पटना: शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ने वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. बजट में खासकर किसानों पर सरकार मेहरबान दिख रही है. किसानों की आमदनी दोगुनी हो इसको लेकर केंद्र सरकार ने बजट में कृषि रेल-कृषि उड़ानों के साथ किसानों के अन्य सुविधाओं का भी बखूबी ध्यान रखा है. हालांकि, बजट से पटना के किसानों को ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. साथ ही किसान सरकार के उपेक्षा से काफी नाराज भी दिखें.
किसान होते हैं उपेक्षा के शिकार
किसानों का मानना है कि सरकार सिर्फ किसानों की आमदनी दोगुनी करने के नाम पर उनके साथ छलावा कर रही है. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि किसानों को फसल का बीमा दिया जाएगा लेकिन अभी तक किसानों को कुछ नहीं मिला है. हमारा देश कृषि प्रधान देश है लेकिन इस देश में कृषि की हालत बद से बदतर हो गई है. साथ ही किसानों ने कहा कि देश का किसान मौसम की मार से लेकर सरकार की उदासीनता के कारण आए दिन उपेक्षा का शिकार होते रहता है.
'बिचौलियों का लेना पड़ता है सहारा'
किसानों की आमदनी को लेकर भले ही इस बजट में ज्यादा ध्यान दिया गया हो लेकिन सरकार के इस फैसले से किसान नाखुश हैं. किसानों का मानना है कि सरकार ने बजट में किसानों के हित की बात तो की लेकिन समय पर किसानों को खाद-पानी नहीं मिल पाता है. यदि किसान अपनी उपज भी कर लेता है उपज बेचने के लिए बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है. क्योंकि सरकार सही समय पर उनकी उपजे अनाज खरीद नहीं पाती है.