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पटना: आम बजट को लेकर जानें किसानों की राय

किसानों का मानना है कि सरकार सिर्फ किसानों की आमदनी दोगुनी करने के नाम पर उनके साथ छलावा कर रही है. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री शुरू से ही कहती आ रही है कि किसानों को फसल का बीमा दिया जाएगा, लेकिन अभी तक किसानों को कुछ नहीं मिला है.

पटना
बजट 2020-21
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Published : Feb 1, 2020, 3:06 PM IST

पटना: शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ने वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. बजट में खासकर किसानों पर सरकार मेहरबान दिख रही है. किसानों की आमदनी दोगुनी हो इसको लेकर केंद्र सरकार ने बजट में कृषि रेल-कृषि उड़ानों के साथ किसानों के अन्य सुविधाओं का भी बखूबी ध्यान रखा है. हालांकि, बजट से पटना के किसानों को ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. साथ ही किसान सरकार के उपेक्षा से काफी नाराज भी दिखें.

पटना
किसानों का राय जानते संवाददाता

किसान होते हैं उपेक्षा के शिकार
किसानों का मानना है कि सरकार सिर्फ किसानों की आमदनी दोगुनी करने के नाम पर उनके साथ छलावा कर रही है. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि किसानों को फसल का बीमा दिया जाएगा लेकिन अभी तक किसानों को कुछ नहीं
मिला है. हमारा देश कृषि प्रधान देश है लेकिन इस देश में कृषि की हालत बद से बदतर हो गई है. साथ ही किसानों ने कहा कि देश का किसान मौसम की मार से लेकर सरकार की उदासीनता के कारण आए दिन उपेक्षा का शिकार होते रहता है.

पेश है रिपोर्ट

'बिचौलियों का लेना पड़ता है सहारा'
किसानों की आमदनी को लेकर भले ही इस बजट में ज्यादा ध्यान दिया गया हो लेकिन सरकार के इस फैसले से किसान नाखुश हैं. किसानों का मानना है कि सरकार ने बजट में किसानों के हित की बात तो की लेकिन समय पर किसानों को खाद-पानी नहीं मिल पाता है. यदि किसान अपनी उपज भी कर लेता है उपज बेचने के लिए बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है. क्योंकि सरकार सही समय पर उनकी उपजे अनाज खरीद नहीं पाती है.

पटना: शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ने वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया गया. बजट में खासकर किसानों पर सरकार मेहरबान दिख रही है. किसानों की आमदनी दोगुनी हो इसको लेकर केंद्र सरकार ने बजट में कृषि रेल-कृषि उड़ानों के साथ किसानों के अन्य सुविधाओं का भी बखूबी ध्यान रखा है. हालांकि, बजट से पटना के किसानों को ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं. साथ ही किसान सरकार के उपेक्षा से काफी नाराज भी दिखें.

पटना
किसानों का राय जानते संवाददाता

किसान होते हैं उपेक्षा के शिकार
किसानों का मानना है कि सरकार सिर्फ किसानों की आमदनी दोगुनी करने के नाम पर उनके साथ छलावा कर रही है. किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि किसानों को फसल का बीमा दिया जाएगा लेकिन अभी तक किसानों को कुछ नहीं
मिला है. हमारा देश कृषि प्रधान देश है लेकिन इस देश में कृषि की हालत बद से बदतर हो गई है. साथ ही किसानों ने कहा कि देश का किसान मौसम की मार से लेकर सरकार की उदासीनता के कारण आए दिन उपेक्षा का शिकार होते रहता है.

पेश है रिपोर्ट

'बिचौलियों का लेना पड़ता है सहारा'
किसानों की आमदनी को लेकर भले ही इस बजट में ज्यादा ध्यान दिया गया हो लेकिन सरकार के इस फैसले से किसान नाखुश हैं. किसानों का मानना है कि सरकार ने बजट में किसानों के हित की बात तो की लेकिन समय पर किसानों को खाद-पानी नहीं मिल पाता है. यदि किसान अपनी उपज भी कर लेता है उपज बेचने के लिए बिचौलियों का सहारा लेना पड़ता है. क्योंकि सरकार सही समय पर उनकी उपजे अनाज खरीद नहीं पाती है.

Intro:किसानों की आमदनी दोगुनी हो 2020 21 के आम बजट में खासकर रखा गया है ध्यान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में पेश किया बजट लेकिन इस बजट से किसान है ना खुश


Body:पटना-- केंद्र सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2020 21 का आज बजट पेश किया है इस बजट में खासकर किसानों पर सरकार मेहरबान दिख रही है किसानों की आमदनी दोगुनी हो इसको लेकर केंद्र सरकार ने बजट में कृषि रेल कृषि उड़ाने के साथ अन्य सुविधा भी उपलब्ध हो उसको लेकर खासकर ध्यान रखा गया लेकिन केंद्र सरकार के इस बजट से किसान ना खुश दिख रहे हैं किसानों का मानना है कि सरकार सिर्फ किसानों की आमदनी दोगुनी करने के नाम पर उनके साथ छलावा कर रही है। किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि किसानों के फसल का बीमा दिया जाएगा लेकिन अभी तक तो उन्होंने सिर्फ घोषणा की किसानों को कुछ मिला ही नहीं हमारा देश कृषि प्रधान देश है लेकिन इस देश में कृषि की हालत बद से बदतर हो गई है किसान मौसम की मार से लेकर सरकार की उदासीनता के कारण बहुत कुछ सहते आया है किसानों की आमदनी के लेकर इस बजट में भले ही ज्यादा ध्यान दिया गया हो लेकिन सरकार के इस फैसले से किसान अभी भी नाखुश है उन लोगों का दावा है कि सरकार किसानों के साथ सिर्फ छलावा करेगी। किसान का मानना है कि सरकार ने जो बजट पर किसानों को ध्यान दिया है वह तो अच्छी बात है लेकिन अभी भी समय पर किसानों को खाद पानी नहीं मिल पाता है यदि किसान अपनी उपज भी कर लेता है उपज को बेचने के लिए बिजोलिया के हाथ मजबूर हो जाता है क्योंकि किसान सही समय पर उनकी उपजे अनाज खरीद नहीं पाती है।

बाइट-- किसानों की बाइट


Conclusion:2020 21 के बजट में केंद्र सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने की घोषणा के बाद भले ही अपनी पीठ थपथपाते हो लेकिन इस बजट से किसान ना खुश दिख रहे हैं।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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