पटना: डबल इंजन की सरकार के बावजूद नीतीश कुमार को केंद्र सरकार के सामने गुहार लगानी पड़ रही है. सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई बैठक थी. बैठक में नीतीश कुमार ने बिहार को मिल रही केंद्र की मदद में भारी गिरावट का मामला उठाया. नीतीश कुमार ने उग्रवाद और नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र की दी जा रही मदद को नाकाफी बताया. इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी केंद्र सरकार से विशेष सहायता की मांग की है.
नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के सामने अपनी मांगों को रखने के बाद बिहार में राजनीति गरमाने लगी है. विपक्षी नीतीश कुमार को लाचार बता रहे हैं. राजद विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि बिहार के तरक्की के नाम पर नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस गठबंधन से अलग हुए थे. नीतीश कुमार बिहार की जनता को जवाब दें कि आखिर उन्हें केंद्र के सामने गुहार क्यों लगानी पड़ रही है ? विजय प्रकाश कहते हैं कि नीतीश कुमार के बातों का बीजेपी सरकार में कोई महत्व नहीं रह गया है.
कांग्रेस का हल्ला बोल...
इसी मुद्दे पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अशोक राम ने कहा कि कांग्रेस पहले से ही यह बातें कह रही है. केंद्र की राज्य को दी जाने वाली राशि में भारी कटौती की जा रही है. एनडीए से अलग रहने पर नीतीश कुमार भी इस मामले को उठाते रहते थे. लेकिन एनडीए में जाने के बाद कुछ दिनों तक वे चुप बैठे. अब फिर से उन्होंने इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार में डबल इंजन नहीं बल्कि डेढ़ इंजन की सरकार चल रही है.
बीजेपी ने विपक्ष के हमले को बताया निराधार
विपक्ष के किए गए हमले को बीजेपी निराधार बता रही है. बीजेपी प्रवक्ता अजीत चौधरी का कहना है कि विपक्ष का राग अलापना बेमतलब का है. बिहार के मुख्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के सामने राज्यों के विकास के मुद्दे पर अपनी मांगे रखी हैं. बिहार के विकास के लिए केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी. इस मुद्दे पर विपक्ष को राग अलापने से कोई फायदा नहीं होने वाला.