी को कोई भी जगह नहीं मिली, तो वे ग्रीन बजट लाकर इसकी भरपाई करना चाहते हैं. वहीं, सत्ता पक्ष का मानना है कि ग्रीन बजट में वैसे तमाम चीजों को समाहित किया जा रहा है, जो जल-जीवन-हरियाली में नहीं है.

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बिहार विधान सभा

'बीजेपी अपनी अलग दुकान लगाना चाहती है'
आरजेडी विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि एक ओर जहां जेडीयू जल-जीवन-हरियाली में अकेले माइलेज ले रही है, तो अब बीजेपी ग्रीन बजट लाकर अपनी अलग पहचान बनाना चाहती है. वहीं, इसी मुद्दे पर कांग्रेस के नेता हरखू झा ने कहा कि ये चुनावी साल है और सरकार नई-नई चीजों को लाकर जनता को आकर्षित करना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता अब वर्तमान सरकार को बेहतर समझ चुकी है. ग्रीन बजट के नाम पर बीजेपी अपनी अलग दुकान लगाना चाहती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी में है बिहार
इन तमाम सवालों के जवाब में सत्ता पक्ष के नेता कहते हैं कि ग्रीन बजट एक बहुउद्देशीय और बहुआयामी बजट होगा. बीजेपी के प्रवक्ता अजीत चौधरी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली और ग्रीन बजट दोनों अलग-अलग चीजें हैं. वर्तमान एनडीए सरकार जनता के लिए काम करती है. किसी परिवार या पार्टी के माइलेज के लिए नहीं. विपक्ष के लोग हताशा हैं और वे बजट को समझना ही नहीं चाहते हैं.

गौरतलब है कि बिहार पहला राज्य होगा, जो जलवायु में हो रहे परिवर्तन की रोकथाम के लिए कई तरह के कदम उठा रहा है. एक ओर जहां जल-जीवन-हरियाली जैसा कार्यक्रम 75 पैमाने पर किया जा रहा है, तो वहीं ग्रीन बजट लाकर बिहार अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी में है.

Intro:सब हेड...
आगामी बजट सत्र में पेश होगा पहला ग्रीन बजट। देश में पहली बार पेश होगा ग्रीन बजट। विपक्ष ग्रीन बजट को लेकर सरकार की मंशा पर उठा रहा सवाल।

आगामी बजट सत्र के दौरान बिहार विधानमंडल में पहली बार गई इन बजट पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी इसे पेश करेंगे। इस बजट में जलवायु में हो रहे परिवर्तन के रोकथाम और जागरूकता से जुड़े कई कार्य समाहित होंगे। हालांकि राज्य सरकार जल जीवन हरियाली कार्यक्रम पहले से ही चला रही है। जिसके लिए 3 वर्षों में 24500 करोड रुपए की राशि खर्च होगी।


Body:ग्रीन बजट पर अब विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। विपक्ष के नेताओं का मानना है कि जब जल जीवन हरियाली कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी को कोई भी जगह नहीं मिला तो वे ग्रीन बजट लाकर इसकी भरपाई करना चाहते हैं।
वहीं सत्ता पक्ष का मानना है कि क्लीन बजट में वैसे तमाम चीजों को समाहित किया जा रहा है जो जल जीवन हरियाली में नहीं है।

राजद विधायक विजय प्रकाश का मानना है कि एक और जहां जदयू जल जीवन हरियाली में अकेले माइलेज ले रही है तो अब भारतीय जनता पार्टी ग्रीन बजट लाकर अपना अलग पहचान बनाना चाहती है।
इसी मुद्दे पर कांग्रेस के नेता हर खुजा कहते हैं कि चुनावी साल है और सरकार नए-नए चीजों को लाकर जनता को आकर्षित करना चाहती है। लेकिन बिहार की जनता अब वर्तमान सरकार को बेहतर समझ चुकी है। क्लीन बजट के नाम पर भारतीय जनता पार्टी अपनी अलग दुकान लगाना चाहती है।


Conclusion:इन तमाम सवालों के जवाब में सत्ता पक्ष के नेता कहते हैं कि ग्रीन बजट एक बहुउद्देशीय और बहु आयामी बजट होगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अजीत चौधरी का मानना है कि जल जीवन हरियाली और ग्रीन बजट दोनों अलग-अलग चीजें हैं। वर्तमान एनडीए सरकार जनता के लिए काम करती है किसी परिवार या पार्टी के माइलेज के लिए नहीं। विपक्ष के लोग हताशा में है और वे बजट को समझना ही नहीं चाहते।
गौरतलब है कि बिहार पहला राज्य होगा जो जलवायु में हो रहे परिवर्तन की रोकथाम के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। एक और जहां जल जीवन हरियाली जैसा कार्यक्रम 75 माने पर किया जा रहा है तो वही ग्रीन बजट लाकर बिहार अग्रणी भूमिका निभाने की तैयारी में है।
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