पटना: पीएम मोदी की तरफ से किए गए आर्थिक पैकेज की घोषणा पर प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है. कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद खेरिया ने कहा है कि वित्त मंत्रालय ने रविवार को जो घोषणाएं की है, उसका भविष्य में दुरुपयोग हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो दूसरों के पैसे मार लेते थे, उनके मन में निर्भयता आएगी और वह जान बूझकर ऐसा करेंगे. क्योंकि अब उन्हें डर नहीं रहेगा. उनके लिए तो अच्छी बात हो गई कि जब तक एक करोड़ की राशि नहीं होगी, उनके ऊपर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो सकती.
लोग उठाएंगे गलत फायद- CII
कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद खेरिया ने कहा कि अगर यह शॉर्ट टाइम के लिए लागू होता है तो ठीक है अन्यथा इसका सिर्फ दुरुपयोग होगा. इसके कारण ईमानदार लोग भी बेईमान बनने को मजबूर हो जाएंगे. जब लोगों को यह भरोसा हो जाएगा कि आप एक करोड़ किसी का रख लें और आप पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, तो लोग इसका दुरुपयोग शुरू कर देंगे. उन्होंने कहा कि भारत में अक्सर ऐसा देखा गया है कि जिस कानून में लोगों को थोड़ी छूट मिल जाती है, लोग उसका ज्यादा दुरुपयोग करते हैं. वहीं, उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार इसको एक लाख की जगह 5 गुना कर देती, लेकिन एक ही बार 100 गुना ज्यादा करना उचित नहीं है.
यह एक बहुत अच्छी घोषणा-BIA
वहीं, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि यह घोषणा बहुत अच्छी है. लेकिन इसके परिणाम आने में काफी समय लगेंगे. जब व्यापार पटरी पर आएगा और सब कुछ ठीक रहेगा, उस समय के लिए यह योजना काफी उचित रहेगी. इसका असर उस समय पता चलेगा. लेकिन, वर्तमान समय में जो दिक्कतें व्यापारियों, इंडस्ट्रियलिस्टों, कामगारों को हो रही हैं, उसका कोई उपाय नजर नहीं आ रहा है. हमारे लिए फिलहाल सबसे बड़ी समस्या है कि हमारे यहां कार्य करने वाले लोगों को सैलेरी कहां से दें, कार्यालय का किराया कहां से दें, बिजली बिल कहां से दे, अपना घर परिवार कैसे चलाएं, क्योंकि आय का स्रोत सब बंद है.
क्या है सरकार की घोषणा
बता दें कि वित्त मंत्रालय ने पहले एमएसएमई की परिभाषा बदलकर उनके लिए विस्तार का रास्ता खोला. इसके बाद उन पर दिवालियापन की कार्रवाई ना हो इसके लिए न्यूनतम सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया गया है. इससे एमएसएमई सेक्टर को फायदा होगा. विशेष दिवालियापन रेज्यूलेशन फ्रेमवर्क को आईबीसी के 240ए में जोड़ दिया जाएगा. एक साल तक दिवालियापन की कोई कार्रवाई शुरू नहीं होगी.