पटना: भूमि एवं राजस्व विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों के रवैये के कारण मोटेशन का काम कई जिलों में लंबित रहता था. विभाग को मिली कई शिकायतों के बाद बड़ी कार्रवाई की गई है. राजस्व विभाग के अधीन सभी अंचल कार्यालयों एवं भू-अभिलेख और परिमाप निदेशालय के जिला कार्यालय में व्यापक उलटफेर किया गया. पहले चरण में 470 अंचलों के ऑपरेटरों का तबादला किया गया.
विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इन ऑपरेटरों के कारण मोटेशन काम लंबित रहता था. यह ऑपरेटर 7-8 सालों से एक ही जगह पर जमे थे. खराब प्रदर्शन करने वालों को ही हटाया गया है. काम में सुधार नहीं होने पर ऑपरेटरों का तबादला जीरो से बाहर भी किया जाएगा. सभी कर्मियों को सुधरने का मौका दिया गया है.
विभाग के पास है पूरा डाटा
विभाग के पास पूरा डाटा है कि किस ऑपरेटर ने कितने महीने तक काम को लंबित रखा. इसी आधार पर जांच के बाद तबादला किया गया है. बेल्ट्रॉन के अधीन काम करने वाले और वर्षों से जमे ऑपरेटरों का तबादला पहली बार हुआ. इसके अलावा सभी जिलों में सर्वे और सेटलमेंट कार्यालय में जमा निम्न वर्गीय लिपिक और उच्च वर्गीय लिपिक से लेकर आदेशपाल तक का तबादला हुआ है.
अंचल कार्यालयों में सुधार की कवायद
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य के सभी अंचल कार्यालयों को सुधारने का ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. शिकायत थी कि ऑनलाइन मोटेशन के मामले में यह ऑपरेटर अंचल के सीईओ से मिली विवाद कर 4 से 5 माह तक काम लटका कर रखते थे. रिश्वत के लेन-देन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे. डिजिटलीकरण के प्रक्रिया को विभाजित किया गया. इससे विकास विभाग और सरकार की बदनामी हुई इसलिए बर्खास्तगी की पूर्व इनका अंतर जिला तबादला किया गया. विभाग के अधिकारी बताते हैं कि अगर इनके रवैए में बदलाव नहीं आया तो इन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है.
विभाग कर रहा समीक्षा
ऑपरेटरों के तबादले के पूर्व नियोक्ता कंपनी बेल्ट्रॉन से भी सहमति ले ली गई है. इसके अलावा 20 जिलों में होने वाले सर्वे को देखते हुए वहां के बंदोबस्त कार्यालयों को भी दुरुस्त किया गया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह बताते हैं कि वहां पर लिपिक समेत अन्य जरूरी कर्मियों की तैनाती किया जा रहा है. इन्हीं जिलों के सेटेलमेंट ऑफिस में कम से कम एक लिपिक की पदस्थापना की गई है. निदेशालय ने तबादले के पूर्व सारी ऑपरेटरों के कामकाज की समीक्षा की है.